IND vs ENG / मुश्किलों भरा रहा सूर्यकुमार यादव का टीम इंडिया तक का सफर, मैच खेलने से पहले रचा इतिहास, जानें...

Zoom News : Feb 21, 2021, 08:43 AM
IND vs ENG: इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए शनिवार को टीम इंडिया का ऐलान हो गया है। अन्य लोगों के साथ मुंबई के धाकड़ बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को टीम में शामिल किया गया है। सूर्यकुमार पहली बार टीम इंडिया के किसी भी फॉर्मेट में शामिल हुए हैं। लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार के पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने वाली टीम में भी शामिल होने की पूरी संभावना थी। सचिन तेंदुलकर से लेकर तमाम क्रिक्रेटरों ने सूर्यकुमार के अभी तक टीम इंडिया में सेलेक्ट नहीं होने पर सवाल भी खड़े किए थे। दोस्तों और परिवार में सूर्या के नाम से मशहूर सूर्यकुमार वैसे तो करीब 15 साल से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन 30 साल की उम्र में पहली बार टीम इंडिया में सेलेक्ट होकर उन्होंने इतिहास रच दिया है।

घरेलू क्रिक्रेट में सूर्यकुमार मुंबई के लिए खेलते हैं। आईपीएल में पहली बार 2011 में वह मुंबई इंडियन का हिस्सा बने थे। बीच में कोलकाता राइडर्स के साथ भी रहे। सूर्यकुमार ने पिछले सीजन में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 16 मैचों में 480 रन बनाए थे। इसकी बदौलत मुंबई इंडियंस की टीम रिकॉर्ड पांचवीं बार आईपीएल का खिताब अपने नाम करने में सफल रही थी।

बनारस के रहने वाले हैं सूर्यकुमार यादव

सूर्यकुमार यादव का परिवार बनारस का मूल निवासी है। पिता अशोक यादव का पूरा परिवार अब भी सैदपुर (अब गाजीपुर) के हथौड़ा गांव में रहता है। पिता अशोक कुमार यादव की मुंबई में नौकरी के कारण सूर्यकुमार की एजुकेशन मुंबई में ही हुई। सूर्यकुमार कुमार यादव के पिता अशोक यादव मुंबई में ही भाभा अटानमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) में इंजीनियर हैं। दादा श्री विक्रमा सिंह यादव सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर रहे और 1991 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित हुए थे। सूर्यकुमार यादव ने मुंबई के ही परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय से शुरुआती पढ़ाई की। पिल्लई कॉलेज ऑफ आर्ट्स, कॉमर्स एंड साइंस मुंबई से बीकॉम किया। सूर्या के शुरुआती कोच इनके चाचा विनोद यादव रहे। बाद में चंद्रकांत पंडित और एचएस कामथ से कोचिंग ली।

चार साल दोस्ती के बाद देविशा से शादी

सूर्या ने 2016 में अपनी फ्रेंड और डांस कोच देविशा शेट्टी से शादी की। 2012 में सूर्यकुमार की मुलाकात पहली बार अपनी देविशा से आरए पोडर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स मुंबई में हुई। देवीशा सूर्यकुमार की बल्लेबाजी से काफी प्रभावित थीं, जबकि सूर्यकुमार देवीशा के डांस से प्रभावित थे। परिवार में पिता अशोक और मां सपना के अलावा बहन दिनल हैं। सूर्या इस समय भारत पेट्रोलियम में मैनेजर हैं।

पिछले साल हो गए थे बेहद निराश

आईपीएल और घरेलू टूर्नामेंटों में लगातार दमदार प्रदर्शन करने के बाद भी पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अनदेखी से सूर्यकुमार यादव काफी निराशा हो गए थे। तब मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने उनकी निराशा दूर की और अपने खेल पर ही ध्यान देने को कहा था। सूर्या ने तब माना था कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए टीम का चयन उनके दिमाग में था। उन्होंने हालांकि दिमाग को भटकने से बचाने के लिए कुछ चीजों को खुद से अलग किया था। सूर्या ने जब देखा कि उनका नाम लिस्ट में शामिल नहीं है, तो उन्हें काफी निराशा हुई। सूर्या ने तब बताया था कि टीम की घोषणा के बाद जिम में रोहित मेरे बगल में बैठे थे। मैंने कहा कि जाहिर है, थोड़ा निराश हूं। बाद में मैं एक कमरे में बैठ गया और सोचने लगा, मेरा नाम क्यों नहीं है। लेकिन सेलेक्ट हुई टीम को देखने के बाद लगा कि उसमें बहुत सारे खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने भारतीय टीम और आईपीएल में खूब रन बटोरे हैं।

रोहित शर्मा के शब्दों ने निराशा से निकाला

सूर्या ने कहा कि रोहित के ‘उन शब्दों’ ने उन्हें निराशा से बाहर आने में मदद की। बाद में रोहित शर्मा ने कहा था तुम अभी मुंबई इंडियन के लिए शानदार काम कर रहे हैं, और उसके बारे में सोचने के बजाय, सिर्फ वही चीज करते रहो जो इस आईपीएल में पहले दिन से करते आ रहे हो। और जब समय सही होगा, तो मौका भी मिल जाएगा। यह आज हो या कल, यह होगा आपको बस खुद पर विश्वास रखना होगा। फिर मुझे लगा कि इन बातों को सोचने के बजाय मुझे अपना काम करना चाहिये। यानी लगातार रन बनाना चाहिए।

लॉकडाउन में कड़ी मेहनत ने दिखाया था रंग

आकाश चोपड़ा के शो आकाशवाणी में इंटरव्यू के दौरान सूर्यकुमार यादव ने आईपीएल 2020 में अपनी कामयाबी को लेकर बात करते हुए कहा कि उन्होंने लॉकडाउन के समय में खुद की फिटनेस और खेल पर काफी काम किया था। इसका उनको फायदा मिला। उन्होंने इस सीजन की शुरुआत से पहले कुछ नए शॉट्स पर भी काम किया था, जो कि उनके लिए काफी कारगर रहे। पिछले सीजन तक सूर्युकमार यादव का स्ट्राइक रेट शुरू के 6 ओवर के बाद काफी कम हो जाता था, लेकिन इस बार पूरे मैच के दौरान तेजी से रन बटोरे। 

अपने खेल से जताया था इरादा

'मैं हूं ना' सेलिब्रेशन के पीछे का कारण बताते हुए सूर्यकुमार यादव ने कहा कि वह अचानक ही हुआ था। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया में सिलेक्शन नहीं होने के बाद वह निराश थे और उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ इस मैच में बड़ी पारी खेलने का इरादा बनाया था और जब वह ऐसा करने में सफल रहे तो उन्होंने इशारों के जरिए सभी को दिखाने का प्रयास किया कि उनके अंदर भी काबिलियत है और वह ऐसी बड़ी पारी खेलने में सक्षम हैं।उपलब्धियां 

सूर्य कुमार 2013 में अंडर-23 टीम में बतौर कप्तान शामिल हुए और इमर्जिंग एशिया कप भारत की झोली में डाला था। 2011-12 के रणजी सीज़न में उड़ीसा के खिलाफ दोहरा शतक लगाया। वर्ष 2010-11 के सत्र में अंडर-22 में 1000 से अधिक रन बनाए और एमए चिदंबरम ट्रॉफी जीती।

वर्ष 2011-12 के रणजी ट्रॉफी सत्र में सर्वाधिक 754 रन बनाए थे। 2011-12 रणजी सीजन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। इसी के बाद आईपीएल में शामिल हुए। सूर्या अपने सिग्नेचर शॉट ‘स्वीप शॉट’ के लिए जाने जाते हैं। वह तेज गेंदबाजों के खिलाफ डीप स्क्वायर लेग पर छक्का लगाने का भी सामर्थ्य रखते हैं।

टैटू के दिवाने

सूर्यकुमार यादव टैटू के खास दीवाने हैं। दाहिने कंधे पर माता-पिता का चेहरा बनवाया हुआ है। दाहिने हाथ की कलाई पर माता-पिता का नाम गुदवाया हुआ है। बाएं हाथ की कलाई पर "Life is what you make it" लिखवाया है। बाएं पैर पर "Take one step at a time" लिखवाया है। बाएं हाथ और बाएं सीने के हिस्से पर माओरी शैली का टैटू बनवाया है। 

बचपन से ही बैंडमिंटन और क्रिकेट में रुचि रही

बचपन से ही सूर्या की क्रिकेट और बैडमिंटन में रुचि रही। लेकिन एक दिन उनके पिता ने क्रिकेट या बैडमिंटन के बीच चयन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वह दो रास्तों में से एक का चयन करें। बहुत विचार-विमर्श करने के बाद उन्होंने क्रिकेट का चयन किया। सूर्यकुमार यादव के चाचा विनोद यादव उनके पहले क्रिकेट कोच थे। जब वह 10 साल के थे, तब उनका परिवार वाराणसी से मुंबई ट्रांसफर हो गया था और उसी साल उन्होंने अपनी स्कूली टीम के लिए क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।

वेंगसरकर क्रिकेट अकादमी से प्रशिक्षण

सूर्या ने मुंबई स्थित दिलीप वेंगसरकर की ‘वेंगसरकर क्रिकेट अकादमी’ से क्रिकेट प्रशिक्षण प्राप्त किया। वर्ष 2010 में, उन्होंने दिल्ली के खिलाफ प्रथम श्रेणी के सत्र में मुंबई के लिए खेलते हुए 89 गेंदों पर 73 रन बनाए थे।

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