News18 : Apr 16, 2020, 11:49 AM
मुंबई। चमक-धमक वाली ग्लैमर इंडस्ट्री किसे आकर्षित नहीं करती लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए लोगों को कई संघर्षों से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसी ही कुछ कहानी है खूबसूरती की मिसाल कही जाने वाली एक्ट्रेस सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) की। वो सबसे प्रतिष्ठित ब्यूटी पीजेंट का ताज अपने नाम कर चुकी हैं। वहीं हाल ही में सुष्मिता सेन से जुड़ी एक ऐसी कहानी वायरस हो रही है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यही नहीं इस कहानी के साथ उन्होंने ये साबित किया है कि अगर जज्बा है तो कुछ भी हासिल करना मुश्किल नहीं है। ये कहानी तब की है जब सुष्मिता को मिस इंडिया प्रतियोगिता (Miss India) के लिए सिलेक्ट कर लिया गया था लेकिन उनके पास गाउन बनवाने के लिए पैसे नहीं थे।
सुष्मिता सेन ने शोहरत तक का सफर कड़ी मशक्कत से हासिल किया था। वो एक मिडिल क्लास परिवार से थीं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि जब उन्हें मिस इंडिया के कॉप्टीशन के लिए सिलेक्ट कर लिया गया था उस वक्त वह ब्रैंडेड कपड़े अफोर्ड नहीं कर सकती थीं। इस ब्यूटी पीजेंट के लिए दो गाउन होने जरूरी थे और उनके पास मंहगे गाउन बनवाने के लिए बिल्कुल पैसे नहीं थे। लेकिन उनकी मां ने उन्हें हिम्मत नहीं हारने दी। उन्होंने मोजे और पर्दे के कपड़े से ड्रेस तैयार करवाई गई थी।
सुष्मिता सेन ने बताया कि उन्होंने दिल्ली के सरोजिनी मार्केट से ब्यूटी पीजेंट के लिए कपड़ा खरीदा था। सुष्मिता लोकल मार्केट से कपड़ा लेकर आईं और उन्होंने अपने घर के पास बैठने वाले एक टेलर को कपड़ा दिया और कहा कि ये कॉम्पिटीशन में पहनना है तो अच्छे से बनाइएगा। वो टेलर ड्रेस नहीं बनाता था लेकिन उसने सुष्मिता की मदद दी और पर्दे के कपड़े से शानदार ड्रेस तैयार की। गाउन का डिजाइन कैसा हो, इसके लिए सुष्मिता की मां शुभ्रा सेन ने एक मैगजीन की हेल्प ली थी।इसके अलावा उनके दस्ताने भी बड़े यूनीक तरीके से तैयार किए गए थे। सुष्मिता सेन ने बताया कि इस ड्रेस के साथ दस्तानों को नए मोजे लाए गए और उन्हें काटकर इस पर लेस लगाई गई और मोजे को इस तरह खूबसूरत और स्टाइलिश दस्ताने की शक्ल दी गई। सुष्मिता सेन ने पर्दे के कपड़े के गाउन और मोजे के बने ग्लव्स को पहनकर ब्यूटी पेजेंट जीता था। उस दिन को याद कर सुष्मिता आज भी बेहद इमोशनल हो जाती हैं और कहती हैं कि कुछ भी हासिल करने के लिए पैसे से ज्यादा जज्बे की जरूरत होती है।
सुष्मिता सेन ने शोहरत तक का सफर कड़ी मशक्कत से हासिल किया था। वो एक मिडिल क्लास परिवार से थीं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि जब उन्हें मिस इंडिया के कॉप्टीशन के लिए सिलेक्ट कर लिया गया था उस वक्त वह ब्रैंडेड कपड़े अफोर्ड नहीं कर सकती थीं। इस ब्यूटी पीजेंट के लिए दो गाउन होने जरूरी थे और उनके पास मंहगे गाउन बनवाने के लिए बिल्कुल पैसे नहीं थे। लेकिन उनकी मां ने उन्हें हिम्मत नहीं हारने दी। उन्होंने मोजे और पर्दे के कपड़े से ड्रेस तैयार करवाई गई थी।
सुष्मिता सेन ने बताया कि उन्होंने दिल्ली के सरोजिनी मार्केट से ब्यूटी पीजेंट के लिए कपड़ा खरीदा था। सुष्मिता लोकल मार्केट से कपड़ा लेकर आईं और उन्होंने अपने घर के पास बैठने वाले एक टेलर को कपड़ा दिया और कहा कि ये कॉम्पिटीशन में पहनना है तो अच्छे से बनाइएगा। वो टेलर ड्रेस नहीं बनाता था लेकिन उसने सुष्मिता की मदद दी और पर्दे के कपड़े से शानदार ड्रेस तैयार की। गाउन का डिजाइन कैसा हो, इसके लिए सुष्मिता की मां शुभ्रा सेन ने एक मैगजीन की हेल्प ली थी।इसके अलावा उनके दस्ताने भी बड़े यूनीक तरीके से तैयार किए गए थे। सुष्मिता सेन ने बताया कि इस ड्रेस के साथ दस्तानों को नए मोजे लाए गए और उन्हें काटकर इस पर लेस लगाई गई और मोजे को इस तरह खूबसूरत और स्टाइलिश दस्ताने की शक्ल दी गई। सुष्मिता सेन ने पर्दे के कपड़े के गाउन और मोजे के बने ग्लव्स को पहनकर ब्यूटी पेजेंट जीता था। उस दिन को याद कर सुष्मिता आज भी बेहद इमोशनल हो जाती हैं और कहती हैं कि कुछ भी हासिल करने के लिए पैसे से ज्यादा जज्बे की जरूरत होती है।