देश / चीन के छक्के छुड़ाएगा स्वदेशी तेजस, इजरायल की इस मिसाइल से है लैस

AajTak : May 27, 2020, 10:31 AM
दिल्ली: चीन के साथ लद्दाख और अन्य सीमाओं पर लगातार चल रहे विवाद के बीच भारतीय वायुसेना ने अपनी 18वीं स्क्वॉड्रन को सक्रिय कर दिया है। इसका आदेश एयरफोर्स चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने दिया है। उन्होंने सुलूर में स्थित 18वीं स्क्वॉड्रन में तैनात फ्लाइंग बुलेट्स यानी हल्के लड़ाकू विमान एलसीए तेजस को सक्रिय रहने के लिए कहा है। 18वीं स्क्वॉड्रन का ध्येय वाक्य है तीव्र और निर्भय। यानी दुश्मन से तेज और न डरने वाला।

भारतीय वायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft - LCA) तेजस को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से खरीदा है। नवंबर 2016 में वायुसेना ने 50,025 करोड़ रुपए में 83 तेजस मार्क-1ए की खरीदी को मंजूरी दी थी। इस डील पर अंतिम समझौता करीब 40 हजार करोड़ रुपए में हुआ है। यानी पिछली कीमत से करीब 10 हजार करो़ड़ रुपए कम।

सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन ने पिछले साल बेंगलुरू में एयरो इंडिया शो के दौरान तेजस को अंतिम परिचालन मंजूरी दी थी। इस दौरान तेजस की कई क्षमताओं की जांच कर उन्हें वायुसेना के लिहाज से उपयुक्त पाया गया था। वायुसेना ने 40 तेजस खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें से अब तक 18 तेजस भारतीय वायुसेना को सौंपे जा चुके हैं। इनके लिए सुलूर में एक स्क्वॉड्रन बनाई गई है।

तेजस विमान पाकिस्तान और चीन के संयुक्त उत्पादन थंडरबर्ड से कई गुना ज्यादा दमदार है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब तेजस की प्रदर्शनी की बात की गई थी, तब पाकिस्तान और चीन ने थंडरबर्ड को प्रदर्शनी से हटा लिया था। ये बात है बहरीन इंटरनेशनल एयर शो की। तेजस चौथी पीढ़ी का विमान है, जबकि थंडरबर्ड मिग-21 को सुधारकर बनाया जा रहा है।

तेजस हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं।तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है। तेजस सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है। तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। LCA तेजस को विकसित करने की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपए रही है।


जानिए इसकी गति और ताकत के बारे में

2222 किमी/घंटा की गति से उड़ान भरने में सक्षम।3000 किमी तक एक बार में भर सकता है उड़ान।43।4 फीट लंबा, 14।9 फीट ऊंचा है तेजस फाइटर।13,500 किलो वजन होता है सभी हथियारों के साथ।

6 तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हो सकती हैं तैनात। ये हैं- डर्बी, पाइथन-5, आर-73, अस्त्र, असराम, मेटियोर। 2 तरह की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें यानी ब्रह्मोस-एनजी और डीआरडीओ एंटी-रेडिएशन मिसाइल और ब्रह्मोस-एनजी एंटी शिप मिसाइल। इसके अलावा इसपर लेजर गाइडेड बम, ग्लाइड बम और क्लस्टर वेपन लगाए जा सकते हैं।

कभी देश की शान रहे मिग-21 विमान अब पुराने हो चुके हैं। इनकी वजह से एयरफोर्स के करीब 43 जवान शहीद हो चुके हैं। इसलिए इन्हें फ्लाइंग कॉफिन तक कहा जाने लगा था। देश में पिछले 45 साल में करीब 465 मिग विमान गिर चुके हैं। वो भी दुश्मन से बिना लड़े। जंग के मैदान में तो सिर्फ 11 मिग विमान गिरे हैं। देश के लिए नए विमान की जरूरत देखते हुए इसकी तैयारी 1980 में ही शुरू कर दी गई थी। करीब, दो दशकों की तैयारी और विकास के बाद 4 जनवरी 2001 को तेजस ने अपनी पहली उड़ान भरी थी।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए गए इस विमान का आधिकारिक नाम 'तेजस' पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने दिया था। यह संस्कृत का शब्द है। जिसका अर्थ होता है अत्यधिक ताकतवर ऊर्जा। HAL ने इस विमान को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) यानी हल्का युद्धक विमान प्रोजेक्ट के तहत बनाया है।

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