देश / टाटा कंपनी बनाएगी संसद की नई इमारत? 862 करोड़ में जीती पहली बोली

AajTak : Sep 17, 2020, 08:36 AM
दिल्ली में संसद की नई इमारत बनाने का काम टाटा कंपनी को मिल सकता है। उसने शुरुआती बोली जीत ली है। अधिकारियों ने बताया कि टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने बुधवार को 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नया संसद भवन बनाने के लिए बोली लगाई। एलएंडटी लिमिटेड ने 865 करोड़ रुपये की बोली पेश की थी।

टाटा कंपनी ने इस बारे में 'इंडिया टुडे' को बताया कि हमने एल1 बोली जीती है न कि यह अंतिम बोली है। टाटा ने इसके लिए लगभग 862 करोड़ की लागत बताई है जबकि एलएंडटी ने 865 करोड़ रुपये का खर्च बताया था।

बता दें, बुधवार को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने वित्तीय बोली की शुरुआत की। इसमें टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने 861.90 करोड़ की बोली लगाई जबकि लार्सन एंड टूब्रो ने 865 करोड़ की लागत बताई। टाटा की बोली कम है, इसलिए यह लगभग तय है कि संसद का निर्माण कार्य टाटा को मिलेगा। 

सुरक्षा के मद्देनजर नई बिल्डिंग का प्रस्ताव

संसद भवन की इमारत काफी पुरानी हो गई है और सुरक्षा को देखते हुए इस पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए केंद्र सरकार ने संसद का नया भवन बनाने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है।  

संसद के नए भवन को मौजूदा भवन के नजदीक ही बनाया जाएगा। इसका निर्माण सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक अगले 21 महीने में संसद के नए भवन का निर्माण पूरा हो जाएगा। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के मुताबिक, संसद की नई इमारत प्लॉट नंबर 118 पर बनाई जाएगी और पार्लियामेंट हाउस एस्टेट में स्थित होगी।

सीपीडब्ल्यूडी ने कहा कि मौजूदा संसद अपना काम जारी रखेगी और उधर नए भवन का निर्माण भी जारी रहेगा। इससे पहले सीपीडब्ल्यूडी ने बताया था कि तीन कंस्ट्रक्शन कंपनियां संसद भवन की नई इमारत बनाने के लिए फाइनेंशियल बिड जमा करने के लिए पात्र मानी गई हैं। इनमें लार्सन एंड टूब्रो (L&T), टाटा प्रोजेक्ट्स, शापूरजी पालोनजी एंड कंपनी शामिल हैं। हालांकि, टाटा प्रोजेक्ट को अब इसका जिम्मा दिया गया है।

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत संसद भवन की नई इमारत बनाई जानी है। यह इमारत मौजूदा संसद भवन के पास ही प्लॉट नंबर 118 पर बनाई जाएगी। यह इमारत बेसमेंट को मिलाकर दो मंजिल की होगी। सीपीडब्ल्यूडी के मुताबिक निर्माण कार्य 21 महीने में पूरा होगा। 

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