विश्व / थाईलैंड स्वर्ण भूमि का हिस्सा है यहां के कण-कण और जन-जन में अपनापन नजर आता है: पीएम मोदी

AMAR UJALA : Nov 03, 2019, 07:25 AM
वर्ल्ड डेस्क | थाईलैंड दौरे के पहले दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान राम की मर्यादा और भगवान बुद्ध की करुणा की हमारी साझी विरासत है। करोड़ों भारतीयों का जीवन जहां रामायण से प्रेरित होता है, वहीं, दिव्यता थाईलैंड में रामायण की है।

गरुड़ के प्रति अप्रतिम श्रद्धा है। एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि थाईलैंड के कण-कण और जन-जन में अपनापन नजर आता है। आप थाईलैंड और भारत के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्तों की मजबूत कड़ी हैं। भारत का नाम पौराणिक काल के जम्बू द्वीप से जुड़ा है। वहीं, थाईलैंड स्वर्ण भूमि का हिस्सा है। जम्बूद्वीप और स्वर्ण भूमि का यह जुड़ाव हजारों साल पुराना है।

पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत में योग्यता और इनोवेटिव दिमाग को प्रोत्साहित कर रहे हैं। सूचना और संचार तकनीक में भारत जो काम कर रहा है उसका लाभ थाईलैंड को भी मिले, इसके लिए भी प्रयास चल रहे हैं। अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते उन्होंने हुए कहा, ‘भारत में गरीब परिवारों की रसोई धुएं से मुक्त हो रहा है।

थाईलैंड की आबादी से भी अधिक लोगों को (8 करोड़) मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिया गया। आयुष्मान भारत योजना 50 करोड़ भारतीयों को 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की हेल्थ कवरेज दे रही है। अभी इस योजना को एक साल पूरा हुआ है, लेकिन करीब 60 लाख लोगों को इसका लाभ मिला है। हर भारतीय को बैंक खाता और बिजली कनेक्शन से जोड़ा गया, अब हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।

5 साल में भारतीयों का सिर ऊंचा हुआ

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पिछले पांच साल में कई जगह जाने का मौका मिला और हर जगह भारतीयों से मिलकर उनसे आशीर्वाद लेने की कोशिश करता रहा हूं। जहां भी रहें, आप में भारत रहता है। आपके भीतर भारत की संस्कृति और सभ्यता के मूल्य जीवंत रहते हैं। जब वहां के नेता, बिजनेस लीडर भारतीयों की तारीफ करते हैं तब बहुत गर्व होता है। इसके लिए दुनिया में फैले सभी भारतीय बधाई के पात्र हैं। यही तो वह ताकत है जब कोई भी भारतीय कुछ कहता है तो दुनिया उसको गौर से सुनती है।’

अब टूरिज्म से मजबूत हो रहा है संबंध

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे प्राचीन व्यापारिक रिश्ते में टेक्सटाइल की अधिक भूमिका रही है। अब पर्यटन इस कड़ी को और मजबूत कर रहा है। नार्थ ईस्ट इंडिया को हम साउथ ईस्ट एशिया के गेटवे के रूप में विकसित कर रहे हैं। भारत, म्यांमार और थाईलैंड के बीच हाईवे शुरू हो जाएगा तो इस पूरे क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन भी बढ़ेगा। ओसीआई कार्ड को अधिक लचीला बनाया गया है। भारत की दुनिया में पहुंच बढ़ी है तो उसमें प्रवासी भारतीयों का बड़ा रोल है। इसे और सशक्त करना है।

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