देश / कोविड 19 महामारी के 8 महीने बाद भी ICU बेड मरीजों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज

News18 : Sep 22, 2020, 06:27 AM
नई दिल्ली। भारत में तकरीबन हर रोज 90 हजार से ज्यादा कोरोना (Covid-19) के नए मामले (New Cases) सामने आ रहे हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ गंभीर संक्रमितों के लिए आईसीयू बेड (ICU Bed) की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है। स्वतंत्र आंकड़ों (Independent estimates) में दावा किया गया है कि अक्टूबर के मध्य तक भारत मरीजों की संख्या के मामले में अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा। इस बीच सरकार का कहना है कि देश में कोरोना के 92 प्रतिशत केस माइल्ड (Mild Cases) हैं।


क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े

स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण का कहना है कि सिर्फ 6 प्रतिशत कोरोना रोगियों को ही अस्पतालों में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इसमें भी 3।69 प्रतिशत मरीजों को सिर्फ ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है और 2।17 प्रतिशत को आईसीयू बेड की जरूरत होती है।


देशभर के सर्वे में क्या सामने आया?

हालांकि लोकल सर्किल (LocalCircles) द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक मरीजों को आईसीयू बेड हासिल करने के लिए सिफारिश तक की जरूरत पड़ रही है। देश के 211 जिलों में किए गए सर्वे के मुताबिक 37 प्रतिशत लोगों ने माना कि आईसीयू बेड के लिए उन्होंने 'कॉन्टैक्ट' का इस्तेमाल किया। इस सर्वे में करीब 17 हजार लोगों से पूछताछ की गई है। सात प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्हें आईसीयू बेड हासिल करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। यहां तक कि सात प्रतिशत लोगों का यह भी कहना है कि उन्होंने आईसीयू बेड के लिए घूस दी। इस सर्वे में सिर्फ चार प्रतिशत लोगों का कहना था कि उन्हें आसानी से बेड मिल गया।

92 प्रतिशत लोगों का मानना-कोरोना के मद्देनजर आईसीयू बेड बढ़ाएं अस्पताल

कुछ लोगों ने यह भी बताया कि उन्हें बेड हासिल करने के लिए सोशल मीडिया पर मामला उठाना पड़ा। तकरीबन 92 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अस्पतालों को कोविड 19 के मद्देनजर आईसीयू बेड की संख्या बढ़ानी चाहिए। कुछ लोगों ने बताया कि दिल्ली सरकार के ऐप 'दिल्लीकोरोना' पर तो अस्पतालों में आईसीयू बेड की उपलब्धता दिखाई जा रही थी लेकिन अस्पताल पहुंचने पर बेड नहीं मिला। दिल्ली सरकार का कहना है कि बीते कुछ दिनों के भीतर राज्य में 500 कोरोना बेड बढ़ाए गए हैं।

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