कोरोना अलर्ट / दम घोंट देता है कोरोना, देखते रह जाते हैं डॉक्टर, वेंटिलेटर भी काम नहीं आता

कोरोना वायरस की वजह से मरीजों का दम घुट रहा है। वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी बेकार साबित हो रहे हैं। डॉक्टर मरीजों को मरते हुए देखते रह जाते हैं। ऐसा हो रहा है दुनिया के कई जगहों पर। लेकिन ये दिक्कत है क्या? क्यों डॉक्टर इसे रोक नहीं पा रहे? क्यों वेंटिलेटर्स काम नहीं कर पा रहे इस संकट से जूझने में? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब..

AajTak : Apr 23, 2020, 11:10 AM
कोरोना वायरस की वजह से मरीजों का दम घुट रहा है। वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी बेकार साबित हो रहे हैं। डॉक्टर मरीजों को मरते हुए देखते रह जाते हैं। ऐसा हो रहा है दुनिया के कई जगहों पर। लेकिन ये दिक्कत है क्या? क्यों डॉक्टर इसे रोक नहीं पा रहे? क्यों वेंटिलेटर्स काम नहीं कर पा रहे इस संकट से जूझने में? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब।।।

न्यूयॉर्क सिटी के बेलेउवे हॉस्पिटल के डॉक्टर रिचर्ड लेवितान ने कहा कि मैं दो दशकों से मेडिकल के छात्रों को वेंटिलेटर्स के बारे में सबकुछ बता रहा हूं। उसकी ताकत के बारे में पढ़ाता हूं। लेकिन कोरोना वायरस से बीमार मरीजों में एक ऐसी दिक्कत सामने आ रही है, जिसमें वेंटिलेटर्स भी मदद नहीं कर पा रहे हैं।

इस दिक्कत का नाम है हाइपोक्सिया। इसे सामान्य भाषा में कहेंगे शरीर के अंदर ऑक्सीजन की मात्रा का गिरना या कम हो जाना। डॉ। रिचर्ड लेवितान ने कहा कि कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के फेफड़ों में कफ या म्यूकस या फ्लूड भरा होता है। इसके बावजूद उन्हें सांस लेने में दिक्कत नहीं होती। जब तक स्थिति बहुत ज्यादा न बिगड़ जाए। 

डॉक्टर रिचर्ड ने बताया कि लेकिन अब कम ऑक्सीजन से मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हाइपोक्सिया की वजह से शरीर में ऑक्सीजन कम होने लगता है। शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। आखिरकार मरीज की मौत हो जाती है। ये खबर डेली मेल वेबसाइट पर प्रकाशित हुई है। 

हाइपोक्सिया की दिक्कत तब होती है जब आपके शरीर में मौजूद खून में ऑक्सीजन की मात्रा घटती है। इसकी वजह नसों के टिश्यू खराब होने लगते हैं। धीरे-धीरे यह प्रक्रिया पूरे शरीर में होने लगती है। 

डॉ। रिचर्ड ने बताया कि हाइपोक्सिया की दिक्कत बिना बताए आती है। यानी अचानक ही मरीज के शरीर में मौजूद ऑक्सीजन का लेवल कम होने लगेगा। कुछ ही मिनटों में मरीज का दिल, दिमाग, लिवर और अन्य अंग काम करना बंद कर देते हैं।