News18 : Apr 14, 2020, 03:15 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने 3 मई तक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को बढ़ा दिया है। ब्रिटिश ब्रोकरेज कंपनी Barclays की रिपोर्ट के मुताबिक इस लॉकडाउन के बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को 17.58 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इससे कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत की जीडीपी वृद्धि (GDP Growth) की रफ्तार मंद बनी रहेगी। कंपनी ने कहा है कि कैलेंडर वर्ष 2020 में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार शून्य रहने की आशंका है। वित्त वर्ष 2020-21 में देश की GDP वृद्धि की रफ्तार 0।8 फीसद पर रहने का अनुमान है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से लागू लॉकडाउन की अवधि को तीन मई, 2020 तक बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की समयसीमा को बढ़ाना जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से कम प्रभावित क्षेत्रों में 20 अप्रैल से कुछ छूट देने का संकेत दिया लेकिन साथ ही कहा कि यह छूट सशर्त दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं होने या कोरोना के मामले पाए जाने पर छूट वापस ले ली जाएगी।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 3.5 फीसद से घटाकर 0.8 फीसदकंपनी ने इससे पहले अपने अनुमान में कहा था कि तीन सप्ताह के लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर का नुकसान होगा। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान का आंकड़ा 234।4 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। कंपनी ने पहले अपने अनुमान में कहा था कि कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत की जीडीपी वृद्धि की रफ्तार 2।5 फीसद पर रह सकती है। अब कंपनी ने इसे घटाकर शून्य कर दिया है। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 3।5 फीसद से घटाकर 0।8 फीसद कर दिया है।ब्रिटिश कंपनी ने कहा है कि भारत के तीन मई तक पूर्ण लॉकडाउन अपनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था पर पूर्व के अनुमान से ज्यादा असर पड़ने की आशंका पैदा हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से कम प्रभावित क्षेत्रों में 20 अप्रैल से कुछ छूट देने का संकेत दिया लेकिन साथ ही कहा कि यह छूट सशर्त दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं होने या कोरोना के मामले पाए जाने पर छूट वापस ले ली जाएगी।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 3.5 फीसद से घटाकर 0.8 फीसदकंपनी ने इससे पहले अपने अनुमान में कहा था कि तीन सप्ताह के लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर का नुकसान होगा। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान का आंकड़ा 234।4 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। कंपनी ने पहले अपने अनुमान में कहा था कि कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत की जीडीपी वृद्धि की रफ्तार 2।5 फीसद पर रह सकती है। अब कंपनी ने इसे घटाकर शून्य कर दिया है। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 3।5 फीसद से घटाकर 0।8 फीसद कर दिया है।ब्रिटिश कंपनी ने कहा है कि भारत के तीन मई तक पूर्ण लॉकडाउन अपनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था पर पूर्व के अनुमान से ज्यादा असर पड़ने की आशंका पैदा हो गई है।