News18 : Jul 06, 2020, 11:08 AM
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ शहरों में तो हालात चिंताजनक बने हुए हैं। कोविड-19 (Covid-19) मरीजों के लिए देश भर के अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की गई है। ऐसा ही एक अस्पताल बेंगलुरु में है। वहां कोविड 19 महामारी से ग्रस्त मरीजों के बेड हैं, वेंटिलेटर हैं, आईसीयू (Covid-19 hospital) में भी पूरा इंतजाम है। लेकिन इस अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं। ऐसे में अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने वीडियो जारी कर अन्य डॉक्टरों से काम पर आने की अपील की है। बता दें कि कर्नाटक में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 20 हजार से अधिक हो गए हैं।
यह मामला बेंगलुरु के एचबीएस अस्पताल का है। यहां के डॉक्टर ताहा मतीन ने एक वीडियो जारी कर डॉक्टर साथियों से काम पर आकर मरीजों का इलाज करने की अपील की है। उन्होंने वीडियो में कहा है कि डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ वापस आएं और आईसीयू में भर्ती कोविड-19 मरीजों का इलाज करें। उन्होंने डॉक्टरों से यह भी अपील की है कि वे रोजाना सिर्फ अपने छह घंटे ही कोरोना महामारी से लड़ने के लिए दें। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वे फ्रंटलाइन वॉरियर बनें और दुनिया को दिखाएं कि वे मानवता की खातिर ऐसा कर रहे हैं।इस बीच, कर्नाटक गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले लगभग 507 डॉक्टरों ने तीन दिवसीय विरोध पर जाने का फैसला किया है। ये डॉक्टर तीन साल की अवधि के बाद पेरोल प्रणाली के तहत उन्हें नियमित करने के साथ दूर करने वाले नियम का विरोध कर रहे हैं। एसोसिएशन के अनुसार सामूहिक इस्तीफा देने की योजना के साथ डॉक्टर 6 से 8 जुलाई तक विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं।वहीं डॉक्टर मतीन ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर आ ही नहीं रहे हैं। अस्पताल में ना आने के सिलसिले में उनके पास कई तरह के कारण हैं। कुछ सिर दर्द होने की बात कह रहे हैं तो कुछ अधिक उम्र के कारण परेशानी होने की। हालांकि कुछ स्टाफ को सच में बुखार जैसी शिकायत है।
यह मामला बेंगलुरु के एचबीएस अस्पताल का है। यहां के डॉक्टर ताहा मतीन ने एक वीडियो जारी कर डॉक्टर साथियों से काम पर आकर मरीजों का इलाज करने की अपील की है। उन्होंने वीडियो में कहा है कि डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ वापस आएं और आईसीयू में भर्ती कोविड-19 मरीजों का इलाज करें। उन्होंने डॉक्टरों से यह भी अपील की है कि वे रोजाना सिर्फ अपने छह घंटे ही कोरोना महामारी से लड़ने के लिए दें। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वे फ्रंटलाइन वॉरियर बनें और दुनिया को दिखाएं कि वे मानवता की खातिर ऐसा कर रहे हैं।इस बीच, कर्नाटक गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले लगभग 507 डॉक्टरों ने तीन दिवसीय विरोध पर जाने का फैसला किया है। ये डॉक्टर तीन साल की अवधि के बाद पेरोल प्रणाली के तहत उन्हें नियमित करने के साथ दूर करने वाले नियम का विरोध कर रहे हैं। एसोसिएशन के अनुसार सामूहिक इस्तीफा देने की योजना के साथ डॉक्टर 6 से 8 जुलाई तक विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं।वहीं डॉक्टर मतीन ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर आ ही नहीं रहे हैं। अस्पताल में ना आने के सिलसिले में उनके पास कई तरह के कारण हैं। कुछ सिर दर्द होने की बात कह रहे हैं तो कुछ अधिक उम्र के कारण परेशानी होने की। हालांकि कुछ स्टाफ को सच में बुखार जैसी शिकायत है।