AajTak : Apr 17, 2020, 11:03 AM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस को लेकर काफी ज्यादा परेशान हैं क्योंकि, अकेले अमेरिका में इस वायरस की वजह से 6।67 लाख से ज्यादा लोग बीमार हैं। 32,900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान स्थित एक प्रयोगशाला से बाहर निकला है। इस प्रयोगशाला में चमगादड़ों पर रिसर्च चल रही थी। अब ट्रंप चाहते हैं कि इस प्रयोगशाला की बड़े स्तर पर जांच होनी चाहिए। हालांकि, अमेरिका अपने स्तर पर इस लैब की जांच कर रहा है।
चीन ने पहले ही कह दिया था कि वायरस उनकी किसी प्रयोगशाला से नहीं बल्कि वुहान के वेट मार्केट से फैला है। इस वायरस का उनकी किसी भी प्रयोगशाला से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट और फॉक्स न्यूज ने अनजान सूत्रों के हवाले से यह खबर प्रकाशित की कि अनजाने में चीन के वुहान स्थित प्रयोगशाला से वायरस बाहर निकला है। द वॉशिंगटन पोस्ट और फॉक्स न्यूज दोनों ही के पास कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। द वॉशिंगटन पोस्ट में जोश रॉगिन लिखते हैं कि अमेरिकी दूतावास के लोग 2 साल पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी गए थे। वहां की सुरक्षा को देख अमेरिकी दूतावास के लोगों ने चेतावनी दी थी कि यहां से कभी भी वायरस लीक हो सकता है। जबकि, फॉक्स न्यूज ने दावा किया है कि चीन का पहला मरीज जिसे लोग पेशेंट जीरो कह रहे हैं। उसे वुहान की प्रयोगशाला में किसी चमगादड़ के जरिए कोरोना का संक्रमण मिला। इसके बाद यह पूरी दुनिया में फैला गया। सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो ने फॉक्स न्यूज को बताया कि हम कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर एक बड़ी जांच कर रहे हैं। जिसकी वजह से पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है। अमेरिका समेत दुनियाभर में इतने लोग मारे जा रहे हैं।माइक पोम्पियो ने इस बात से इनकार नहीं किया कि चीन के वुहान स्थित प्रयोगशाला से कोरोना वायरस लीक हुआ है। उन्होंने कहा कि उस प्रयोगशाला में बेहद संक्रामक और जानलेवा वस्तुएं रखी हुई हैं। हमें उसकी जांच करनी चाहिए। पोम्पियो ने आगे कहा कि जो देश अपने कामों में पारदर्शिता रखते हैं उनके पास खुद को सुरक्षित रखने और बीमारियों को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। हम अपनी जांच के दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखेंगे कि हमारी प्रक्रिया को बाहरी ऑब्जर्वर देखते रहें।इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें लगातार चीन के वुहान स्थित प्रयोगशाला की कहानी सुनने को मिल रही है। हम अपने स्तर पर इस प्रयोगशाला की बड़ी जांच कर रहे हैं। हाल ही में ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को फंडिंग बंद करने का फैसला किया। इससे उन्हें पूरी दुनिया की नाराजगी झेलनी पड़ी। ट्रंप लगातार चीन और WHO को कोरोना वायरस संक्रमण का जिम्मेदार बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस की उत्पत्ति एक ट्रेंडिंग विषय है। कुछ लोग इसे चीन का जैविक हथियार कह रहे हैं तो कुछ लोग इसे अमेरिका की साजिश। वहीं, कुछ चीन और उसके समर्थक देशों का कहना है कि कोरोना वायरस को अमेरिकी सेना वुहान में छोड़ गई थी।
चीन ने पहले ही कह दिया था कि वायरस उनकी किसी प्रयोगशाला से नहीं बल्कि वुहान के वेट मार्केट से फैला है। इस वायरस का उनकी किसी भी प्रयोगशाला से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट और फॉक्स न्यूज ने अनजान सूत्रों के हवाले से यह खबर प्रकाशित की कि अनजाने में चीन के वुहान स्थित प्रयोगशाला से वायरस बाहर निकला है। द वॉशिंगटन पोस्ट और फॉक्स न्यूज दोनों ही के पास कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। द वॉशिंगटन पोस्ट में जोश रॉगिन लिखते हैं कि अमेरिकी दूतावास के लोग 2 साल पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी गए थे। वहां की सुरक्षा को देख अमेरिकी दूतावास के लोगों ने चेतावनी दी थी कि यहां से कभी भी वायरस लीक हो सकता है। जबकि, फॉक्स न्यूज ने दावा किया है कि चीन का पहला मरीज जिसे लोग पेशेंट जीरो कह रहे हैं। उसे वुहान की प्रयोगशाला में किसी चमगादड़ के जरिए कोरोना का संक्रमण मिला। इसके बाद यह पूरी दुनिया में फैला गया। सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पियो ने फॉक्स न्यूज को बताया कि हम कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर एक बड़ी जांच कर रहे हैं। जिसकी वजह से पूरी दुनिया त्राहिमाम कर रही है। अमेरिका समेत दुनियाभर में इतने लोग मारे जा रहे हैं।माइक पोम्पियो ने इस बात से इनकार नहीं किया कि चीन के वुहान स्थित प्रयोगशाला से कोरोना वायरस लीक हुआ है। उन्होंने कहा कि उस प्रयोगशाला में बेहद संक्रामक और जानलेवा वस्तुएं रखी हुई हैं। हमें उसकी जांच करनी चाहिए। पोम्पियो ने आगे कहा कि जो देश अपने कामों में पारदर्शिता रखते हैं उनके पास खुद को सुरक्षित रखने और बीमारियों को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। हम अपनी जांच के दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखेंगे कि हमारी प्रक्रिया को बाहरी ऑब्जर्वर देखते रहें।इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें लगातार चीन के वुहान स्थित प्रयोगशाला की कहानी सुनने को मिल रही है। हम अपने स्तर पर इस प्रयोगशाला की बड़ी जांच कर रहे हैं। हाल ही में ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को फंडिंग बंद करने का फैसला किया। इससे उन्हें पूरी दुनिया की नाराजगी झेलनी पड़ी। ट्रंप लगातार चीन और WHO को कोरोना वायरस संक्रमण का जिम्मेदार बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस की उत्पत्ति एक ट्रेंडिंग विषय है। कुछ लोग इसे चीन का जैविक हथियार कह रहे हैं तो कुछ लोग इसे अमेरिका की साजिश। वहीं, कुछ चीन और उसके समर्थक देशों का कहना है कि कोरोना वायरस को अमेरिकी सेना वुहान में छोड़ गई थी।