नॉलेज / वो मशीन जो बताती है कब होगा हार्ट अटैक और किस दिन होगी मृत्यु

News18 : May 14, 2020, 11:22 AM
दिल्ली: एक ऐसा एप्लीकेशन बनाया गया है, जिसके बारे में दावा किया गया है कि वो इंसान की मौत का दिन एकदम सटीक तरीके से बता देता है। यह ऐप आर्टिफ‌िशियल इंटेल‌िजेंस और आधुनिक उपकरणों की सहायता से डाटा एनॉलिसिस के बाद ये बताता है। इसका नाम मशीन लर्निंग है। शोध का दावा है कि मशीन द्वारा बताए गए समय में करीब 90 फीसदी तक सच्चाई है।

अगर ये एप किसी शख्स की मौत की तारीख 10 बताता है तो उसका अंतिम ‌दिन 09 या फिर 11 तारीख हो सकती है। मशीन लर्निंग पर किए गए अध्ययन को द इंटरनेशन कॉन्फ्रेंस ऑन न्यूक्लियर कार्डियोलॉजी एंड कार्डियक सीटी (ICNC) 2019 में प्रस्तुत किया गया।

यह मशीन बेहद गणितीय नियमों पर आधारित है। यह किसी शख्‍सियत की हर जानकारी अपने पास रखती है और उसके विश्लेषण के आधार पर अपनी भविष्यवाणियां करती है।

हार्ट अटैक का भी करती है आंकलन

इस मशीन की खासियत ये है कि यह केवल मौत पर ही भविष्यवाणी नहीं करती बल्कि ये भी बता सकती है कि आपको हार्ट-अटैक कब आ सकता है।

कैसे चलता है पता

 यह मशीन बेहद गणितीय नियमों पर आधारित है। यह किसी शख्‍सियत की हर जानकारी अपने पास रखती है और उसके विश्लेषण के आधार पर अपनी भविष्यवाणियां करती है। असल में आप ऐसी मशीनों से लगातार घिरे हुए हैं और अपने डाटा उन्हें दे रहे हैं। चाहे वो आपके गूगल सर्च हों, चाहे फोन पर फेस रिकग्निशन, खुद से चलने वाली कार या नेटफ्लिक्स को दी गई जानकारियां।

कैसे हुआ ये शोध

असल में हाल ही में 950 मरीजों के ऊपर उनके जीवन से जुड़ी 85 चीजों के ऊपर शोध किया गया। इसके बाद उनके साथ करीब छह सालों तक काम करने के बाद एक एल्गोरिथम बनाया गया। इस एग्लोरिथ्म में एक खास बात सामने आई। उन मरीजों में कई ऐसी बातें थी जिनके बारे में पहले ही बताया जा सकता था। इनमें सबसे खास बात उनकी मृत्यु और उनके आने वाले हार्ट अटैक की डेट थी।

यह मशीन दूसरी तकनीकों से एक कदम और आगे जाकर डाटा एनालाइज करती है। ये मशीन दूसरी से एक कदम आगे है

फिनलैंड के टुर्कू पीईटी सेंटर डॉ। लुइस एडुराल्डो जुअरेज ओर्जोको ने इस स्टडी को लिखा है। उन्होंने बताया, "हमारे पास बहुत से डाटा उपलब्‍ध होता है। लेकिन हम उनकी उस तरह से इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे। इसलिए हमने इस विचार पर काम किया। यह मशीन दूसरी तकनीकों से एक कदम और आगे जाकर डाटा एनालाइज करती है।"

उनके अनुसार, "डॉक्टर आपके इलाज के लिए भी अपने अनुभव के आधार पर एक तरह का जोखिम उठाते हुए आपको कुछ दवाइयां देता है। उसे विश्वास होता है कि आमुक लक्षण हैं तो आमुक दवा काम करेगी। लेकिन यह मशीन पूरी तरह से साफ दिखने वाले डाटा पर आधारित होगी।"

उन्होंने यह भी कि ‌मौत और हार्ट अटैक पहले से बताने के लिए डाटा को बहुत गहराई से एनालाइज करना होता है। यह इंसानी रिसोर्स से नहीं हो पाएगा। ऐसे डेटा को समझने में काफी कठिनाई आती है। लेकिन छह सालों में इसे पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है।

जब ये मशीन शोध की प्रक्रिया में थी, तब इसने डाटा एनालाइज के आधार पर हार्टअटैक और मृत्यु को लेकर जो आंकलन लगाया था, वो काफी सटीक साबित हुआ

इसे कहते हैं लोगिटबूस्‍ट

सामाचार एजेंसी एएनाई की एक खबर के मुताबिक 950 सीने के दर्द से परेशान लोगों के साथ यह शोध शुरू हुआ था। छह साल के शोध में इसमें से 24 लोगों को हार्ट अटैक आए और 49 लोगों की मौत हो गई। शोध के दौरान उनमें से ज्यादातर लोगों की हार्ट अटैक और मौत की तारीख का अंदाजा पहले ही लगाया जा चुका था। इस शोध को लोगिटबूस्ट कहा गया।

शोध के दौरान उनके 17 ऐसी चीजें थी जिन्होंने इसमें सबसे ज्यादा भविष्वाणी में भूमिका अदा की। इनमें मुख्य थीं सेक्स, उम्र, स्मोकिंग, डायबिटीज आदि।

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