Floods / दहलाने वाली है बिहार में बाढ़ की तस्वीर, 'प्रलय' के वक्त घोंघा खाकर पेट पाल रहे लोग

NavBharat Times : Jul 22, 2020, 04:54 PM
बगहा/छपरा/सुगौली/पटना: बिहार के मोतिहारी में तिलावे नदी का तटबंध टूट गया है, जिससे पूरे इलाके में बाढ़ आ गया है। बंजरिया प्रखंड में तटबंध टूटा है। तटबंध टूटने के बाद से निचले इलाकों में तेजी से पानी का फैलाव हो रहा है। बाढ़ के पानी से खेत में फसल तबाह हो चुके हैं। कई गांवों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है। लोग हैरान-परेशान हैं कि अब क्या करें। स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी कोई बचाव कार्य नहीं शुरू किया गया है। बताया जा रहा है कि पानी दबाव के चलते यह तटबंध टूटा है।

तिलावे नदी का तटबंध टूटने से बाढ़

बताया जा रहा है कि नेपाल से निकलने वाली तिलावे नदी का तटबंध टूटा। बंजरिया प्रखंड के फुलवार गांव के पास तिलावे नदी के टूटे तटबंध से बंजरिया तथा सुगौली प्रखंड के दर्जनों गांवों में पानी घुस गया है। इस कारण पहले से डुबी सैकड़ो एकड़ में लगी धान की फसल के उपर और पानी भर गया है। क्षेत्र के विभिन्न गांव में पानी भर आया है। कई गांवों का सड़क सम्पर्क टूट गया है और कई घरों में पानी घुस गया है।बूढ़ी गण्डक के उफान से सब हैरान

उधर, पूर्वी चंपारण के सुगौली में बूढ़ी गण्डक ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। यहां के गांव में पानी घुसने के चलते लोगों ने नेशनल हाईवे को अपना घर बना लिया है। यहीं पर शरण लिए हुए हैं। इलाके के करीब 100 परिवार रोड पर आशियाना बना चुके हैं। पीड़ित परिवारों ने एनएच 28 पर टिके हुए हैं। ये लोग रविवार से ही रोड पर हैं। प्राशासन की ओर से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। स्थानीय नेता भी इनसे मिलने नहीं पहुंचे हैं।

बगहा में मसान नदी का तांडव

बगहा में मसान नदी का तांडव है। सेरहवा महुई तटबंध टूट गया है। नेपाल के तराई क्षेत्र में भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदी मसान ने रौद्र रूप दिखाया है। तटबंध के टूटने से रामनगर देवराज समेत इनारबरवा और सेरहवा झारमहुई इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है और कटाव भी हो रहा है। ग्रामीणों ने किसी तरह रात भर जागकर समय काटा है। इस तटबंध के टूटने से तमकुही सलहा और इनारबरवा के रास्ते रामनगर प्रखंड से बगहा का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। आप कटाव की ये लाइव तस्वीरें देख सकते हैं।लगातार बारिश से आफत

बताया जा रहा है कि पूरे बिहार में लगातार जोरदार बारिश जारी है। इस वजह से पानी का बहाव बढ़ता ही जा रहा है। सरकार और प्रशासन पानी के सामने बेबस है। जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि बाढ़ प्रभावित किसी भी इलाके में सरकार और प्रशासन की ओर से अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। छपरा में भी नेपाल से पानी आने की वजह से 40 गांव में बाढ़ आना शुरू हो चुका है।

घोंघा खाने को मजबूर हैं लोग

बाढ़ के बीच लोगों के बीच पेट पालने की मुसीबत आ गई है। इस कठिन वक्त में लोग घोंघा खाने को मजबूर हैं। वहीं गरीब महिलाएं बाढ़ के पानी से घोंघा छानकर लाती हैं और उसका मीट निकालकर बेच रही हैं। लोगों का कहना है कि बाढ़ प्रभावितों तक प्रशासन राहत कार्य पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है। पटना के धनरुआ रोड पर काफी मात्रा में घोंघा लेकर बैठी महिलाएं इन दिनों देखी जा रही हैं।

राजधानी पटना के आसपास का इलाका जलमग्न

राजधानी पटना के कनारे बसे इलाकों में पूरी तरह पानी भर गया है। गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने के चलते दियारा इलाके में केवल पानी ही पानी दिख रहे हैं। कई स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से इन इलाकों में खाने के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं, लेकिन वे पर्याप्त साबित नहीं हो रहे हैं।

वज्रपात की चपेट में आने से 10 लोगों की मौत

उधर, वज्रपात की चपेट में आने से 10 लोगों की मौत हो गयी। अधिकारियों ने बताया कि वज्रपात से बांका जिले में चार, नालंदा में तीन, जमुई में दो और नवादा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जताते हुए कहा कि आपदा की इस घड़ी में वह प्रभावित परिवारों के साथ हैं। उन्होंने अविलंब मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये अनुग्रह राशि देने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। मौसम खराब होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें। उल्लेखनीय है कि रविवार को वज्रपात के कारण राज्य में 16 लोगों की मौत हो गयी थी।

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