कोटा / जांच कमेटी की रिपोर्ट-बच्चों की मौत ठंड से हुई, सच्चाई ये कि यहां वॉर्मर, नेबुलाइजर, इंफ्यूजन पंप तक खराब

Dainik Bhaskar : Jan 04, 2020, 07:36 AM
जयपुर | कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत की जांच के बाद गठित कमेटी ने दो दिन पहले जो रिपोर्ट सौंपी है वह बताती है कि अस्पताल में लगभग हर तरह के उपकरण और व्यवस्था में खामियां ही भरी हैं। बच्चों की मौत का प्रमुख कारण हाइपोथर्मिया बताया गया है, मगर सच्चाई ये है कि इससे बच्चों को बचाने के लिए जरूरी हर उपकरण अस्पताल में खराब है। गौरतलब है कि कोटा के जेकेलोन अस्पताल में पिछले 34 दिनों में दम तोड़ने वाले बच्चों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 106 हो गई।  

सच्चाई-अस्पताल के 71 में से 44 वाॅर्मर खराब

नवजातों का तापमान 36.5 डिग्री तक होना चाहिए। नर्सरी में वॉर्मर के जरिये तापमान 28 से 32 डिग्री के बीच रखा जाता है। यही मशीन खराब होने से नर्सरी में तापमान गिर गया और बच्चे हाइपोथर्मिया के शिकार हुए।

ये उपकरण भी काम के नहीं

 28 में से 22 नेबुलाइजर खराब

 111 में से 81 इंफ्यूजन पंप खराब

 101 में 28 मल्टी पेरा मॉनीटर खराब

 38 में से 32 पल्स ऑक्सीमीटर खराब

बेड की कमी से इंफेक्शन तक दिक्कतें ही दिक्कतें :

अस्पताल में बेड कम हैं : अस्पताल में कम से कम 40 बेड और चाहिए। पूरे प्रदेश के अस्पतालों में अभी 4100 बेड की जरूरत है।

ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं : कोटा के अस्पताल में ऑक्सीजन पाइपलाइन ही नहीं है। सिलेंडर से ऑक्सीजन दिया जाता है। यही स्थिति जोधपुर, उदयपुर अजमेर और बीकानेर की भी है।

आईसीयू में इंफेक्शन है : हर तीन माह में आईसीयू को फ्यूमिगेट कर इंफेक्शन दूर करना जरूरी है। 5-6 महीनों तक नहीं किया जाता।

बच्चों के इलाज का रिकॉर्ड नहीं : ये स्थिति राज्य के हर अस्पताल की है। मरीज के इलाज का रिकॉर्ड रखा ही नहीं जाता। केस हिस्ट्री और उससे सुधार के सुझावों की गुंजाइश नहीं है।

मंत्री के दौरे से पहले और बाद में एक-एक बच्चे की मौत

शुक्रवार को चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, जिले के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधायक दानिश अबरार जेकेलोन पहुंचे। मगर एक तरफ जहां मंत्री के दौरे से पहले और बाद में एक-एक बच्चे की मौत हो गई, वहीं मंत्री के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से बिछवाए गए ग्रीन कारपेट ने नया विवाद खड़ा कर दिया। कारपेट बिछाने और मंत्री की आवभगत में व्यस्त रहा अस्पताल प्रशासन उस बच्ची को भी नहीं बचा पाया जिसे मंत्री आईसीयू में मिलकर गए। उनके दौरे के बाद आईसीयू में भर्ती दौसा जिले की 5 माह की बच्ची टीया की मौत हो गई। 

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