Vikrant Shekhawat : Jun 04, 2021, 06:46 AM
नई दिल्ली। महामारी में पहली बार 4 अप्रैल 2021 को एक दिन में संक्रमितों का आंकड़ा 1 लाख को पार कर गया था। इसके बाद 6 मई को मरीजों की संख्या 4.14 लाख तक पहुंच गई थी। हालांकि, अब मामलों में गिरावट देखी जा रही है। एक्सपर्ट्स भी कह रहे हैं कि फिलहाल कोविड-19 (Covid-19) के जो हाल हैं, उसे मौजूदा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्रचर से नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि देश महामारी के सबसे बुरे दौर से गुजर चुका है, लेकिन दूसरी लहर अब तक खत्म नहीं हुई है।
बुधवार को संक्रमितों का आंकड़ 1 लाख 22 हजार पर था। यह संख्या बीते साल 16 सितंबर को आई पहली लहर के चरम से काफी ऊपर है। उस दौरान 97 हजार 894 मरीज मिले थे। उत्तर-पूर्वी राज्य असम में मामलों का बढ़ना अभी भी जारी है। हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय स्तर पर कुछ राहत मिल सकती है।इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत में IIT कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल बताते हैं, 'इस महीने के आखिर तक रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या 20 हजार के आसपास होगी। इसका मतलब है कि हम वहां होंगे जहां हम दूसरी लहर की शुरुआत से पहले जनवरी में थे।' अग्रवाल महामारी की भविष्यवाणी करने के लिए कम्प्यूटर सिम्युलेशन चला रहे हैं।वे कहते हैं, 'राज्य सरकारों की तरफ से लगाए गए लॉकडाउन ने काफी मदद की, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन लॉकडाउन नहीं होने की स्थिति में भी चरम उसी समय पर चरम पर पहुंचता यानि मई के पहले या दूसरे हफ्ते में।' उन्होंने अनुमान लगाया है कि अगर कुछ गलत नहीं होता है, तो इस महीने के अंत तक दूसरी लहर खत्म हो सकती है। अग्रवाल ने बताया उनका मॉडल दिखाता है कि जनवरी से अब तक के बीच रिपोर्ट और गैर-रिपोर्ट मामलों का अनुपात नहीं बदला है।साथ ही वैक्सीन प्राप्त लोगों की संख्या भी इसका बड़ा कारण हो सकती है। देस में 22 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का कम से कम एक डोज प्राप्त हो चुका है। फिर भी करीब 50 करोड़ के करीब लोगों का कहना है कि उन्होंने वायरस के खिलाफ प्राकृतिक संक्रमण या वैक्सीन के जरिए कुछ इम्युनिटी तैयार कर ली है।
बुधवार को संक्रमितों का आंकड़ 1 लाख 22 हजार पर था। यह संख्या बीते साल 16 सितंबर को आई पहली लहर के चरम से काफी ऊपर है। उस दौरान 97 हजार 894 मरीज मिले थे। उत्तर-पूर्वी राज्य असम में मामलों का बढ़ना अभी भी जारी है। हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि राष्ट्रीय स्तर पर कुछ राहत मिल सकती है।इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत में IIT कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल बताते हैं, 'इस महीने के आखिर तक रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या 20 हजार के आसपास होगी। इसका मतलब है कि हम वहां होंगे जहां हम दूसरी लहर की शुरुआत से पहले जनवरी में थे।' अग्रवाल महामारी की भविष्यवाणी करने के लिए कम्प्यूटर सिम्युलेशन चला रहे हैं।वे कहते हैं, 'राज्य सरकारों की तरफ से लगाए गए लॉकडाउन ने काफी मदद की, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन लॉकडाउन नहीं होने की स्थिति में भी चरम उसी समय पर चरम पर पहुंचता यानि मई के पहले या दूसरे हफ्ते में।' उन्होंने अनुमान लगाया है कि अगर कुछ गलत नहीं होता है, तो इस महीने के अंत तक दूसरी लहर खत्म हो सकती है। अग्रवाल ने बताया उनका मॉडल दिखाता है कि जनवरी से अब तक के बीच रिपोर्ट और गैर-रिपोर्ट मामलों का अनुपात नहीं बदला है।साथ ही वैक्सीन प्राप्त लोगों की संख्या भी इसका बड़ा कारण हो सकती है। देस में 22 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का कम से कम एक डोज प्राप्त हो चुका है। फिर भी करीब 50 करोड़ के करीब लोगों का कहना है कि उन्होंने वायरस के खिलाफ प्राकृतिक संक्रमण या वैक्सीन के जरिए कुछ इम्युनिटी तैयार कर ली है।