COVID-19 Update / प्रेग्नेंट महिलाओं पर कोविड की दूसरी लहर का हुआ बुरा असर, ICMR ने कहा- जरूर लगवाएं टीका

Zoom News : Jun 17, 2021, 10:55 AM
नई दिल्ली। गर्भवती और प्रसूता (शिशुओं को जन्म देने वाली) महिलाएं कोरोना वायरस (Coronavirus In India) महामारी की दूसरी लहर में पहली लहर की तुलना में अधिक प्रभावित हुईं और इस साल इस श्रेणी में लक्षण वाले मामले तथा संक्रमण से मृत्यु की दर भी अपेक्षाकृत अधिक रही। ICMR के एक अध्ययन में यह जानकारी दी गयी। आईसीएमआर ने सुझाव दिया है कि गर्भवती महिलाएं जरूर टीका लगवाएं।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ICMR) ने बुधवार को कहा कि भारत में महामारी की पहली लहर (एक अप्रैल, 2020 से 31 जनवरी, 2021 तक) और दूसरी लहर (एक फरवरी, 2021 से 14 मई तक) के दौरान गर्भवती और शिशुओं को जन्म देने वाली महिलाओं से संबंधित संक्रमण के मामलों की तुलना की गयी।

ICMR ने कहा, ‘दूसरी लहर में लक्षण वाले संक्रमण के मामले 28।7 प्रतिशत थे जबकि पहली लहर में यह आंकड़ा 14।2 प्रतिशत था। गर्भवती महिलाओं और प्रसव के बाद महिलाओं में संक्रमण से मृत्यु दर 5।7 प्रतिशत थी जो पहली लहर में 0।7 की मृत्यु दर से अधिक रही।’

दोनों लहर में मारे गये लोगों में 2 प्रतिशत महिलाएं

अध्ययन के अनुसार महामारी की दोनों लहर में मारे गये लोगों में 2 प्रतिशत महिलाएं वो थीं जिन्होंने हाल ही में शिशुओं को जन्म दिया था। इनमें से अधिकतर महिलाओं ने कोविड-19 से संबंधित निमोनिया और सांस लेने में परेशानी संबंधी समस्याओं के कारण दम तोड़ दिया। ICMR ने कहा, ‘यह अध्ययन कोविड-19 के खिलाफ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करता है।’ भारत में स्तनपान कराने वाली सभी महिलाओं के लिए टीका लगवाने की सिफारिश की गयी है।

हालांकि सरकार ने क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों की कमी का हवाला देते हुए गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की अब तक अनुमति नहीं दी है। इस बारे में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) विचार-विमर्श कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले सप्ताह सिफारिश की थी कि अगर गर्भवती महिलाओं को कोविड का अत्यंत खतरा हो और अगर उन्हें अन्य बीमारियां हैं तो उन्हें टीका लगाया जाना चाहिए।

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