AajTak : Jun 03, 2020, 10:28 AM
दिल्ली: कोरोना वायरस से बीमार चीन के वुहान के एक डॉक्टर की स्किन काली हो गई थी। अब उनकी मौत की खबर आई है। हू वीफेंग जनवरी में ही कोरोना से संक्रमित हो गए थे।
चीनी मीडिया ने ही हू वीफेंग की तस्वीर प्रकाशित की थी जिसमें उनकी स्किन के बदले रंग को दिखाया गया था। इसके बाद वीफेंग के केस ने दुनियाभर का ध्यान खींचा। हलांकि, हू वीफेंग के सहयोगी डॉक्टर यी फान की स्किन भी काली पड़ गई थी, लेकिन वे ठीक हो गए।The Paper की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब एक महीने से अधिक वक्त तक आईसीयू में इलाज होने के बाद हू वीफेंग की मौत हो गई। कोरोना वायरस से बीमार होने के बाद उनके शरीर में अन्य दिक्कतें भी बढ़ गई थीं। इससे पहले वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल के एक प्रवक्ता ने कहा था कि एंटीबायोटिक्स के अधिक इस्तेमाल की वजह से उनकी स्किन काली हुई।हू वीफेंग चीन के व्हिसल ब्लोअर डॉक्टर ली वेनलिआंग के साथ काम करते थे। बता दें कि ली वेनलिआंग ने ही सबसे पहले कोरोना वायरस फैलने को लेकर अन्य डॉक्टरों को आगाह किया था। लेकिन उस वक्त चीन की पुलिस ने उन्हें धमकी दी थी और चुप करा दिया था।ली और हू, दोनों ही वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल में काम करते थे। बाद में ली भी खुद कोरोना से संक्रमित हो गए थे और उनकी भी मौत हो गई थी। ली वेनलिआंग मामले की वजह से चीन पर कोरोना से जुड़ी सच्चाई छिपाने के आरोप लगे थे।
चीनी मीडिया ने ही हू वीफेंग की तस्वीर प्रकाशित की थी जिसमें उनकी स्किन के बदले रंग को दिखाया गया था। इसके बाद वीफेंग के केस ने दुनियाभर का ध्यान खींचा। हलांकि, हू वीफेंग के सहयोगी डॉक्टर यी फान की स्किन भी काली पड़ गई थी, लेकिन वे ठीक हो गए।The Paper की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब एक महीने से अधिक वक्त तक आईसीयू में इलाज होने के बाद हू वीफेंग की मौत हो गई। कोरोना वायरस से बीमार होने के बाद उनके शरीर में अन्य दिक्कतें भी बढ़ गई थीं। इससे पहले वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल के एक प्रवक्ता ने कहा था कि एंटीबायोटिक्स के अधिक इस्तेमाल की वजह से उनकी स्किन काली हुई।हू वीफेंग चीन के व्हिसल ब्लोअर डॉक्टर ली वेनलिआंग के साथ काम करते थे। बता दें कि ली वेनलिआंग ने ही सबसे पहले कोरोना वायरस फैलने को लेकर अन्य डॉक्टरों को आगाह किया था। लेकिन उस वक्त चीन की पुलिस ने उन्हें धमकी दी थी और चुप करा दिया था।ली और हू, दोनों ही वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल में काम करते थे। बाद में ली भी खुद कोरोना से संक्रमित हो गए थे और उनकी भी मौत हो गई थी। ली वेनलिआंग मामले की वजह से चीन पर कोरोना से जुड़ी सच्चाई छिपाने के आरोप लगे थे।