Corona Lockdown / कैमरे में कैद हुआ लॉकडाउन का सच, देखें कैसे दर्द में जी रहे मजदूर

यमुना नदी के पास पिछले कई दिनों से हजारों की संख्या में लोग रह रहे हैं। सरकार दावा कर रही है कि लोगों को शेल्टर होम में रखा जा रहा है, खाने का पूरा इंतजाम है, जरूरत की चीजें मुहैया कराई जा रही हैं, लेकिन यहां की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। 11 अप्रैल को इनके लिए बनाए गए शेल्टर में कुछ शरारती तत्वों ने आग लगा दी। इसके बाद इन लोगों के सामने कोई विकल्प नहीं था।

AajTak : Apr 17, 2020, 08:32 AM
Corona Lockdown: कोरोना वायरस के बीच लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। उनके पास ना तो रोजगार है, ना खाना और ना ही रहने के लिए घर। मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। ऐसी ही कुछ तस्वीरें दिल्ली में यमुना किनारे नजर आईं। यहां यमुना नदी के किनारे पुल के नीचे सैंकड़ो मजदूर रहने को मजबूर हैं।

यमुना नदी के पास पिछले कई दिनों से हजारों की संख्या में लोग रह रहे हैं। सरकार दावा कर रही है कि लोगों को शेल्टर होम में रखा जा रहा है, खाने का पूरा इंतजाम है, जरूरत की चीजें मुहैया कराई जा रही हैं, लेकिन यहां की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। 11 अप्रैल को इनके लिए बनाए गए शेल्टर में कुछ शरारती तत्वों ने आग लगा दी। इसके बाद इन लोगों के सामने कोई विकल्प नहीं था। 

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना घाट पर जुटे मजदूरों को तुरंत शिफ्ट कर दिया गया है। उनके रहने खाने की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से कर दी गई है। किसी के लिए भी यहां पर रहने और खाने की कोई कमी नहीं है। कहीं भी कोई भूखा या बेघर मिले तो हमें जरूर बताएं।

सरकार के दावों से उलट लोगों का कहना है कि पहले प्रशासन की तरफ से खाने का इंतजाम किया जा रहा था, लेकिन अब एक टाइम का ही खाना मिल रहा है, वो भी गुरुद्वारे के लोग दे जाते हैं। हाल ही में कश्मीरी गेट के पास शेल्टर होम में आग लग जाने के बाद वहां रहने वाले लोग यमुना किनारे आ बसे हैं।

कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी जंग में भारत सरकार ने लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है। अब देश में 3 मई तक लॉकडाउन रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन 2।0 को लेकर गाइडलाइन्स भी जारी कर दी गई हैं।