Coronavirus / भारत से निकलेगा दुनिया के कोरोना मुक्‍त होने का रास्ता

Covid-19 यानी नोवेल कोरोना वायरस से बचने का अचूक उपाय केवल वैक्‍सीन है। अभी दुनियाभर के मेडिकल रिसर्चर्स का टारगेट जल्‍द से जल्‍द कोरोना के लिए वैक्‍सीन डेवलप करना है। भारतीय वैज्ञानिक या भारतीय कंपनियां इस रेस में कहीं से भी पीछे नहीं है। देश की 6 फार्मा कंपनियां Covid-19 के लिए वैक्‍सीन डेवलप कर रही हैं। वैक्‍सीन बनाने के लिए मामले में भारत दुनिया का अग्रणी देश है।

NavBharat Times : Apr 21, 2020, 03:16 PM
Covid-19 यानी नोवेल कोरोना वायरस से बचने का अचूक उपाय केवल वैक्‍सीन है। अभी दुनियाभर के मेडिकल रिसर्चर्स का टारगेट जल्‍द से जल्‍द कोरोना के लिए वैक्‍सीन डेवलप करना है। भारतीय वैज्ञानिक या भारतीय कंपनियां इस रेस में कहीं से भी पीछे नहीं है। देश की 6 फार्मा कंपनियां Covid-19 के लिए वैक्‍सीन डेवलप कर रही हैं। इसके अलावा चार सरकारी संस्‍थानों- काउंसिल फॉर साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलजी, डिपार्टमेंट ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी में भी वैक्‍सीन सम्‍बंधी रिसर्च चल रही है। वैक्‍सीन बनाने के लिए मामले में भारत दुनिया का अग्रणी देश है। मगर Covid-19 ने जैसी चुनौती सामने रखी है, उसे जीतने के लिए 6 भारतीय कंपनियां मैदान में हैं।

Zydus Cadila

अहमदाबाद में Zydus Cadila का हेडक्‍वार्टर है। यह कंपनी Covid-19 के लिए एक बायोलॉजिक ट्रीटमेंट Interferon Alpha-2b पर काम कर रही है। इस थिरैपी का इस्‍तेमाल चीन और क्‍यूबा में कोरोना के मरीजों को ठीक करने में किया गया है। Cadila को केंद्र से भी फंड मिला है।

Bharat Biotech

दिल्‍ली की भारत बायोटेक भी वैक्‍सीन डेवलप कर रही है। यह कंपनी इंटरनेशनल कलैबरेशन के तहत CoroFlu नाम की वैक्‍सीन के डेवलपमेंट और टेस्टिंग में लगी है। भारत बायोटेक को भी केंद्र सरकार ने फंड दिया है।

Serum Institute of India Pvt Ltd

Serum Institute of India अगले दो हफ्ते में ट्रायल शुरू कर देगा। यह कंपनी इस बात की जांच करेगी कि BCG वैक्‍सीन Covid-19 के खिलाफ लड़ाई में इम्‍युनिटी बढ़ा सकती है या नहीं। इस संस्‍थान को भी केंद्र सरकार फंड कर रही है।

Indian Immunologicals Limited

Indian Immunologicals Limited ने ऑस्‍ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी से करार किया है। दोनों मिलकर कोरोना वायरस के लिए एक वैक्‍सीन बनाने पर रिसर्च कर रहे हैं। वे सिंगल डोल इम्‍युनाइजेशन के लिए काम कर रहे हैं।

Mynvax और Biological E Limited भी बना रहे वैक्‍सीन

बेंगलुरु की Mynvax और हैदराबाद की Biological E limited ने भी Covid-19 की वैक्‍सीन बनाने का बीड़ा उठाया है।

कब तक आएगी वैक्‍सीन?

वैक्‍सीन बनाना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें टेस्टिंग के कई फेज होते हैं। एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक, इतनी तेजी से काम करने के बावजूद वैक्‍सीन डेवलप होने में साल भर का समय लग सकता है।