NavBharat Times : Apr 27, 2020, 09:19 AM
China: पूरी दुनिया भले ही कोरोना वायरस महामारी से जूझने में लगी हो, चीन अपनी 'डर्टी ट्रिक्स' से बाज नहीं आ रहा। ड्रैगन ने साउथ चाइना सी में 'जबरन कब्जा' तेज कर दिया है। पिछले रविवार को चीन ने साउथ चाइना सी की 80 जगहों का नाम बदल दिया। इनमें से 25 आइलैंड्स और रीफ्स हैं, जबकि बाकी 55 समुद्र के नीचे के भौगोलिक स्ट्रक्चर हैं। यह चीन का समुद्र के उन हिस्सों पर कब्जे का इशारा है जो 9-डैश लाइन से कवर्ड हैं। यह लाइन इंटरनैशनल लॉ के मुताबिक, गैरकानूनी मानी जाती है। चीन के इस कदम से ना सिर्फ उसके छोटे पड़ोसी देशों, बल्कि भारत और अमेरिका की टेंशन भी बढ़ गई है।
कोरोना के कहर में भी जारी चीन का खेलहालात पर नजर रख रहे सूत्रों के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी को इग्नोर कर चीन इस इलाके में अपना प्रभुत्व स्थापित करने में जुट गया है। भारतीय सुरक्षा अधिकारियों ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, "अपने छोटे और कमजोर पड़ोसियों को लेकर चीन का आक्रामक रवैया है। यह ऐसी बात है जिससे अन्य देश इन चिंताओं (ताइवान, तिब्बत आदि) के प्रति संवेदनशील रहें। चीन का दोहरा रवैया खुलकर सामने आ रहा है।"पहले भी चीन दिखा चुका है हनकसाउथ चाइना सी पर अधिकार जताने से नाराज होकर वियतनाम ने कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन के खिलाफ शिकायत की थी। तीन दिन बाद, चीनी जहाजों ने एक वियतनामी जहाज को टक्कर मार-मार कर डुबो दिया। उसकी इस हरकत का फिलीपींस से लेकर अमेरिका तक विरोध हुआ। मनीला ने बीजिंग के खिलाफ जाते हुए बयान जारी कर कहा था, "ऐसे ही अपने एक अनुभव से हमें पता चला कि दोस्ती में भरोसा कितना कम हो गया है और हमारे मछुआरों की जिंदगी बचाकर वियतनाम ने जो किया, उससे कितना भरोसा पैदा हुआ।"जापानी सीमा में भी चीन ने भेजे जहाजइन गतिविधियों पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा था कि चीन महामारी से ध्यान हटाने हटाने के लिए साउथ चाइना सी में इस तरह की हरकतें कर रहा है। पिछले हफ्ते, जापान के विदेश मंत्री ने भी चीन का विरोध किया था। दरअसल चीन ने ईस्ट चाइना सी में स्थित सेनकाकू आइलैंड्स के पास जापान की समुद्री सीमा में जहाज भेज दिए थे। इसके जवाब में अमेरिका का जंगी जहाज ताइवान के जलडमरूमध्य से होकर गुजरा। चीन को काबू में रखने के लिए अमेरिका ने एक महीने के भीतर दूसरी बार ऐसा किया।भारत को खतरा क्यों?चीन ने ताइवान को डराने के लिए समुद्र में एयरक्राफ्ट कैरियर उतार दिया था। साथ ही मलेशिया के ऑयल शिप्स को भी चीनी जहाज धमका रहे थे। इसकी काट निकालने के लिए पिछले हफ्ते, मलेशिया के पास विवादित समुद्री इलाके से अमेरिका ने जंगी जहाज पार कराए। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के अभिजीत सिंह के अनुसार, "दिल्ली यह बात समझ ले कि एक बार साउथ चाइना सी पर चीन की पकड़ मजबूत हो गई तो वह आइलैंड की आउटपोस्ट्स को पूर्वी हिंद महासागर में मिलिट्री पावर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करेगा।"
कोरोना के कहर में भी जारी चीन का खेलहालात पर नजर रख रहे सूत्रों के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी को इग्नोर कर चीन इस इलाके में अपना प्रभुत्व स्थापित करने में जुट गया है। भारतीय सुरक्षा अधिकारियों ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, "अपने छोटे और कमजोर पड़ोसियों को लेकर चीन का आक्रामक रवैया है। यह ऐसी बात है जिससे अन्य देश इन चिंताओं (ताइवान, तिब्बत आदि) के प्रति संवेदनशील रहें। चीन का दोहरा रवैया खुलकर सामने आ रहा है।"पहले भी चीन दिखा चुका है हनकसाउथ चाइना सी पर अधिकार जताने से नाराज होकर वियतनाम ने कुछ दिन पहले संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन के खिलाफ शिकायत की थी। तीन दिन बाद, चीनी जहाजों ने एक वियतनामी जहाज को टक्कर मार-मार कर डुबो दिया। उसकी इस हरकत का फिलीपींस से लेकर अमेरिका तक विरोध हुआ। मनीला ने बीजिंग के खिलाफ जाते हुए बयान जारी कर कहा था, "ऐसे ही अपने एक अनुभव से हमें पता चला कि दोस्ती में भरोसा कितना कम हो गया है और हमारे मछुआरों की जिंदगी बचाकर वियतनाम ने जो किया, उससे कितना भरोसा पैदा हुआ।"जापानी सीमा में भी चीन ने भेजे जहाजइन गतिविधियों पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा था कि चीन महामारी से ध्यान हटाने हटाने के लिए साउथ चाइना सी में इस तरह की हरकतें कर रहा है। पिछले हफ्ते, जापान के विदेश मंत्री ने भी चीन का विरोध किया था। दरअसल चीन ने ईस्ट चाइना सी में स्थित सेनकाकू आइलैंड्स के पास जापान की समुद्री सीमा में जहाज भेज दिए थे। इसके जवाब में अमेरिका का जंगी जहाज ताइवान के जलडमरूमध्य से होकर गुजरा। चीन को काबू में रखने के लिए अमेरिका ने एक महीने के भीतर दूसरी बार ऐसा किया।भारत को खतरा क्यों?चीन ने ताइवान को डराने के लिए समुद्र में एयरक्राफ्ट कैरियर उतार दिया था। साथ ही मलेशिया के ऑयल शिप्स को भी चीनी जहाज धमका रहे थे। इसकी काट निकालने के लिए पिछले हफ्ते, मलेशिया के पास विवादित समुद्री इलाके से अमेरिका ने जंगी जहाज पार कराए। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के अभिजीत सिंह के अनुसार, "दिल्ली यह बात समझ ले कि एक बार साउथ चाइना सी पर चीन की पकड़ मजबूत हो गई तो वह आइलैंड की आउटपोस्ट्स को पूर्वी हिंद महासागर में मिलिट्री पावर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करेगा।"