News18 : Apr 23, 2020, 01:48 PM
अहमदाबाद। कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में इन दिनों 3 मई तक लॉकडाउन लागू है। ऐसे में देश के कई हिस्सों में प्रवासी मजदूर (Migrant workers) फंस गए हैं। वो अपने राज्य नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसी कड़ी में अहमदाबाद से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। झारखंड का रहने वाली मजदूर परवेज़ अंसारी अहमदाबाद में फंस गया। उसकी खैरियत के बारे में घरवालों को कुछ भी पता नहीं था। लेकिन जैसे ही उसने अपने परिवारवालों को वीडियो कॉल किया वो उन्हें देख कर दंग रह गए।
'मेरी हालत बहुत खराब है'
19 साल के परवेज़ रविवार की सुबह बुखार और खांसी से तड़प रहे थे। तभी उन्होंने अपने घर रांची में परिवारवालों को कॉल किया। परिवार के लोग उनकी हालत देखकर हैरान और परेशान हो गए। परवेज़ का वजन आधा हो गया था। वो बोल नहीं पा रहा था। उसकी ऐसी हालत देख कर परिवारवालों ने वीडियो बनाने को कहा, जिससे कि उसे मदद मिल सके। इसके बाद इस वीडियो को झारखंड के ओएसडी भोर सिंह यादव को भेजा गया। वीडियो में अंसारी कह रहा था, 'मेरी हालत बहुत खराब है। घर पहुंचा दीजिए।'इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए भोर सिंह यादव ने कहा, 'वो बेहद कमजोर और कुपोषित दिख रहा था। ऐसे में हमने उसे बचाने के लिए अहमदाबाद पुलिस की मदद ली। जब एक टीम उसके घर पर पहुंची, तो उन्हें लगा कि वो कई दिनों से बीमार था। उसके पड़ोसियों ने बताया कि वो परवेज को खाना देते थे, लेकिन बीमारी के चलते वो कुछ भी खा नहीं पाता था। बाद में उसे हॉस्पिटल ले जाया गया।'
किडनी फेल
हॉस्पिटल में पता चला कि अंसारी को टीबी की बीमारी थी। साथ ही उसका किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया था। सिविल अस्पताल में जांच के बाद टेस्ट में पता चला है कि अंसारी को कोरोना नहीं है। अहमदाबाद के जिस राबरी कॉलनी में वो रहता था वहां लगभग सन्नाटा पसरा था। यहां रहने वाले लगभग सारे मजदूर वहां से जा चुके थे। वहां रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि अंसारी को ये सब खाना देते थे, लेकिन वो बीमारी के चलते खा नहीं पाता था।
डेढ़ साल पहले गया था अहमदाबादअंसारी के परिवार ने कहा कि वो करीब डेढ़ साल पहले अहमदाबाद गया था। वो वहां एक पैकेजिंग कंपनी में काम करता था। अंसारी के बड़े भाई तौहीद ने कहा, 'जब वो घर आया था तब पूरी तरह से ठीक था। मैंने उसे वापस आने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं आया। उसने 1200 रुपये में किराए पर एक कमरा ले रखा था। 20 मार्च के आसपास उसने बताया कि वो ठीक नहीं है। हमने उसे वापस आने के लिए कहा। उसने कहा कि उसके पास पैसे नहीं हैं, तो हमने उसे मोबाइल बैंकिंग से कुछ पैसे भेज दिए। बाद में लॉकडाउन के चलते वो वापस नहीं आ सका। '
'मेरी हालत बहुत खराब है'
19 साल के परवेज़ रविवार की सुबह बुखार और खांसी से तड़प रहे थे। तभी उन्होंने अपने घर रांची में परिवारवालों को कॉल किया। परिवार के लोग उनकी हालत देखकर हैरान और परेशान हो गए। परवेज़ का वजन आधा हो गया था। वो बोल नहीं पा रहा था। उसकी ऐसी हालत देख कर परिवारवालों ने वीडियो बनाने को कहा, जिससे कि उसे मदद मिल सके। इसके बाद इस वीडियो को झारखंड के ओएसडी भोर सिंह यादव को भेजा गया। वीडियो में अंसारी कह रहा था, 'मेरी हालत बहुत खराब है। घर पहुंचा दीजिए।'इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए भोर सिंह यादव ने कहा, 'वो बेहद कमजोर और कुपोषित दिख रहा था। ऐसे में हमने उसे बचाने के लिए अहमदाबाद पुलिस की मदद ली। जब एक टीम उसके घर पर पहुंची, तो उन्हें लगा कि वो कई दिनों से बीमार था। उसके पड़ोसियों ने बताया कि वो परवेज को खाना देते थे, लेकिन बीमारी के चलते वो कुछ भी खा नहीं पाता था। बाद में उसे हॉस्पिटल ले जाया गया।'
किडनी फेल
हॉस्पिटल में पता चला कि अंसारी को टीबी की बीमारी थी। साथ ही उसका किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया था। सिविल अस्पताल में जांच के बाद टेस्ट में पता चला है कि अंसारी को कोरोना नहीं है। अहमदाबाद के जिस राबरी कॉलनी में वो रहता था वहां लगभग सन्नाटा पसरा था। यहां रहने वाले लगभग सारे मजदूर वहां से जा चुके थे। वहां रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि अंसारी को ये सब खाना देते थे, लेकिन वो बीमारी के चलते खा नहीं पाता था।
डेढ़ साल पहले गया था अहमदाबादअंसारी के परिवार ने कहा कि वो करीब डेढ़ साल पहले अहमदाबाद गया था। वो वहां एक पैकेजिंग कंपनी में काम करता था। अंसारी के बड़े भाई तौहीद ने कहा, 'जब वो घर आया था तब पूरी तरह से ठीक था। मैंने उसे वापस आने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं आया। उसने 1200 रुपये में किराए पर एक कमरा ले रखा था। 20 मार्च के आसपास उसने बताया कि वो ठीक नहीं है। हमने उसे वापस आने के लिए कहा। उसने कहा कि उसके पास पैसे नहीं हैं, तो हमने उसे मोबाइल बैंकिंग से कुछ पैसे भेज दिए। बाद में लॉकडाउन के चलते वो वापस नहीं आ सका। '