नागौर / राजस्थान - दो गांव ऐसे जहां होली पर हुड़दंग नहीं, बुराइयां छोड़ने के सामूहिक फैसले लिए जाते हैं

Dainik Bhaskar : Mar 20, 2019, 11:57 AM
रियां बड़ी. राजस्थान के नागौर जिले के दो गांव- जसवंताबाद और ईनाणा ऐसे हैं, जो हर होली पर एक बुराई को त्याग कर युवाओं से कुछ नया करने का आह्वान करते हैं। इस बार भी किसी कुप्रथा या बुराई को गांव से हटाने पर फैसला लिया जाएगा। 

अभी तक इन गांवों ने पूर्ण शराबबंदी, डीजे बजाने पर पूरी तरह रोक, सामाजिक कार्यक्रमों में मेहमानों को परोसे जाने वाले गुड़-अफीम की मनुहार और नशा नहीं करने जैसे फैसले लिए हैं। 

जसवंताबाद : हर साल एक कुप्रथा या बुराई त्यागता है

इस गांव में हर साल होली पर ग्राम सभा होती है। सामाजिक सुधारों को लेकर सामूहिक फैसले किए जाते हैं। हर वर्ष एक कुरीति को त्यागा जाता है।

यही वजह है कि इस गांव में पूर्ण शराबबंदी, डीजे बजाने पर पूरी तरह रोक, सामाजिक कार्यक्रमों में मेहमानों को परोसे जाने वाले गुड़-अफीम की मनुहार पर रोक जैसी कुप्रथा पर पूरी तरह रोक लगी हुई है। 

ईनाणा: 1995 में ही लग गई शराब पर पाबंदी 

सात हजार की आबादी वाला यह गांव पूरे प्रदेश के लिए रोल मॉडल है। यहां धूम्रपान सामग्री, गुटखा, पान-मसाला तक पर रोक है।

1995 में ही गांव में शराब पर पाबंदी लगा दी गई थी। सामाजिक कार्यक्रमों में डीजे और आतिशबाजी पर भी पाबंदी है।

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