Marriage / लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु बढ़ाने की जरूरत, मोदी सरकार इस दिशा में बढ़ाए कदम

AajTak : Aug 22, 2020, 01:41 PM
Marriage: हमारे देश में कई गलत कुरीतियां कायम होने के कारण समाज सुधार की राह में बाधा पैदा होती है। लडकियों की अपेक्षाकृत कम उम्र में शादी होना सामाजिक कुरीति के साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी एक बडा कारण है। लिहाजा काफी समय से अक्सर यह चर्चा होती रही है कि लडकियों की शादी की न्यूनतम उम्र को बढाया जाना चाहिए। अब जब प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने संबोधन में इसकी चर्चा की है तो उम्मीद की जानी चाहिए कि कानून के माध्यम से इसमें आवश्यक सुधार किया जा सकता है।

अब तक जिस बाल विवाह को खत्म करने की सोच को केवल किताबों और सेमिनारों तक ही सीमित समझा जा रहा था, उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंभीरता ने एक बार फिर से विमर्श खड़ा कर दिया है। दरअसल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार करने की बात कही है। साफ तौर पर कहें तो प्रधानमंत्री ने शादी की न्यूनतम उम्र को 18 साल से बढ़ाकर 21 करने के संकेत दिए हैं। शादी की न्यूनतम आयु में बदलाव का संकेत देकर प्रधानमंत्री ने यकीनन एक ऐसी बहस छेड़ी है जिसकी दशकों से जरूरत महसूस की जा रही थी।

हालांकि भारत में महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु हमेशा ही एक विवादास्पद विषय रहा है और जब भी इस प्रकार के नियमों में परिवर्तन की बात की गई है, तो सामाजिक और धार्मिक रुढ़िवादियों का कड़ा प्रतिरोध देखने को मिला है। बात चाहे मातृत्व मृत्यु दर की हो या शिशु मृत्यु दर की, इसमें ग्राफ के बढ़ने के पीछे कम उम्र में विवाह को भी एक वजह मानी जाती रही है। वर्तमान में कानूनी तौर पर लड़कों के लिए शादी की उम्र 21 साल है जबकि लड़कियों के लिए 18 साल। लेकिन सरकार को महसूस हो रहा है कि लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल को बढाया जाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर 18 साल से कम उम्र में भी लड़कियों की शादी मामले हमेशा ही प्रकाश में आते रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष द्वारा इसी वर्ष दो जुलाई को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक बाल विवाह पर लगभग संपूर्ण विश्व में प्रतिबंध के बाद भी व्यापक स्तर पर यह प्रथा चलन में है। यूनिसेफ का अनुमान है कि भारत में हर साल कम से कम 15 लाख लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में कर दी जाती है। दूसरे शब्दों में भारत विश्व में सर्वाधिक बाल विवाह वाला देश है। भारत में बीते पांच वर्षों में 3.76 करोड़ लड़कियों की शादियां हुईं। इनमें से 1. 37 करोड़ लड़कियों का विवाह 18-19 वर्ष की उम्र में ही किया गया। वहीं 75 लाख लड़कियों का विवाह 20-21 साल की उम्र में हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो पांच वर्षों में 61 फीसद ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली लड़कियों की शादी 18-21 वर्ष की उम्र के बीच की गई। वर्ष 2015-16 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक 20-24 आयु वर्ग की महिलाओं में से 48 फीसद का विवाह 20 वर्ष की उम्र में हुआ तो वहीं 26.8 फीसद की शादी 18 साल से पहले ही हो गई थी।

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