जापान / दुनिया में मौजूद है एक 'नर्क की घाटी', जानिए कौन करता है इसकी पहरेदारी?

AajTak : Dec 27, 2019, 06:18 PM
जापान: हिंदुस्तान से करीब 6 हज़ार किमी दूर एक ऐसी घाटी है जहां मौसम के सर्द होते ही सन्नाटा पसर जाता है। दूर-दूर तक फिर इंसान तो क्या जानवर और परिंदा भी नज़र नहीं आता है। लेकिन जब सब इस जगह को छोड़ कर चले जाते हैं तब भी कोई है जो यहां की पहरेदारी करता है, वो भी अपनी जान जोखिम में डाल कर। तो आज वारदात में कहानी उस घाटी की जिसे नर्क की घाटी भी कहा जाता है।

नगानो प्रांत में है अनोखी घाटी

जापान  की राजधानी टोक्यो से 509 किलीमीटर दूर नगानो प्रांत में है ये अनोखी घाटी। जिसे दुनिया हेल वैली यानी नर्क की घाटी कहती है। यूकोयू नदी के किनारे बने जिगोकुदनी मंकी पार्क में सर्दी के दिनों में जब बर्फबारी होती है, तब वहां बंदरों के अलावा कोई नज़र नहीं आता है। इस दौरान यहां का तापमान माइनस 20 डिग्री से नीचे चला जाता है।

बर्फीली हवाओं का कहर

दुनिया इसे नर्क की घाटी कहती है। वहां रहना अपनी मौत को दावत देने के बराबर है। बर्फीली हवाओं की आवाज़ ऐसी है कि कान में चुभन महसूस हो। तो अंदाज़ा लगाइये यहां एक लम्हें के लिए भी खडे होने पर क्या हाल होगा। दूर दूर तक जहां भी नज़र जाए सिर्फ और सिर्फ बर्फ नज़र आती है। पहाड़ बर्फ की चादरें ओढ़े हैं। सूखे पेड़ों पर पत्तियों की जगह बर्फ ढ़की है। बर्फीली हवाएं सफेद धुए का गुबार बनाती हैं। लेकिन कोई है जो इस जानलेवा मौसम में भी इस जगह की रखवाली करता है। कोई है जो है इस जगह का बॉडीगार्ड।

घाटी को नर्क बना देता है सर्द मौसम

सर्दी का मौसम जब-जब आता है। तो ये जगह जीता जागता नर्क बन जाता है। तापमान माइनस 20 डिग्री से भी नीचे चला जाता है। बर्फीली हवाएं चलने लगती हैं। इंसान इस जगह को छोड़कर भाग जाते हैं। लेकिन इस घाटी के ये रखवाले इस जगह से टस से मस भी नहीं होते हैं। जान चली जाती है लेकिन ये बेज़ुबान बंदर इस जगह को नहीं छोड़ते। इन्हें सिकुड़ सिकुड़कर यहां की इस जानलेवा बर्फबारी को झेलना पड़ता है। यही इनकी परंपरा है और यही ये सदियों से करते चले आ रहे हैं। देखिए भारी बर्फबारी में पेड़ पर बंदर ठिठुर रहे हैं। वहां हर तरफ का यही नज़ारा है। जानलेवा बर्फ इनमें से किसी को यहां खड़ा भी नहीं होने दे रही है।

घाटी में केवल दिखाई देते हैं बंदर

उछल कूद मचाने के लिए जाने जाने वाले ये जानवर देखिए कैसे बर्फ से हारकर किसी शरीफ जानवर की तरह खुद को किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। बर्फ को काटते हुए ये किसी पेड़ पर अपना ठिकाना तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। एक बेबस मां अपने बच्चे को पीठ पर लादे हुए उसे किसी महफूज़ जगह पर ले जाने की कोशिश कर रही हैं। भारी बर्फबारी की वजह से यहां काफी फिसलन हो गई है। इसलिए वे खुद ब खुद इस बर्फ में फिसलते जा रहे हैं।


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