देश / पूर्वाग्रह है, यूएस सरकार के आयोग का बयान अनुचित: शाह को बैन करने के प्रस्ताव पर भारत

AajTak : Dec 10, 2019, 04:04 PM
लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर बयान जारी किया है, जिसमें उनपर बैन लगाने की मांग की है. इस मसले पर अब भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है और कहा है कि इस संस्थान का जो ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उससे वह चौंके नहीं हैं. फिर भी वह उनके इस बयान की निंदा करते हैं.

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि USCIRF की ओर से जिस तरह का बयान दिया गया है, वह हैरान नहीं करता है क्योंकि उनका रिकॉर्ड ही ऐसा है. हालांकि, ये भी निंदनीय है कि संगठन ने जमीन की कम जानकारी होने के बाद भी इस तरह का बयान दिया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मंगलवार को इस मसले पर बयान दिया. रवीश कुमार ने कहा, ‘USCIRF के द्वारा जो बयान दिया गया है वह सही नहीं है और ना ही इसकी जरूरत थी. ये बिल उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देता है जो पहले से ही भारत में आए हुए हैं. भारत ने ये फैसला मानवाधिकार को देखते हुए लिया है. इस प्रकार के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए, ना कि उसका विरोध करना चाहिए.’

रवीश कुमार बोले कि नागरिकता संशोधन बिल किसी तरह से भारत में रह रहे लोगों को प्रभावित नहीं करता है. संस्था ने अपने बयान में जो सुझाव दिए हैं, वह किसी तरह सही नहीं हैं. हर देश को अपनी पॉलिसी के तहत कानून बनाने का अधिकार है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है.

गौरतलब है कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता केंद्रीय आयोग (USCIRF) ने दोनों सदनों में बिल पास होने पर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अमेरिका से प्रतिबंध लगाने की भी मांग कर दी है.

हालांकि, इस मांग पर अमेरिकी सरकार के द्वारा कोई बयान नहीं दिया गया है. संस्थान की ओर से CAB, NRC की निंदा की गई है और इसे भारत में मौजूद मुस्लिमों के खिलाफ एक्शन से जोड़ा है.

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