जयपुर / 1 दिसंबर से सिर्फ एक कैश लेन होगी, फास्टैग नहीं तो लाइन में लगने को तैयार रहें

Dainik Bhaskar : Nov 06, 2019, 08:01 AM
जयपुर | अगर आप निजी वाहन से जयपुर से दिल्ली, कोटा, अजमेर, दौसा और सीकर जाने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। दरअसल, केंद्र सरकार ने 1 दिसंबर 2019 से नेशनल हाईवे पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है। 1 दिसंबर से सिर्फ एक लेन ही टाेल टैक्स की कैश वसूली के लिए रहेगी बाकी सभी फास्टैग के लिए होंगी।

फास्टैग नहीं लेने पर कैश की लाइन में वाहनों की लंबी लाइन लगेगी, जिससे टाेल पार करने में समय भी अधिक लगेगा। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते आप भी अपनी गाड़ी में फास्टैग लगवा लें। हाईवे अथॉरिटी 15 नवंबर तक सभी टाेल प्लाजा पर सभी लाइनाें में फास्टैग लेन चालू कर देगी। हाईवे अथॉरिटी ने सभी टाेल प्लाजा पर फास्टैग के प्रचार के लिए बड़ा अभियान चलाया है। फास्टैग लगी गाड़ियों को टोल प्लाजा पर नकद लेनदेन के लिए रुकने की जरूरत नहीं होती, जिससे ईंधन और समय दोनों की बचत होती है।

400 रु में मिलेगा कार्ड लाइफटाइम वैलिडिटी

कार्ड में ~100 से लेकर ~1 लाख तक डलवाएं जा सकते हैं। कार्ड और जमा रुपए लाइफटाइम तक जमा रहेंगे। कार्ड खराब हाेने पर ~100 में खरीद सकेंगे। टाेल का रोजाना उपयोग करने वाले स्थानीय लाेगाें के निजी वाहनों का मासिक पास पहले की तरह 235 रुपए में ही बनेगा।

100 रु का हाेगा फास्ट-टैग कार्ड। 

200 रु जमा हाेंगे कार्ड की सिक्योरिटी के। 

100 रु का रिचार्ज करवाना हाेगा।

ऐसे मिलेगा फास्टैग... एप डाउनलोड करें या बैंक जाएं

यहां उपलब्ध : टोल प्लाजा,चुनिंदा बैंक, रिटेल पीओएस लोकेशंस, जारीकर्ता बैंक की वेबसाइट, माय फास्ट-टैग एप, ई-कॉमर्स साइट अमेजन। 

जरूरी दस्तावेज: फास्ट-टैग खरीदने के लिए गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, गाड़ी मालिक की पासपोर्ट साइज की फाेटाे, आईडी प्रूफ व एड्रेस प्रूफ की फाेटाे कॉपी देने के साथ ओरिजनल कॉपी भी दिखानी होगी।

अच्छी खबर ये भी कि 2.5% तक कैशबैक ऑफर हो रहा

केंद्र सरकार ने फास्टैग काे बढ़ावा देने के लिए मार्च 2020 तक फास्टैग  पर 2.5 फीसदी का कैशबैक देने योजना बनाई है। 

प्रत्येक ट्रांजेक्शन के बाद लिंक्ड बैंक खाते में पैसे सीधे जमा होंगे।

फास्टैग टाेल 2014 में शुरू किया गया था। पहले एक ही लाइन में शुरू किया गया। 1 दिसंबर, 2017 के बाद से सभी नई कारों पर पहले से ही फास्टैग एक्टिवेट हैं।

फास्टैग के बारे में वो सबकुछ, जो जानना जरूरी...

फास्टैग, रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक टैग है।

यह गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है।

टोल प्लाजा पर लगी डिवाइस टैग को रीड कर लेती है और टोल गेट खुद-ब-खुद खुल जाता है।

टोल बूथ से होकर गुजरते समय रुककर टोल टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होती है।

यूजर के टैग खाते से होने वाले सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस से मिलती है।

प्रदेश के 72 टोल पर चल रहा है फास्टैग 

अभी 21% व्हीकल में ही फास्टैग है। इनमें से कार अाैर छाेटे व्हीकल मात्र 6% हैं। अभी देशभर में नेशनल व स्टेट हाईवे के 528 से अधिक टोल प्लाजा पर फास्टैग उपयोग हो रहा है। प्रदेश में नेशनल हाईवे पर 72 टाेल प्लाजा हैं, जिन पर फास्ट-टैग काम कर रहे हैं।


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