लाइफस्टाइल / ये 9 बातें किसी भी हाल में किसी को भी नहीं बताना चाहिए, ऐसा ही करते हैं समझदार लोग

NavBharat Times : Feb 20, 2020, 11:50 AM
लाइफस्टाइल डेस्क | सोशल मीडिया के दौर में जहां लोग अपनी छोटी से छोटी बाते भी बता देते हैं, वहीं जीवन की कुछ ऐसी बातें होती हैं जिनका गोपनीयता रखना बहुत जरूरी है। हालांकि कुछ लोग आपकी हर बात जानना चाहते हैं, याद रहे जो आपके राज जानने का प्रयास करें वो आपका हितैषी नहीं है। यह बात दैत्यों के गुरू शुक्राचार्य ने कही है। शुक्राचार्य भले ही वह दैत्यों के गुरु हैं लेकिन वह महान ज्ञानी के साथ-साथ एक अच्छे नीतिकार भी हैं। उन्होंने अपनी नीति में बताया है कि हर इंसान को अपनी 9 बातों के बारे में कभी किसी को भी नहीं बताना चाहिए।

गुप्त रखने में ही है भलाई

आचार्य शुक्राचार्य ने अपनी नीति में कहा है कि मनुष्य को अपनी आयु के बारे में हर किसी को नहीं बताना चाहिए। आयु को जितना गुप्त रखा जाए, उतना ही आपके लिए अच्छा रहेगा। हालांकि आज के दौर में यह संभव नहीं है क्योंकि आधार कार्ड, पासपोर्ट, सोशल मीडिया पर यह जानकारी आसानी से मिल जाती है। लेकिन जितना संभव हो सके अपनी आयु के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए।

हो सकती है इससे परेशानी

आपके पास कितनी भी धन, संपत्ति क्यों ना हो परिवार को छोड़कर कभी भी इसके बारे में जानकारी नहीं देनी चाहिए। फिर चाहें वह आपका कितने भी अच्छे सगे-संबंधी क्यों न हों। धन आपके जीवन में कई सुख-सुविधाएं तो ला सकता है लेकिन कई बार आपकी परेशानी का कारण भी बन सकता है। इसलिए धन-संपत्ति के बारे में कभी किसी तो नहीं बताना चाहिए।

परिवार की प्रतिष्ठा हो सकती है खराब

कभी भी घर की लड़ाई-झगड़ों के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए। क्योंकि कई बारे आपसे नफरत करने वाले विरोधी इस बात का फायदा उठा सकते हैं। जिससे आपको नुकसान हो सकता है। आपके घर की कमजोरी जानकर परिवार की प्रतिष्ठा खराब हो सकती है।

ईश्वर की नहीं रहती कृपा

कई लोग भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए सुबह पूजा-पाठ करते हैं और गुरु मंत्र के साथ कई और मंत्र का भी जप करते हैं। लेकिन आपको कभी भी उन मंत्रों के बारे में नहीं बताना चाहिए। ऐसा करने ले आपकी पूजा विफल हो जाती है और उन मंत्रों का कोई मतलब नहीं रह जाता है। जो मनुष्य अपनी पूजा-पाठ और मंत्र गुप्त रखता है, उस पर ईश्वर की सदैव कृपा बनी रहती है।

तो शर्मिंदा होना पड़ सकता है

शुक्रनीति में बताया गया है कि मनुष्य को अपने अंतरंग पलों का जिक्र किसी से नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको कभी ना कभी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है। मनुष्य को अपने व्यक्तिगत जीवन के क्षणों के बारे में किसी भी तीसरे से बात नहीं करनी चाहिए यही मर्यादित लोगों की निशानी है। समझदार लोग ऐसा ही करते हैं।

जान का हो सकता है खतरा

शुक्रनीति में कहा गया है कि कभी भी दूसरों को बिना डॉक्टर के सलाह के दवाइयों के बारे में नहीं बताना चाहिए। ऐसा करने से आप दूसरों की जान को खतरे में डाल सकते हैं। आप जो भी दवा सामने वाले को बताते हैं, हो सकता है कि उससे एलर्जी हो जाए। जिससे उसकी जान को खतरे में पड़ जाए। इसलिए कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयों के बारे में नहीं बताना चाहिए। यानी किसी को दवाइयों के बारे में सलाह ना दें।

दान के बारे में ना बताएं

दान के बारे में भी कभी किसी को नहीं बताना चाहिए। दान ऐसा पुण्य कर्म है, जिसे गुप्त रखने पर ही फल मिलता है। सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व है। दान देने से ना केवल आपको ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है बल्कि आपके जीवन के सभी दोष भी दूर होते हैं। जरूरी नहीं है कि दान केवल वस्तु या फिर धन का दिया जाए, आप किसी को मानसिक और भावनात्म सपॉर्ट भी दे सकते हैं।

सम्मान पाने के लिए रखें ध्यान

समझदार लोग कभी अपने मान का बखान लोगों के सामने नहीं करते हैं। जो लोग अपने आपकी तारीफ लोगों के बीच करते रहते हैं वह लोगों के बीच अपना आदर स्वयं खो देते हैं। लोगों को अपनी क्षमता और गुणों को स्वयं समझने देना चाहिए। जो लोग अपनी तारीफ स्वयं करते रहते हैं उन्हें लोग अपने मुंह मियां मिट्ठू बोलना शुरू कर देते हैं। कुछ लोग आपको मिल रहे मान को लेकर आपसे द्वेष भी कर सकते हैं।

बन सकते हैं हंसी का पात्र

जैसे अपने मान के बारे में लोगों को नहीं बोलना चाहिए उसी तरह अपने अपमान का जिक्र भी किसी से नहीं करना चाहिए। रहिम ने भी इस बात का जिक्र करते हुए दोहे में लिखा है….रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय, सुनी इठलैहैं लोग सब, बांटी न लैहैं कोय। लोगों से अपने अपमान के बारे में बताएंगे तो लोग आपका मजाक ही बनाएंगे कोई आपके कष्ट को दूर नहीं करेगा। इसलिए मान-अपमान को अपने मन में ही रखना चाहिए।

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