News18 : Apr 30, 2020, 11:36 AM
नोएडा। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बाद मल्टीनेशनल कंपनियों का मोह चीन से भंग होने लगा है। अब वह अपने आगे का कारोबार चीन में रहकर नहीं करना चाहती हैं। यही वजह है कि उन्होंने अब भारत में अपनी कंपनियों के लिए अवसर खोजना शुरू कर दिया है। वहीं, इन कंपनियों की चाहत को भांपते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी तरह से एक पहल की है। इस पहल के तहत, यूपी सरकार ने चीन छोड़कर आने वाली कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश करने का आमंत्रण दिया है। वहीं, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन कंपनियों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें उत्तर प्रदेश में व्यापार के समुचित माहौल के साथ हर संभव सुविधा और सहूलियतें दी जाएंगी। योगी सरकार की इस पहल का अब सकारात्मक असर भी दिखने लगा है।
दो कंपनियों ने यमुना अथॉरिटी को भेजा आवेदन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आमंत्रण की खबर लगते ही चीन छोड़ कर जाने को तैयार कंपनियों को मुंह मांगी मुराद मिल गई है। हाल में, ऐसी दो कंपनियां सामने आई हैं, जो चीन से अपना व्यापार खत्म कर उत्तर प्रदेश में अपनी कारखाने लगाना चाहती है। हुआके और हुंसान नामक इन दोनों कंपनियों ने यमुना अथॉरिटी को अपने आवेदन भेज दिए हैं। वहीं, यमुना अथॉरिटी ने भी इन दोनों कंपनियों के आवेदन स्वीकार कर लिए हैं। यमुना अथॉरिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो उत्तर प्रदेश में अपना भविष्य तलाशने वाली कंपनियों में कई अन्य कंपनियां भी शामिल है। इन कंपनियों ने भले ही अभी तक औपचारिकतौर पर अपना आवदेन नहीं दिया हो, लेकिन बीते कई दिनों से अथॉरिटी के अधिकारियों के संपर्क में हैं। जल्द ये कंपिनयां भी उत्तर प्रदेश में निवेश का फैसला कर सकती है।
जल्द शुरू होगी आवंटन की ऑनलाइन प्रक्रियायमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि हुआके और हुंसान नामक दो कंपनियों के आवेदन स्वीकार किए गए हैं। अगले सप्ताह से आवंटन की प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हुआके कैमरे के ऐसेसिरिज बनाने वाली कंपनी है। वहीं हुंसान इलेकट्रॉनिक कंपोनेंट तैयार करती है। उन्होंने बताया कि चीन छोड़कर भारत आने वाली कंपनियों के लिए निवेश का बेहतर वातावरण यूपी में मौजूद है, जिसको देखते हुए वीवो या ओपो जैसी मोबाइल कंपनियों के कंपोनेंट तैयार करने वाली कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसर खोज रही हैं। वहीं, नोएडा और गाजियाबाद में विशेष रूप से तैयार किए गए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग जोन भी विदेशी कंपनियों को आकर्षित कर रहा है। जल्द ही, भारत में अपना भविष्य तलाशती विदेशी कंपनियां इन्हीं क्षेत्रों में निवेश करती नजर आएंगी।
विदेशी कंपनियों को यूपी में मिलेगी विशेष छूट
यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि यूपी सरकार ने अपनी औद्योगिक नीति के तहत विदेश से आकर निवेश करने वाली कंपनियों को कई तरह की रियायतें दी गई हैं, जिनमें विदेश से आकर निवेश करने वाली कंपनियों को 25 फीसदी की लैंड सब्सिडी भी शामिल है। इसके अलावा, इन कंपनियों को स्टैंप ड्यूटी और इलेक्ट्रिसिटी रेट में भी छूट दी जा रही है। सरकार ने इन कंपनियों को रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट के लिए अलग राशि का प्रावधान किया है। इतना ही नहीं, कपंनियों को दस साल तक राज्य सरकार की जीएसटी के रीइंबर्समेंट का प्रावधान भी शामिल है। इन कंपनियों के लिए रियायती दरों पर बैंक लोन भी उपलब्ध कराया गया है। सीईओ अरुणवीर सिंह के अनुसार, विदेश से आकर यूपी में निवेश करने वाली सभी कंपनियों को यह छूट दी जा रही है।
दो कंपनियों ने यमुना अथॉरिटी को भेजा आवेदन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आमंत्रण की खबर लगते ही चीन छोड़ कर जाने को तैयार कंपनियों को मुंह मांगी मुराद मिल गई है। हाल में, ऐसी दो कंपनियां सामने आई हैं, जो चीन से अपना व्यापार खत्म कर उत्तर प्रदेश में अपनी कारखाने लगाना चाहती है। हुआके और हुंसान नामक इन दोनों कंपनियों ने यमुना अथॉरिटी को अपने आवेदन भेज दिए हैं। वहीं, यमुना अथॉरिटी ने भी इन दोनों कंपनियों के आवेदन स्वीकार कर लिए हैं। यमुना अथॉरिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो उत्तर प्रदेश में अपना भविष्य तलाशने वाली कंपनियों में कई अन्य कंपनियां भी शामिल है। इन कंपनियों ने भले ही अभी तक औपचारिकतौर पर अपना आवदेन नहीं दिया हो, लेकिन बीते कई दिनों से अथॉरिटी के अधिकारियों के संपर्क में हैं। जल्द ये कंपिनयां भी उत्तर प्रदेश में निवेश का फैसला कर सकती है।
जल्द शुरू होगी आवंटन की ऑनलाइन प्रक्रियायमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि हुआके और हुंसान नामक दो कंपनियों के आवेदन स्वीकार किए गए हैं। अगले सप्ताह से आवंटन की प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हुआके कैमरे के ऐसेसिरिज बनाने वाली कंपनी है। वहीं हुंसान इलेकट्रॉनिक कंपोनेंट तैयार करती है। उन्होंने बताया कि चीन छोड़कर भारत आने वाली कंपनियों के लिए निवेश का बेहतर वातावरण यूपी में मौजूद है, जिसको देखते हुए वीवो या ओपो जैसी मोबाइल कंपनियों के कंपोनेंट तैयार करने वाली कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसर खोज रही हैं। वहीं, नोएडा और गाजियाबाद में विशेष रूप से तैयार किए गए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग जोन भी विदेशी कंपनियों को आकर्षित कर रहा है। जल्द ही, भारत में अपना भविष्य तलाशती विदेशी कंपनियां इन्हीं क्षेत्रों में निवेश करती नजर आएंगी।
विदेशी कंपनियों को यूपी में मिलेगी विशेष छूट
यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने न्यूज 18 से बातचीत में बताया कि यूपी सरकार ने अपनी औद्योगिक नीति के तहत विदेश से आकर निवेश करने वाली कंपनियों को कई तरह की रियायतें दी गई हैं, जिनमें विदेश से आकर निवेश करने वाली कंपनियों को 25 फीसदी की लैंड सब्सिडी भी शामिल है। इसके अलावा, इन कंपनियों को स्टैंप ड्यूटी और इलेक्ट्रिसिटी रेट में भी छूट दी जा रही है। सरकार ने इन कंपनियों को रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट के लिए अलग राशि का प्रावधान किया है। इतना ही नहीं, कपंनियों को दस साल तक राज्य सरकार की जीएसटी के रीइंबर्समेंट का प्रावधान भी शामिल है। इन कंपनियों के लिए रियायती दरों पर बैंक लोन भी उपलब्ध कराया गया है। सीईओ अरुणवीर सिंह के अनुसार, विदेश से आकर यूपी में निवेश करने वाली सभी कंपनियों को यह छूट दी जा रही है।