AMAR UJALA : Oct 06, 2019, 08:27 PM
नई दिल्ली | राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी एमबीडीए का कहना है कि मीटिअर और स्काल्प मिसाइलों से लैस होने के चलते यह बेहद खतरनाक हो गया है। दोनों मिसाइलों से लैस राफेल भारत की सैन्य शक्ति को और मजबूत करेगा। एमबीडीए ने कहा, अत्याधुनिक मिसाइल से लैस राफेल भारत के लिए गेमचेंजर साबित होगा।
राफेल दुश्मनों के गढ़ में अंदर तक जाकर प्रहार करने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता से भारत एशियाई क्षेत्र में मजबूत हवाई ताकत के तौर पर उभरेगा। राफेल विमान में तैनात मीटिअर और स्काल्प मिसाइलें वायुसेना को हवा से हवा में मार करने की अद्भुत क्षमता प्रदान करेंगी। ये दोनों मिसाइलें राफेल जेट का सबसे बड़ा आकर्षण हैं। एयरक्राफ्ट के जरिए नई क्षमता मिलेगीएमबीडीए के इंडिया चीफ लुइस पीडेवेक ने कहा, 'भारत को राफेल एयरक्राफ्ट के जरिए नई क्षमता मिलेगी, जो अब तक उसके पास नहीं थी। मीटिअर और स्काल्प मिसाइलें भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होंगी।' फ्रेंच कंपनी दसॉ एविएशन के साथ करार के तीन साल बाद मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह औपचारिक तौर पर पेरिस में भारत के लिए पहला राफेल जेट रिसीव करेंगे। मीटिअर एक्टिव रडार सीकर से लैस हैमीटिअर एडवांस एक्टिव रडार सीकर से लैस है। यह हर तरह के मौसम में वार करने में सक्षम है। तेज रफ्तार जेट से लेकर छोटे मानव रहित विमानों के साथ-साथ क्रूज मिसाइलों को भी निशाना बना सकती है। स्काल्प लंबी दूरी तक लक्ष्य भेदती हैस्काल्प करीब 300 किमी. तक मार करने वाली मिसाइल है। यह पहले से तय हमलों को नाकाम करने या फिर स्थिर लक्ष्यों को भेदने में दक्ष है। स्काल्प ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स और फ्रांसीसी वायुसेना का हिस्सा है। इसे खाड़ी युद्ध के दौरान भी इस्तेमाल किया गया था। यह सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऐक्शन को और आसानी से अंजाम दे सकती है
राफेल दुश्मनों के गढ़ में अंदर तक जाकर प्रहार करने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता से भारत एशियाई क्षेत्र में मजबूत हवाई ताकत के तौर पर उभरेगा। राफेल विमान में तैनात मीटिअर और स्काल्प मिसाइलें वायुसेना को हवा से हवा में मार करने की अद्भुत क्षमता प्रदान करेंगी। ये दोनों मिसाइलें राफेल जेट का सबसे बड़ा आकर्षण हैं। एयरक्राफ्ट के जरिए नई क्षमता मिलेगीएमबीडीए के इंडिया चीफ लुइस पीडेवेक ने कहा, 'भारत को राफेल एयरक्राफ्ट के जरिए नई क्षमता मिलेगी, जो अब तक उसके पास नहीं थी। मीटिअर और स्काल्प मिसाइलें भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होंगी।' फ्रेंच कंपनी दसॉ एविएशन के साथ करार के तीन साल बाद मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह औपचारिक तौर पर पेरिस में भारत के लिए पहला राफेल जेट रिसीव करेंगे। मीटिअर एक्टिव रडार सीकर से लैस हैमीटिअर एडवांस एक्टिव रडार सीकर से लैस है। यह हर तरह के मौसम में वार करने में सक्षम है। तेज रफ्तार जेट से लेकर छोटे मानव रहित विमानों के साथ-साथ क्रूज मिसाइलों को भी निशाना बना सकती है। स्काल्प लंबी दूरी तक लक्ष्य भेदती हैस्काल्प करीब 300 किमी. तक मार करने वाली मिसाइल है। यह पहले से तय हमलों को नाकाम करने या फिर स्थिर लक्ष्यों को भेदने में दक्ष है। स्काल्प ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स और फ्रांसीसी वायुसेना का हिस्सा है। इसे खाड़ी युद्ध के दौरान भी इस्तेमाल किया गया था। यह सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऐक्शन को और आसानी से अंजाम दे सकती है