AajTak : Apr 23, 2020, 08:03 PM
विशेष | गहरे समुद्र में रहने वाला एक रहस्यमयी जीव। ये जीव अपने आप में एक छलावा है। समुद्र में इसे देख पाना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि यह अपने शरीर के रंग को उसके पीछे मौजूद स्थान के रंग में ढाल लेता है। इस जीव के तीन दिल होते हैं। हरे और नीले रंग का खून होता है। साथ ही हमला होने या दुश्मन को देखकर यह एक गहरे रंग का धुआं छोड़ता है जो दुश्मन को लगभग अंधा कर देता है। इस जीव की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत ज्यादा है। आइए जानते हैं कि यह जीव इतना बेशकीमती क्यों हैं? समुद्र के अंदर बिना रीढ़ वाले प्राणियों में यह सबसे बुद्धिमान जीव है। इसका नाम है कटलफिश (Cuttlefish) यानी समुद्रीफेनी। इसके पास भी ऑक्टोपस की तरह 8 भुजाएं होती हैं। इसके अलावा दे लंबे टेंटेकल्स होते हैं। जिनसे ये अपना खाना पकड़ती है। इसकी 120 प्रजातियां समुद्र में पाई जाती हैं।कटलफिश की विशेषता यह है कि इनका शंख बाहर होने के बजाय इनके शरीर के अंदर होता है। ऐरागोनाइट से बना यहा भीतरी शंख खोखला होता है। यह कटलफिश के शरीर को ऐसा ढांचा प्रदान करता है, जिससे यह गहरे समुद्र में आसानी से आ जा सकती है।कटलफिश की आंखें W के आकार की होती हैं। ये काफी बड़ी होती हैं। अपने आंखों के इस आकार की वजह से यह 180 डिग्री पर मौजूद किसी भी जीव को देख सकती है। वैसे तो कटलफिश रंगों में अंतर नहीं कर सकती लेकिन जीवों के आकार से समझ लेती है कि कौन शिकार है या कौन शिकारी। यह छोटी मछलियां, केकड़े, श्रिंप आदि खाती है। कटलफिश के शरीर में तीन दिल होते हैं। जो इसके शरीर में हरे और नीले रंग के खून का संचार करते हैं। इसके शरीर में खून का रंग हरे और नीले रंग का इसलिए होता है क्योंकि इसके शरीर में एक खास प्रकार का प्रोटीन होता है जिसमें कॉपर यानी तांबा होता है। इसी प्रोटीन से खून में ऑक्सीजन का बहाव होता है। जैसे इंसानों के खून में आयरन होता है। जिसे हम हीमोग्लोबिन कहते हैं। जिसकी वजह से इंसानों समेत कई रीढ़ वाले जीवों का खून लाल रंग का होता है, वैसे ही कटलफिश में कॉपर वाला प्रोटीन यानी हीमोसायानिन मौजूद होता है। इसलिए खून का रंग हरा-नीला होता है। तीन दिलों में से दो ब्रैंकियल दिल खून को गिल्स में पहुंचाते हैं। तीसरा दिल शरीर के बाकी हिस्सों में हरा-नीला रंग का खून पहुंचाता है। कटलफिश को खून में कम ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इसके शरीर में खून का बहाव भी तेज होता है। इस कारण इसके तीन दिल होते हैं। कटलफिश के शरीर में एक इंक सैक होता है। जहां से यह एक गहरे रंग का धुआं जैसा पदार्थ छोड़ती है। ताकि दुश्मन को धोखा देकर बच सके। इसके इंक यानी स्याही में डोपामाइन होता है। इसकी वजह से दुश्मन थोड़ी देर के लिए अपनी सूंघने और देखने की क्षमता खो देता है। रंग छोड़ने और अलग-अलग वातावरण में अपना रंग बदलने की क्षमता के चलते इसे किंग ऑफ केमोफ्लॉज कहा जाता है। कटलफिश की इंक की बाजार में बहुत ज्यादा मांग है। इसकी इंक का उपयोग सीपिया रंग बनाने में होता है। इसे पकड़ कर इसके शरीर में इंक सैक निकाल उसे सुखा लिया जाता है। फिर एक खास तरह के एसिड के साथ रासायनिक प्रक्रिया कराकर इंक बना लिया जाता है। इससे निकलने वाले 1 लीटर इंक की कीमत 14 हजार रुपए के आसपास होती है। कटलफिश का उपयोग सबसे ज्यादा खाने के लिए होता है। मेडिटेरेनियन, पूर्व एशिया, इंग्लिश चैनल के आसपास बसे देशों में इसकी काफी मांग है। कटलफिश की इंक के साथ यूरोप में खास तरह का नूडल वेनेशियन ओस्टेरिया खाया जाता है। इस डिश को पुर्तगाल में चोकोस कॉम टिंटा कहते हैं। इसकी इंक से खाने के लिए सॉस भी बनते हैं। ब्लैक पास्ता भी बनता है।कटलफिश के शंख से मेटल कास्ट बनाए जाते हैं। शंख को लेकर उसके ऊपर सोने, चांदी से डि़जाइन बनाकर कलाकृतियां बनाई जाती हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के वैज्ञानिक तो इसके रूप बदलने की काबिलियत को लेकर इसकी मदद से स्मार्ट कपड़े बना रहे हैं, जो रंग बदलेंगे।