देश / ऐतिहासिक है ये हनुमान मंदिर जहां हुई 'हनुमान चालीसा' की रचना, दर्शन से पूरी होगी मनोकामना

Zee News : Sep 12, 2020, 08:16 AM
नई दिल्ली : देशभर में भगवान हनुमान के बहुत सारे मंदिर हैं सबकी अलग महिमा है। आज हम श्री हनुमान के एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देते हैं जहां बाबा का दर्शन करने पर आपके सारे संकट दूर हो जाएंगे। देश की राजधानी दिल्ली के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में प्राचीन हनुमान मंदिर का अलग ही महत्व है। जहां पर उपस्थित बाल हनुमानजी स्वयंभू विराजित हैं। जिनके रोम-रोम में बसते राम हैं, ह्रदय में प्रभु श्री राम और माता सीता विराजमान हैं। उन संकट मोचन परम भक्त बजरंगबली का गुणगान पूरी दुनिया में होता है।


पांडव कालीन है इंद्रप्रस्थ का प्राचीन हनुमान मंदिर

वैसे तो सप्ताह के सातों दिन यहां श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं लेकिन मंगलवार को यहां काफी भीड़ रहती है। मंदिर का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि माना जाता है कि इसकी स्थापना पांडवों ने की थी। दिल्ली जिसका पहले नाम इंद्रप्रस्थ था, उस पर पांडवों का राज था। पांडवों ने राजधानी में जिन पांच हनुमान मंदिरों की स्थापना की थी यह मंदिर उनमें से एक है।


इसी धाम पर हुई थी हनुमान चालीसा की रचना

मान्यता के अनुसार प्रसिद्ध भक्तिकालीन संत तुलसीदास ने दिल्ली यात्रा के समय इस मंदिर में भी दर्शन किये थे। इसी धाम में गोस्वामी तुलसीदास जी हनुमान चालीसा की रचना की थी। इसी दौरान मुगल सम्राट अकबर ने उन्हें दरबार में कोई चमत्कार दिखाने का निवेदन किया। तब तुलसीदास जी ने हनुमान जी महाराज की कृपा से सम्राट को चमत्कार दिखाया।



भारत का इकलौता मंदिर जिसकी चोटी पर चांद

भक्त शिरोमणि तुलसीदास का चमत्कार देखकर हैरान रह गए बादशाह अकबर ने मंदिर के तत्कालीन पुजारियों को उपहार स्वरूप एक चांद दिया था। जो आज भी मंदिर की चोटी पर लगा हुआ है। मंदिर के वर्तमान पुजारियों का दावा है कि कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर भारत का इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसकी चोटी पर चांद लगा हुआ है। बेशक आज के दौर में मुगल सम्राट अकबर की यह भेंट हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है।


राजस्थान के राजाओं ने भी लगाई यहां पर हाजिरी

अभी जो प्राचीन हनुमान मंदिर है उसकी इमारत आमेर के महाराजा मान सिंह प्रथम ने अकबर के शासन काल में बनवायी थी। जिसका विस्तार महाराजा जयसिंह द्वितीय ने जंतर मंतर के साथ करवाया। कहा जाता है कि मंदिर के निर्माण से लेकर अब तक बहुत परिवर्तन हुए, लेकिन हनुमानजी की मूर्ति वहीं पर स्थापित है, जहां शुरू में विराजामान थी। 


हनुमानजी को लाल चोला और लड्डू चढ़ाते हैं भक्त

मंदिर में बाल हनुमानजी के अलावा श्रीराम-सीता और लक्ष्मण, श्रीराधा कृष्ण, श्री हनुमानजी महाराज, संतोषी माता, शिव शंकर पार्वती, शिवलिंग, नंदी, हनुमानजी की गदा, मां दुर्गा, लक्ष्मी नारायण, भगवान गणेश, और मां सरस्वती की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मंदिर के बाहर मिठाई और फूलों की कई दुकानें हैं। श्रद्धालु मंदिर में हनुमानजी को लाल रंग का चोला और लड्डू चढ़ाते हैं। 

पवन पुत्र पूरी करते हैं भक्तों की सभी मनोकामना

कनाट प्लेस देश और दिल्ली का व्यावसायिक केंद्र होने के साथ ही धर्म और आस्था का भी केंद्र है। और इसमें हनुमान मंदिर की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इसका सबूत हैं यहां हर दिन दर्शन करने वाले लाखों भक्त। इस तरह यह हनुमान मंदिर पर्यटन और धार्मिक पर्यटन में दोनो में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।


बजरंग बली की अखंड ज्योति और आज के दर्शन का महत्व

अमूमन देश विदेश से आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु इस मंदिर में शीश झुकाना नहीं भूलते। मंगलवार और शनिवार भगवान हनुमान के पूजन के दो विशेष दिन हैं। इन दिनों में मंदिर 24 घंटे के लिए खुला होता है। भगवन की आराधना में जलने वाली अखंड ज्योति यहां हमेशा जलती रहती है। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से यहां आता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।

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