Video / मौलाना के उकसाने पर नमाज़ पढ़ने इकठ्ठा हुए हजारों, कहा- कोरोना से मुस्लिमों को खतरा नहीं

News18 : May 04, 2020, 08:19 AM
काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में भी कोरोना संक्रमण (Coronavirus) ने अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए हैं। यहां संक्रमण के अभी तक 2700 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि 85 लोगों की इससे मौत हो चुकी है। सरकार ने काबुल और कई अन्य शहरों में लॉकडॉउन लागू किया है लेकिन पाकिस्तान (Pakistan) की ही तरह यहां भी कट्टरपंथी मौलाना बार-बार लोगों को उकसा कर मस्जिदों में नमाज़ पढ़ने के लिए इकठ्ठा कर रहे हैं। शुक्रवार को भी सलाफी मुल्ला, मौलवी मुजीब रहमान अंसारी के उकसाने के बाद हज़ारों लोग जुमे की नमाज़ पढ़ने के लिए इकठ्ठा हो गए।

सरकार की हिदायत का अनदेखा करते हुए मौलवी मुजीब रहमाना ने रमजान के हर जुमे को मस्जिदों में आकर नमाज़ पढ़ने का आह्वान किया था। इसके बाद बीते शुक्रवार को अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरत के गाजेर गाह शरीफ के निकट कोरना संक्रमण और लॉकडाउन को धता बताते हुए हजारों की संख्या में मुसलमानों ने इकठ्ठा होकर नमाज़ पढ़ी। Ruptly की एक रिपोर्ट के मुताबिक इकठ्ठा हुए लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन भी नहीं किया।

'कोरोना नहीं, हमें अल्लाह पर भरोसा'

नमाज़ पढ़ने आए लोगों ने कहा-'हम कोरोना वायरस की चिंता नहीं करते। हमें भरोसा है कि अल्लाह ने ही कोरोना वायरस को भी बनाया है। इसे भी हमारी ही तरह अल्लाह ने बनाया है। बिना खुदा की मर्ज़ी के ऐसा कोई वायरस धरती पर पैदा हो ही नहीं सकता।' मौलवी मुजीब ने भी अपनी तक़रीर में कहा- हम मुसलमान हैं, हम अल्लाह पर भरोसा रखते हैं। कोरोना वायरस मुसलमानों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।' नमाज़ पढ़ने के लिए इकठ्ठा हुए कई अन्य लोग भी यही कहते नज़र आए कि उन्हें इबादत के लिए कोरोना वायरस का डर नहीं लगता।

काबा भी बंद है

बता दें कि इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा और मक्का मस्जिद को भी कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनज़र बंद रखा गया है। सऊदी अरब ने लोगों से हज यात्रा का प्लान भी सोच-समझकर बनाने के लिए कहा है जबकि दो महीने से उमरा यात्रा स्थगित है। इसके आलावा येरुशलम की अल अक्सा मस्जिद और मदीना की पैगंबर मोहम्मद की मस्जिद को भी बंद रखा गया है। मक्का शहर को मध्य मार्च में भी कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र बंद कर दिया गया था, फ़िलहाल इस शहर में किसी को जाने की इजाजत नहीं है।

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