नई दिल्ली / ट्रेन में कीजिए टेंशन फ्री सफर, एप से बुक होगा ई-लगेज, दिल्ली, जयपुर, आगरा में पहले लागू होगी योजना

Dainik Bhaskar : Sep 15, 2019, 08:14 AM
नई दिल्ली. अगर ज्यादा सामान लेकर यात्रा कर रहे हैं तो स्टेशन पर जाकर सामान की अलग से बुकिंग की आपाधापी नहीं करनी होगी। देश भर के रेल यात्रियों को यात्रा के वक्त ले जा रहे सीमा से ज्यादा लगेज की बुकिंग के लिए पार्सल ऑफिसों के चक्कर नहीं काटने होंगे। यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर जल्द ही ई-टिकट की तरह ही ई-लगेज सुविधा मुहैया कराने की योजना पर काम हो रहा है। फिलहाल ई-लगेज बुक करने की यह सुविधा ई-टिकट बुकिंग करने वाले पैसेंजरों के लिए उपलब्ध होगी।

बाद में इस योजना का लाभ सभी पैसेंजर ले सकेंगे। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन (क्रिस) सॉफ्टवेयर में बदलाव के लिए काम भी शुरू कर चुका है। अगले माह तक दिल्ली डिवीजन सहित जयपुर और आगरा डिविजन में ई-लगेज योजना शुरू हो सकती है। रेलवे के अधिकारी ने बताया कि इस योजना को लागू करने में लोकल स्तर पर किस-किस तरह की परेशानी आ सकती है और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है, इसको लेकर रेलवे बोर्ड दिल्ली, आगरा, जयपुर डिविजन के सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर को 18 सितंबर को मीटिंग के लिए रेलवे बोर्ड में बुलाया है ताकि नई सुविधा से रेल यात्रियों को कोई परेशानी न हो।

निर्धारित वजन से ज्यादा लगेज बिना बुक किए ले जाते हैं तो 6 गुना जुर्माना लगता है

रेलवे के नियम के अनुसार पैसेंजर कोच श्रेणी के अनुसार तय सीमा में भी पर्सनल लगेज ले जा सकता है। अगर वह तय सीमा से अधिक वजन या बड़े लगेज ले जाता है तो रेलवे में बुकिंग करानी होती है। अभी तक बुकिंग को पैसेंजरों को स्टेशन के पार्सल ऑफिस में जाना पड़ता है। वहां लगेज के वजन और दूरी के हिसाब से चार्ज वसूला जाता है। कोई पैसेंजर निर्धारित वजन से ज्यादा लगेज बिना बुक किए साथ ले कर चलता है तोपकड़े जाने पर रेलवे पैसेंजरों से 6 गुना तक जुर्माना वसूलता है।

किस क्लास में कितना लगेज ले जा सकते हैं

स्लीपर 40 किलो

एसी 3 40 किलो

एसी 2 50 किलो

एसी 1 70 किलो

रेलवे पैसेंजरों को कई तरह की सुविधा देने की योजना पर काम कर रही है। इसी में से एक योजना ई-लगेज योजना है। योजना को पायलट प्रोजेक्ट की तरह लागू किया जा रहा है। 18 सितंबर को रेलवे बोर्ड में एक मीटिंग बुलाई गई है, इसमें तय होगा इसका पेमेंट मोड, दर, सेफ्टी सहित कई मुद्दों पर चर्चा के बाद पॉलिसी तैयार होगी।

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