News18 : Apr 24, 2020, 12:00 PM
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने किसी न किसी बयान को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine) को कोरोना (Coronavirus) के इलाज में मददगार बताने वाले ट्रंप ने इस बार कोरोना संक्रमित व्यक्ति की जान कैसे बचाई जाए इसके लिए एक नई थियरी पेश की है। ट्रंप का कहना है कि कोरोना (Covid-19) से संक्रमित व्यक्तियों के फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है ऐसे में एक इंजेक्शन के जरिए उन्हें क्लीन कर दिया जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है।गुरूवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने बता रहे थे कि नई रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना वायरस का विभिन्न तापमान, मौसमों और सर्फेस पर व्यवहार कैसे बदला रहा है। बातचीत के दौरान ट्रंप ने अचानक दावा किया- '।।।।मैंने देखा कि कैसे फेफड़ों में मौजूद इन्फेक्ट एरिया को क्लीन कर दिया गया। हम ऐसा कुछ कर सकते हैं कि फेफड़ों के भीतर एक इंजेक्शन लगा दें जिससे अन्दर का सारा इन्फेक्शन क्लीन हो जाए। ये क्लीनिंग जैसा कुछ हो सकता है। क्योंकि ये वायरस फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर करता है और इससे ही सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं। हमें इसके बारे में पता लगाना चाहिए, डॉक्टर्स से इसके बारे में सलाह लेनी चाहिए लेकिन ये आयडिया काफी अच्छा लग रहा है।'
ट्रंप बोलते रहे, एक्सपर्ट शांत खड़े रहे।।।
कोरोना संक्रमण ठीक करने को लेकर ट्रंप जब ये थियरी दे रहे थे तब व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फ़ोर्स की कॉर्डिनेटर डॉक्टर देबोराह ब्रिक्स भी वहीं मौजूद थीं, हालांकि उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि ट्रंप के इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर उनका काफी मज़ाक उड़ाया जाने लगा। कई लोगों ने कहा कि ऐसा ही चलता रहा तो ट्रंप कुछ दिनों में कोरोना वायरस को अल्ट्रा वायलेट किरणों से भी जलाकर मारना चाहेंगे।डॉक्टर्स ने इस दावे को बताया पागलपन
गार्जियन के मुताबिक ट्रंप के इस दावे को कई नमी डॉक्टर्स ने गलत बताया है और फेफड़ों की सफाई या फिर अल्ट्रा वायलेट किरणों से इलाज को पागलपन करार दिया है। डॉक्टर्स के आलावा यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया के प्रोफ़ेसर रॉबर्ट राईख ने कहा- 'ट्रंप जो गलत जानकारियां साझा कर रहे हैं ये आम लोगों की जिंदगी के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं। ऐसे प्रॉपगैंडा को ख़ारिज करना चाहिए। सिर्फ डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स की बात मानिये और कृपा करके फेफड़े साफ़ करने के लिए कुछ मत पीजिए।' ट्रंप के इस दावे के बाद ट्विटर पर लोगों ने उनकी काफी आलोचना की है, लोगों का कहना है कि ट्रंप के ऐसे बयानों के चलते अगर किसी की मौत हो गयी तो जिम्मेदार कौन होगा।
ट्रंप बोलते रहे, एक्सपर्ट शांत खड़े रहे।।।
कोरोना संक्रमण ठीक करने को लेकर ट्रंप जब ये थियरी दे रहे थे तब व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फ़ोर्स की कॉर्डिनेटर डॉक्टर देबोराह ब्रिक्स भी वहीं मौजूद थीं, हालांकि उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि ट्रंप के इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर उनका काफी मज़ाक उड़ाया जाने लगा। कई लोगों ने कहा कि ऐसा ही चलता रहा तो ट्रंप कुछ दिनों में कोरोना वायरस को अल्ट्रा वायलेट किरणों से भी जलाकर मारना चाहेंगे।डॉक्टर्स ने इस दावे को बताया पागलपन
गार्जियन के मुताबिक ट्रंप के इस दावे को कई नमी डॉक्टर्स ने गलत बताया है और फेफड़ों की सफाई या फिर अल्ट्रा वायलेट किरणों से इलाज को पागलपन करार दिया है। डॉक्टर्स के आलावा यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया के प्रोफ़ेसर रॉबर्ट राईख ने कहा- 'ट्रंप जो गलत जानकारियां साझा कर रहे हैं ये आम लोगों की जिंदगी के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं। ऐसे प्रॉपगैंडा को ख़ारिज करना चाहिए। सिर्फ डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स की बात मानिये और कृपा करके फेफड़े साफ़ करने के लिए कुछ मत पीजिए।' ट्रंप के इस दावे के बाद ट्विटर पर लोगों ने उनकी काफी आलोचना की है, लोगों का कहना है कि ट्रंप के ऐसे बयानों के चलते अगर किसी की मौत हो गयी तो जिम्मेदार कौन होगा।