AMAR UJALA : Apr 28, 2020, 12:11 PM
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वह कोविड-19 को लेकर चीन के खिलाफ बहुत गंभीर जांच कर रहे हैं। उन्होंने संकेत दिया कि उनका प्रशासन बीजिंग से 12.41 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मुआवजा लेगा जो जर्मनी द्वारा कोरोना वायरस महामारी के कारण मांगा जा रहा है।
अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं का मानना है कि यदि चीन ने पारदर्शिता बरती होती और वायरस के शुरुआती चरणों में इसकी जानकारी साझा की होती तो इतने सारे लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौतें और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विनाश से बचा जा सकता था। अब बहुत सारे देशों ने चीन से मुआवजा मांगना शुरू कर दिया है।ट्रंप ने सोमवार को रोज गार्डन के संवाददाता सम्मेलन में जर्मनी के मुआवजे संबंधी दावे के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम उससे आसान चीजें कर सकते हैं। हमारे पास वैसा करने से भी आसान तरीके मौजूद हैं।'ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका भी जर्मनी की तरह ही क्षति के लिए मुआवजे मांगने जैसा कदम उठा सकता है। तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'जर्मनी भी कुछ विचार कर रहा है और हम भी कुछ देख रहे हैं और जर्मनी जितने मुआवजे की बात कर रहा है, हम उससे कहीं बड़ी राशि की बात कर रहे हैं। हमने अभी अंतिम राशि निर्धारित नहीं की है लेकिन यह काफी बड़ी राशि होने वाली है।'
अमेरिका के बाद इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोप है। वहीं भारत में कड़े सुरक्षा उपायों की वजह से मृतकों की संख्या अब भी 934 है और 29,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस वायरस की वजह से अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में व्यापक स्तर पर क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा की चीन को इस वायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहारने के कई रास्ते हैं। उनका कहना है कि अमेरिका इस संबंध में गंभीरता से जांच कर रहा है और वह चीन से खुश नहीं है। हाल के सप्ताह में चीन को इस वायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के विचार को काफी समर्थन मिला है।
बता दें कि कोरोना वायरस का पहला मामला सबसे पहले चीन के वुहान में पिछले साल नवंबर में सामने आया था। इसके कारण दुनियाभर में अब तक दो लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि 30 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। अमेरिका में वायरस ने सबसे ज्यादा 56 हजार लोगों की जान ली है और दस लाख से ज्यादा संक्रमित हैं।
अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं का मानना है कि यदि चीन ने पारदर्शिता बरती होती और वायरस के शुरुआती चरणों में इसकी जानकारी साझा की होती तो इतने सारे लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौतें और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विनाश से बचा जा सकता था। अब बहुत सारे देशों ने चीन से मुआवजा मांगना शुरू कर दिया है।ट्रंप ने सोमवार को रोज गार्डन के संवाददाता सम्मेलन में जर्मनी के मुआवजे संबंधी दावे के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम उससे आसान चीजें कर सकते हैं। हमारे पास वैसा करने से भी आसान तरीके मौजूद हैं।'ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका भी जर्मनी की तरह ही क्षति के लिए मुआवजे मांगने जैसा कदम उठा सकता है। तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'जर्मनी भी कुछ विचार कर रहा है और हम भी कुछ देख रहे हैं और जर्मनी जितने मुआवजे की बात कर रहा है, हम उससे कहीं बड़ी राशि की बात कर रहे हैं। हमने अभी अंतिम राशि निर्धारित नहीं की है लेकिन यह काफी बड़ी राशि होने वाली है।'
अमेरिका के बाद इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोप है। वहीं भारत में कड़े सुरक्षा उपायों की वजह से मृतकों की संख्या अब भी 934 है और 29,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस वायरस की वजह से अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में व्यापक स्तर पर क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा की चीन को इस वायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहारने के कई रास्ते हैं। उनका कहना है कि अमेरिका इस संबंध में गंभीरता से जांच कर रहा है और वह चीन से खुश नहीं है। हाल के सप्ताह में चीन को इस वायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के विचार को काफी समर्थन मिला है।
बता दें कि कोरोना वायरस का पहला मामला सबसे पहले चीन के वुहान में पिछले साल नवंबर में सामने आया था। इसके कारण दुनियाभर में अब तक दो लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि 30 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। अमेरिका में वायरस ने सबसे ज्यादा 56 हजार लोगों की जान ली है और दस लाख से ज्यादा संक्रमित हैं।