News18 : Apr 21, 2020, 11:42 AM
नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की चेतावनी के बीच दुनिया में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के नए मामलों में लगातार चौथे दिन कमी दर्ज की गयी है। सोमवार को दुनिया भर में संक्रमण (Covid19) के करीब 74,000 नए मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 24,80,000 से भी ज्यादा हो गए हैं। हालांकि मौतों में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी और सोमवार को 5366 लोगों ने इस संक्रमण से पानी जान गंवा दी। कोरोना संक्रमण से अब तक पूरी दुनिया में 1,70,000 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा नए केस और मौतें अमेरिका (USA) में हुईं। उधर WHO ने चेतावनी दी है कि दुनिया को इससे भी बुरे वक़्त के लिए तैयार रहना चाहिए।
#ट्रंप बोले- ऐसा अमेरिका बनाएं जिसे किसी और पर निर्भर न रहना पड़े
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से जो एक सबक सीखने को मिला है वह यह है कि अमेरिका को देश के भीतर आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्लाई चेन) का निर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अब ऐसा अमेरिका बनाएं जिसे किसी और पर निर्भर न रहना पड़े। बता दें कि मेडिकल से जुड़े कुछ सामानों और मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन समेत अन्य दवाओं को लेकर अमेरिका को भारत समेत कई देशों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। अमेरिका अपने ज्यादातर औषधीय उत्पादों का निर्यात भारत और चीन से करता है।ट्रंप ने व्हाइट हाउस प्रेस वार्ता में सोमवार को कहा, 'इस वैश्विक महामारी ने घर में ही जरूरी आपूर्ति श्रृंखलाओं के होने का महत्व समझाया है। हम अपनी स्वतंत्रता को बाहरी स्रोत से सेवा लेने पर निर्भर नहीं रख सकते। हम अन्य देशों पर आश्रित नहीं रह सकते। राष्ट्रपति ने कहा, 'अगर हमने कोई एक बात सीखी है तो वह है कि यहीं पर यह करना होगा, इसका निर्माण यहीं करना होगा। हमारा देश विश्व का सबसे महान देश है। हमने अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को वापस लाने का काम शुरू करना होगा।' ट्रंप शुरू से ही अमेरिका में वस्तुओं के उत्पादन की जरूरत पर जोर देते रहे हैं।
#UN राष्ट्रों की मांग कोरोना की वैक्सीन सबको बराबर मिले
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारितत करके मांग की है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भविष्य में बनने वाले टीकों-दवाओं पर सभी की 'समय पर एवं समान' पहुंच हो। सोमवार को पारित हुए इस प्रस्ताव में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 'नेतृत्व की अहम भूमिका' को भी रेखांकित किया गया। डब्ल्यूएचओ को इस वैश्विक महामारी से निपटने के अपने तरीकों के कारण अमेरिका और अन्य देशों की आलोचना का शिकार होना पड़ा है। मेक्सिको द्वारा तैयार इस प्रस्ताव को अमेरिका ने समर्थन दिया है। इस प्रस्ताव में 'कोविड-19 से निपटने एवं निजी क्षेत्रों समेत सभी क्षेत्रों में समन्वय बढ़ाने के लिए आवश्यक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग' मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
#ट्रंप बोले- ऐसा अमेरिका बनाएं जिसे किसी और पर निर्भर न रहना पड़े
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से जो एक सबक सीखने को मिला है वह यह है कि अमेरिका को देश के भीतर आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्लाई चेन) का निर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अब ऐसा अमेरिका बनाएं जिसे किसी और पर निर्भर न रहना पड़े। बता दें कि मेडिकल से जुड़े कुछ सामानों और मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन समेत अन्य दवाओं को लेकर अमेरिका को भारत समेत कई देशों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। अमेरिका अपने ज्यादातर औषधीय उत्पादों का निर्यात भारत और चीन से करता है।ट्रंप ने व्हाइट हाउस प्रेस वार्ता में सोमवार को कहा, 'इस वैश्विक महामारी ने घर में ही जरूरी आपूर्ति श्रृंखलाओं के होने का महत्व समझाया है। हम अपनी स्वतंत्रता को बाहरी स्रोत से सेवा लेने पर निर्भर नहीं रख सकते। हम अन्य देशों पर आश्रित नहीं रह सकते। राष्ट्रपति ने कहा, 'अगर हमने कोई एक बात सीखी है तो वह है कि यहीं पर यह करना होगा, इसका निर्माण यहीं करना होगा। हमारा देश विश्व का सबसे महान देश है। हमने अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को वापस लाने का काम शुरू करना होगा।' ट्रंप शुरू से ही अमेरिका में वस्तुओं के उत्पादन की जरूरत पर जोर देते रहे हैं।
#UN राष्ट्रों की मांग कोरोना की वैक्सीन सबको बराबर मिले
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारितत करके मांग की है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भविष्य में बनने वाले टीकों-दवाओं पर सभी की 'समय पर एवं समान' पहुंच हो। सोमवार को पारित हुए इस प्रस्ताव में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 'नेतृत्व की अहम भूमिका' को भी रेखांकित किया गया। डब्ल्यूएचओ को इस वैश्विक महामारी से निपटने के अपने तरीकों के कारण अमेरिका और अन्य देशों की आलोचना का शिकार होना पड़ा है। मेक्सिको द्वारा तैयार इस प्रस्ताव को अमेरिका ने समर्थन दिया है। इस प्रस्ताव में 'कोविड-19 से निपटने एवं निजी क्षेत्रों समेत सभी क्षेत्रों में समन्वय बढ़ाने के लिए आवश्यक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग' मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।