Vikrant Shekhawat : Jan 21, 2025, 05:13 PM
Share Market Crash: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद शेयर बाजार में ऐसा भारी उथल-पुथल देखने को मिला जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। निवेशकों ने एक ही कारोबारी सत्र के दौरान 8.30 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए। सेंसेक्स 75,000 अंकों के नीचे पहुंच गया, जबकि निफ्टी 23,000 अंकों से नीचे गिर गया। यह गिरावट मुख्य रूप से ट्रंप की नई नीतियों और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के कारण हुई।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप के पदभार संभालने के बाद शेयर बाजार ने ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव देखे। वैश्विक नीतियों, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर तिमाही नतीजों ने इस गिरावट को और बढ़ा दिया। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति में सुधार आने में समय लग सकता है। निवेशकों को अपने निवेश को लेकर रणनीतिक और धैर्यवान बने रहना होगा।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली और सेक्टर आधारित गिरावट
शेयर बाजार में गिरावट का बड़ा कारण विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली रही। इसके अलावा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रियल एस्टेट सेक्टरों में भारी गिरावट ने बाजार को और कमजोर किया। तीसरी तिमाही के खराब नतीजे और दिग्गज कंपनियों जैसे जोमैटो, रिलायंस, और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में गिरावट ने निवेशकों की चिंताएं बढ़ा दीं।सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन
- सेंसेक्स:
सेंसेक्स में 1,431.57 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई और यह 75,641.87 अंकों तक पहुंच गया।- सुबह हरे निशान पर खुलने के बाद यह लगातार गिरता रहा और अंततः 1.60% (1,235.08 अंक) की गिरावट के साथ 75,838.36 पर बंद हुआ।
- निफ्टी:
निफ्टी ने भी 320.10 अंकों की गिरावट के साथ 23,024.65 अंकों पर दिन का अंत किया।- कारोबार के दौरान निफ्टी ने 22,976.85 के निम्न स्तर को छुआ।
किन शेयरों में हुई बड़ी गिरावट
- जोमैटो: 10% से ज्यादा गिरावट
- रिलायंस, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई: संयुक्त रूप से सेंसेक्स को 490 अंकों की गिरावट में योगदान
- टाटा ग्रुप के ट्रेंट: 6% की गिरावट
- एनटीपीसी, अडानी पोर्ट्स: 3% से अधिक की गिरावट
- अपोलो हॉस्पिटल्स: 2.13% की बढ़त
- बीपीसीएल और टाटा कंज्यूमर: 1% से अधिक की बढ़त
बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
- ट्रंप की नीतियों का प्रभाव:
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ट्रेड टैरिफ बढ़ाने के फैसले ने निवेशकों में अस्थिरता बढ़ा दी।- मैक्सिको और कनाडा पर 25% टैरिफ लगाने की योजना से वैश्विक बाजार में डर का माहौल बना।
- जोमैटो की खराब तिमाही रिपोर्ट:
जोमैटो के शुद्ध लाभ में 57% की गिरावट के बाद इसके शेयरों में 11% से ज्यादा गिरावट आई। - कमजोर तिमाही नतीजे:
निफ्टी 50 कंपनियों का ईपीएस (प्रति शेयर आय) केवल 3% बढ़ा, जिससे बाजार में निराशा फैल गई। - एफआईआई की भारी बिकवाली:
जनवरी 2025 में अब तक विदेशी निवेशकों ने 48,023 करोड़ रुपये की इक्विटी बेच दी है।
निवेशकों के लिए बड़ा नुकसान
शेयर बाजार में गिरावट के कारण बीएसई के मार्केट कैप में भारी गिरावट देखी गई।- सोमवार को बीएसई का मार्केट कैप 4,31,59,726.15 करोड़ रुपये से गिरकर 4,23,28,860.11 करोड़ रुपये पर आ गया।
- कुल मिलाकर निवेशकों को 8.30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बाजार के भविष्य पर नजर
पिछले चार महीनों में बाजार में 12% की गिरावट आ चुकी है।- सेंसेक्स ने 85,978.25 अंकों के रिकॉर्ड स्तर से गिरकर 75,838.36 अंकों का निचला स्तर छू लिया।
- निफ्टी ने 26,277.35 अंकों से 23,024.65 अंकों तक की गिरावट दर्ज की।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप के पदभार संभालने के बाद शेयर बाजार ने ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव देखे। वैश्विक नीतियों, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर तिमाही नतीजों ने इस गिरावट को और बढ़ा दिया। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति में सुधार आने में समय लग सकता है। निवेशकों को अपने निवेश को लेकर रणनीतिक और धैर्यवान बने रहना होगा।