गुजरात / राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के 2 विधायकों का इस्तीफा, पार्टी ने 14 विधायकों को जयपुर भेजा

Dainik Bhaskar : Mar 15, 2020, 03:13 PM
गांधीनगर/जयपुर | गुजरात में राज्यसभा की 4 सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले चुनाव में कांग्रेस को हॉर्स ट्रेडिंग की चिंता सता रही है। विजय रूपाणी सरकार में मंत्री कुंवरजी बावलिया का दावा है कि कांग्रेस के 2 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। 3 अन्य विधायकों के मोबाइल बंद आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये पांचों विधायक भाजपा को समर्थन दे सकते हैं। 

कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग के डर से 14 विधायकों को जयपुर भेजा गया है। 36 और विधायकों को भी राजस्थान भेजा जा सकता है। सभी विधायकों को एक रिजॉर्ट में ले जाया गया है। विधायकों को मोबाइल न रखने की हिदायत दी गई है। वे परिवार या परिचित से मुलाकात भी नहीं कर सकते। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को कांग्रेस हाईकमान सबसे सुरक्षित मानकर चल रही है।

कांग्रेस: सभी 73 विधायकों को सुरक्षित रखने की यह प्लानिंग

  • 14 विधायक जयपुर भेजे। 36 और विधायकों को राजस्थान भेजा जाएगा। संभव है ये विधायक उदयपुर शिफ्ट किए जाएंगे।
  • अन्य 5 विधायकों को गुजरात में ही एक रिजॉर्ट में ले जाया जाएगा।
  • 15 से 18 विधायक गुजरात में रहेंगे और विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे।
ये 14 विधायक पहुंचे राजस्थान

लखाभाई भरवाड़ (वीरमगाम), पूनम परमार (सोजित्रा), जिनी बेन ठाकुर (वाव), चंदनजी ठाकुर (सिद्धपुर), रित्विक मकवाना (चोटिला), चिराग कालरिया (जामजोधपुर), बलदेव ठाकुर (कलोल), नाथाभाई पटेल (धनेरा), हिम्मतसिंह पटेल (बापूनगर), इंद्रजीत ठाकुर (महुधा), राजेश गोहिल (ढांढुका), हर्षद रिबदिया (विसावदर), अजीत सिंह चौहान (बालासिनोर) और कांति परमार (ठासरा) शामिल हैं।

भाजपा और कांग्रेस, दोनों जीत का दावा कर रहे

गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने शुक्रवार को कहा था कि कांग्रेस ने पाटीदार उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया और पार्टी में आपसी गुटबाजी भी है, इसका फायदा भाजपा को मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि भाजपा तीनों सीटें जीतेगी। उधर, कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ेगी।

तीन समीकरण, भाजपा का पलड़ा भारी

भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीवा बेन बारा और नरहरि अमीन को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है।

पहला समीकरण : भाजपा 2 और कांग्रेस 1 सीट आसानी से जीत लेगी। 

दूसरा समीकरण : अगर कांग्रेस के 2 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी तो भाजपा 3 सीटें जीत लेगी। भाजपा के पास 106 विधायक हैं। 3 राज्यसभा सीटें जीतने के लिए उसे 2 और वोट चाहिए जो उसे क्रॉस वोटिंग करने वाले 2 विधायकों से मिलेंगे।

तीसरा समीकरण : अगर किसी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की तो भी भाजपा के तीसरे उम्मीदवार के पास जीत के लिए जरूरी 36 वोटों से भी ज्यादा कुल 72 वोट होंगे। ये वोट दूसरी वरीयता वाले होंगे। कांग्रेस उम्मीदवार के पास दूसरी वरीयता वाले वोट 36 ही रहेंगे। ऐसे में वोटों की संख्या भाजपा के पास ज्यादा होने की वजह से उसका तीसरा उम्मीदवार भी जीत सकता है।

2017 जैसे हालात

2017 में गुजरात की 3 राज्यसभा सीटों के चुनाव के वक्त भी ऐसे ही हालात बने थे। अहमद पटेल की जीत तय करने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को कर्नाटक भेज दिया था। कुछ विधायकों ने क्रॉस वोटिंग भी की थी। हालांकि, अहमद पटेल जीत गए थे।

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