दुनिया / भारत से तनाव के बीच चीन लाया मानवरहित हेलिकॉप्टर, इतना है खतरनाक

AajTak : May 25, 2020, 11:42 AM
दिल्ली: भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने अपना पहला मानवरहित हेलिकॉप्टर (Unmanned Helicopter) बनाया है। यह खासतौर से पठारी (Plateau) इलाकों में जासूसी करेगा। चीन की मीडिया का दावा है कि इस अत्याधुनिक मानवरहित हेलिकॉप्टर की तैनाती भारत से लगी सीमाओं पर हो सकती है। ताकि चीन सीमाओं पर आसमान से ही बिना किसी को पता चले निगरानी कर सके। 

इस मानवरहित हेलिकॉप्टर का नाम है AR500C। इसे चीन की सरकारी कंपनी एविएशन इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना (AVIC) ने बनाया है। कंपनी ने पूर्वी चीन के जियांसी प्रांत के पोयांग में इसे पहली बार उड़ाया। इसने काफी सही तरीके से काम किया।

चीन की वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स के अनुसार इस मानवरहित हेलिकॉप्टर का उपयोग भारत की सीमाओं के इलाके में निगरानी, जासूसी जैसे मिशन में किया जा सकता है। 

इसमें हथियार लगा दिए जाएं तो यह हेलिकॉप्टर हमला भी कर सकता है। कार्गों डिलीवरी कर सकता है। दुश्मन के टारगेट की पहचान करने में सक्षम है। परमाणु और रासायनिक लीकेज की जानकारी भी दे सकता है। 

यह हेलिकॉप्टर अधिकतम 6700 मीटर यानी 21981 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इसकी अधिकतम गति 170 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसका वजन 500 किलोग्राम है। 

AVIC के टेक्नोलॉजी डायरेक्टर और इस हेलिकॉप्टर को बनाने वाले साइंटिस्ट फैंग योंगहोंग ने बताया कि यह मानवरहित हेलिकॉप्टर पूरी तरह से डिजिटल है। यह अपने आप टेकऑफ और लैंडिंग कर सकता है। ये चीन का पहला ऐसा हेलिकॉप्टर है जिसे पठारी इलाकों की निगरानी के लिए बनाया गया है। 

फैंग योंगहोंग ने बताया कि हमने इसके उड़ान का सफल परीक्षण कर लिया है। इसमें चीन का सबसे अत्याधुनिक और ताकतवर इंजन लगा है। 

चीन के रक्षा विशेषज्ञ फू क्विनशाओ ने बताया कि पठारी इलाकों में बेहद नीचे विमान या हेलिकॉप्टर उड़ाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसी हालत में ये मानवरहित हेलिकॉप्टर बहुत मदद करेगा। (फोटोः Global Times)

फू क्विनशाओ ने कहा कि अभी चीन और भारत के बीच सीमा विवाद चल रहा है। ऐसे में चीन की सरकार इस हेलिकॉप्टर की मदद से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास निगरानी करवा सकती है। इससे लद्दाख की गालवान घाटी की निगरानी में भी आसानी होगी।

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