इंडिया / उर्मिला मातोंडकर ने किसी भी पार्टी में शामिल होने से किया इंकार, जाने पूरी वजह

NDTV : Sep 17, 2019, 08:41 PM
मुंबई: मुंबई कांग्रेस की पूर्व नेत्री और बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) ने मंगलवार को उन सभी राजनीतिक अटकलों को खारिज कर दिया, जिसमें यह बताया जा रहा था कि वह आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले शिवसेना (Shiv Sena) में शामिल होने जा रही हैं. उर्मिला ने एक बयान में कहा, 'मैं किसी और पार्टी में शामिल नहीं हो रही हूं. मीडिया से निवेदन है कि वे सुनने में आ रही हर चीज को न फैलाए. मेरे लिए इस तरह की बातें करना उचित नहीं है और किसी भी राजनीतिक दल के लिए भी यह कहना अनुचित है.' पिछले हफ्ते, यानी कि 10 सितंबर को कांग्रेस छोड़ने के बाद उर्मिला के अगले राजनीतिक कदम के बारे में मीडिया में तरह-तरह की बातें कही जा रही थीं, जिसके बाद उर्मिला का यह बयान आया.

इस तरह की कई संभावनाओं पर लोग बात कर रहे हैं. किसी का कहना है कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी या महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना में शामिल होंगी, जिनके नेताओं के साथ उनके अच्छे संबंध हैं, लेकिन अब यह बताया जा रहा है कि वह शिवसेना के साथ जुड़ने वाली हैं. उनके शिवसेना में शामिल होने की अफवाहें उस वक्त मजबूत हुईं, जब खबरें आने लगीं कि शिवसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी संग उनकी लंबी बातचीत हुई है, लेकिन उर्मिला ने अपनी तरफ से इन सभी बातों को मानने से इनकार कर दिया है.

बता दें कि उर्मिला (Urmila Matondkar News) ने 'पार्टी के भीतर की तुच्छ राजनीति' को उनके कांग्रेस छोड़ने की वजह बताया था. उर्मिला मातोंडकर इस साल मार्च में कांग्रेस में शामिल हुई थीं. उर्मिला मातोंडकर का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ी शर्मिंदगी की तरह है, क्योंकि पार्टी को अगले महीने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का सामना करना है और वह इस समय अपने नेताओं को एकजुट रखने के लिए जूझ रही है.

उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) ने अपने बयान में कहा था कि मुंबई कांग्रेस के मुख्य पदाधिकारी या तो पार्टी को मजबूत बनाना ही नहीं चाहते हैं अथवा वे ऐसा करने में अक्षम हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. मेरी राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाएं निहित स्वार्थों (वाले व्यक्तियों) को इस बात की इजाजत नहीं देती कि मुंबई कांग्रेस में किसी बड़े लक्ष्य पर काम करने के बजाय मेरा इस्तेमाल ऐसे माध्यम के रूप में किया जाए जिससे अंदरूनी गुटबाजी का सामना किया जा सके.'


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