Coronavirus / एक और कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल, 94 फीसदी सफलता का दावा

AMAR UJALA : Jul 01, 2020, 08:12 PM
Coronavirus: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दुनियाभर के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने में लगे हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस से निपटने के लिए 120 से ज्यादा तरह के वैक्सीन को लेकर शोध हो रहे हैं, जिनमें से 13 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के फेज में है। चूंकि क्लिनिकल ट्रायल एक लंबी प्रक्रिया है, इसलिए वैक्सीन में थोड़ी देर हो रही है। खबरों के मुताबिक, 13 वैक्सीनों में से पांच से छह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ जंग में बड़ी उम्मीद जगा रही है और ऐसा लग रहा है कि बहुत कम समय में ये वैक्सीन लोगों के लिए उपलब्ध होगी। इस बीच एक और अमेरिकी कंपनी ने वैक्सीन के इंसानों पर सफल ट्रायल का दावा किया है। 

अमेरिकी INO-4800 वैक्सीन

अमेरिका की मॉडर्ना कंपनी तो कोरोना वैक्सीन को लेकर शोधरत है ही, यहीं की एक और कंपनी ने भी इंसानों पर वैक्सीन के ट्रायल का दावा किया है। बायोटेक कंपनी इनोवियो (Inovio) का दावा है कि वैक्सीन के प्रयोग से इंसानों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी और इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं हुआ।

94 फीसदी सफलता का दावा

इनोवियो कंपनी का दावा है कि इंसानों पर कोरोनो वायरस वैक्सीन के परीक्षण के दौरान उत्साहजनक परिणाम आए हैं। कंपनी ने दावा किया है कि INO-4800 नाम की वैक्सीन का 40 लोगों पर ट्रॉयल किया गया और ट्रायल के दौरान यह वैक्सीन 94 फीसदी सफल रही है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी

अमेरिका में इस वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रॉयल के दौरान 40 लोगों को प्रतिभागी बनाया गया। इनमें 18 से 50 साल के उम्र के लोग शामिल रहे, जिन्हें यह टीका लगाया गया। चार सप्ताह के दौरान इन लोगों को इंजेक्शन के माध्यम से वैक्सीन की दो डोज दी गई। परिणाम आया कि वैक्सीन ने सभी लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया। 

जेनेटिक कोड से तैयार की वैक्सीन

इनोवियो कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट केट ब्रॉडरिक के मुताबिक, इसी साल 10 जनवरी को चीन के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस का जेनेटिक कोड जारी किया था। कंपनी के वैज्ञानिकों ने उस सीक्वेंस को सॉफ्टवेयर के जरिए कोड कर के फॉर्मूला तैयार कर लिया और डीएनए वैक्सीन विकसित की। 

ऐसे काम करेगी वैक्सीन

यह डीएनए वैक्सीन कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन की पहचान करेगी और ठीक वैसी ही प्रोटीन का निर्माण कर कोरोना वायरस को गुमराह करेगी। वायरस जैसे ही उस प्रोटीन के संपर्क में आएगा, वैक्सीन के प्रभाव से निष्क्रिय हो जाएगा। मालूम हो कि इंसानी शरीर में मौजूद स्पाइक प्रोटीन को निशाना बना कर कोरोना वायरस शरीर का नुकसान करता है। 

शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस वैक्सीन से स्पाइक प्रोटीन का निर्माण होगा तो शरीर उसे वायरस समझेगा और अपेक्षाकृत ज्यादा संख्या में एंटीबॉडी बनाएगा। जबकि वैक्सीन निर्मित इस प्रोटीन से शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन यह कोरोना वायरस को नष्ट कर देगा। 

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