Zee News : Aug 04, 2020, 01:08 PM
वाशिंगटन: अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने फेडरल सर्विस में H1-B वीजाधारकों (H1 B Visa) की नियुक्ति पर बैन लगा दिया है। इसे भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सरकार की नौकरियों में अमेरिकी नागरिकों को प्राथमिकता देने के लिए इस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर कर दिया है।इससे पहले 23 जून को डोनाल्ड ट्रंप ने H1-B वीजा जारी करने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही उन्होंने अन्य विदेशी नागरिकों के वर्क परमिट जारी करने पर भी रोक लगाई थी। ट्रंप प्रशासन ने सफाई दी है कि ऐसा करने के पीछे कोविद-19 यानि कोरोना की वजह से जाने वाली अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों को बचाना है। ये रोक 24 जून से ही प्रभावी है।बता दें कि H1-B वीजा भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स की पहली पसंद मानी जाती है, क्योंकि इससे उन्हें अमेरिकी कंपनियों में काम करने के मौके मिलते हैं।
सोमवार को ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'आज मैंने जिस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया है, उसका सीधा से मतलब है कि अमेरिकी सरकार की नौकरियों में अमेरिकी नागरिकों को ही नौकरी मिले।' उन्होंने जोर देकर कहा कि वो सस्ते कामगारों के लिए अमेरिकी नागरिकों को बेरोजगार होते देखना बर्दाश्त नहीं करेंगे।ट्रंप ने कहा, 'जैसा कि हमने कहा था, हमने H1-B वीजा नीति में इसलिए बदलाव किया है, ताकि किसी अमेरिकी नागरिक की जगह प्रवासी कामगार न रखा जाए। H1-B वीजा हाई लेवल के प्रोफेशनल्स के लिए हों, ताकि वो अमेरिकी लोगों के लिए नौकरियां पैदा करें, न कि सस्ते श्रम के बदले अमेरिकी नागरिकों को बेरोजगारी दें।'बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेनेसी वैली अथॉरिटी के अधिकारी स्किप थॉम्पसन को उनके पद से हटा दिया था, क्योंकि उन्होंने विदेशी प्रोफेशनल्स को नौकरी पर रखा था। ट्रंप ने ये भी कहा कि अगर टेनेसी वैली अथॉरिटी के किसी भी अधिकारी ने ये गलती दोबारा की, तो वे उसे भी पद से हटा देंगे।"Today, I am signing an executive order to ensure that the Federal government lives by a very simple rule: Hire American." 🇺🇸 pic.twitter.com/G8YGU99XMb
— The White House (@WhiteHouse) August 3, 2020