दुनिया / अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ये 2 देश दे रहे दखल, खुफिया एजेंसी का दावा

Zee News : Aug 08, 2020, 08:23 PM
न्यूयॉर्क: अमेरिकी खुफिया विभाग ने चौंकाने वाला दावा किया है। चीन इस चुनाव में जहां मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नीचा दिखाना चाहता है और हारते हुए देखना चाहता है, तो रूस डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी जोए बिडेन को हारते देखना चाहता है। जोए बिडेन अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति रहे हैं।

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस-चीन की तरह ही ईरान भी राष्ट्रपति चुनाव में रुचि ले रहा है और डोनाल्ड ट्रंप को दूसरी बार राष्ट्रपति बनते नहीं देखना चाहता। दरअसल, इसी साल नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है, जिसमें मुख्य तौर पर डोनाल्ड ट्रंप और जोए बिडेन के बीच मुकाबले की उम्मीद है।

अमेरिका के नेशनल काउंटर इंटेलीजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर (National Counterintelligence and Security Centre) के डायरेक्टर विलियम इवानिना (William Evanina) ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि ये देश अमेरिकी मतदाताओं की प्राथमिकताओं को बदलने, अमरीकी नीतियों को बदलने, देश में कलह बढ़ाने और अमरीकी लोगों के विश्वास को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने बताया है कि कई देशों में चुनाव जीतने वाले के लिए एक प्राथमिकता है। इवानिना ने कहा कि वे चीन, रूस और ईरान के बारे में मुख्य रूप से चिंतित हैं। चीन चाहता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा चुनाव न जीतें, जिन्हें बीजिंग अप्रत्याशित देखता है। रूस बिडेन की उम्मीदवारी को पंसद नहीं करता है। वह उन्हें रूस विरोधी मानता है। रूस उन्हेें बदनाम करना चाहता है। इवानिना ने कहा कि रूस से जुड़े कुछ अन्य कलाकार भी सोशल मीडिया और रूसी टीवी पर राष्ट्रपति ट्रंप की उम्मीदवारी को बढ़ावा देना चाहते हैं।

वहीं ईरान 'अमरीकी लोकतांत्रिक संस्थानों' और डोनाल्ड ट्रंप को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ईरान अमेरिका को बांटने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए वह 'अमरीका विरोधी सामग्री' को ऑनलाइन फैलाने की कोशिश में जुटा हुआ है।

डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमरीका और ईरान में सबसे अधिक तल्खी देखी गई है। ईरान नहीं चाहता है कि ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति का पद संभालें। वह उनकी हार को लेकर मुहिम चला रहा है। इवानिना का ये बयान उस रिपोर्ट के दो दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि रूस समर्थित वेबसाइट्स पर अमेरिकी लोगों को बांटने वाली सामग्री प्रकाशित की गई थी।

गौरतलब है कि साल 2017 में रूस पर इसी मामले को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए थे कि उसने हिलेरी क्लिंटन को हराने के लिए डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में अभियान चलाए थे। और ये सब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर किया गया था।

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