News18 : Jul 18, 2020, 05:48 PM
जयपुर। राजस्थान में चल रही अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बनाम सचिन पायलट (Sachin Pilot) की लड़ाई में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। पक्ष विपक्ष दोनों तरफ से बयानबाजी जोरों पर है। काफी पॉलिटीकल ड्रामे के बाद अब जाकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की ओर से कुछ बयान आया है। अब तब उन्होंने सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा था। अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडर में वसुंधरा राजे ने एक फोटो शेयर किया है। साथ ही कांग्रेस (Congress) को एक बड़ी नसीहत दे दी है। ट्वीट में वसुंधरा राजे की ओर से लिखा गया कि, दुख की बात है कि कांग्रेस के भीतर चल रही सियासत का खामियाजा राजस्थान की जानता को झेलना पड़ रहा है। वो भी तब जब सूबे में कोरोना संक्रमण (COVID-19) ने 500 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। पॉजिटिव केस 28,000 के करीब है। टिड्डी दल (Locust Attack) किसानों का खेतों पर हमला कर रहे हैं। राज्य में बिजली को लेकर समस्या है। खबर लिखे जाने कर वसुंधरा राजे के इस ट्वीट को 539 री ट्वीच और तीन हजार से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं। उन्होंने ट्विटर पर #RajasthanFirst भी चलाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने ट्वीट में लिखा, राजस्थान की जनता कई परेशानियों से गुजर रही हैं। ऐसे माहौल में बीजेपी या बीजेपी के नेताओं का नाम इस पचड़े में आने बिल्कुल ठीक नहीं है। सरकार का फोकस जनता के हित की ओर ही होना चाहिए। सबसे पहले राजस्थान के लोगों के बारे में सोचना चाहिए। बता दें कि सियासी उठापट के बीच वसुंधरा राजे खामोश रहीं। वे धौलपुर महल में ही थीं। वे न तो जयपुर आईं और न ही दिल्ली गईं। यही नहीं राजे ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई बयान भी नहीं दिया। वसुंधरा राजे के रवैये को देख बीजेपी इस मुद्दे पर बैकफुट पर आ गई। यहां एक और वजह है वसुंधरा राजे और गहलोत के बीच की नजदीकी। बताया जाता है कि वसुंधरा राजे से सरकारी बंगला खाली करवाने का आदेश हाईकोर्ट ने दे दिया था। उसके बावजूद गहलोत ने राजे से बंगला खाली नहीं करवाया और न ही नोटिस दिया। जबकि किरोड़ीलाल मीणा और कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया से कोर्ट के आदेश का पालन करवाते हुए बंगला खाली करवा लिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने ट्वीट में लिखा, राजस्थान की जनता कई परेशानियों से गुजर रही हैं। ऐसे माहौल में बीजेपी या बीजेपी के नेताओं का नाम इस पचड़े में आने बिल्कुल ठीक नहीं है। सरकार का फोकस जनता के हित की ओर ही होना चाहिए। सबसे पहले राजस्थान के लोगों के बारे में सोचना चाहिए। बता दें कि सियासी उठापट के बीच वसुंधरा राजे खामोश रहीं। वे धौलपुर महल में ही थीं। वे न तो जयपुर आईं और न ही दिल्ली गईं। यही नहीं राजे ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई बयान भी नहीं दिया। वसुंधरा राजे के रवैये को देख बीजेपी इस मुद्दे पर बैकफुट पर आ गई। यहां एक और वजह है वसुंधरा राजे और गहलोत के बीच की नजदीकी। बताया जाता है कि वसुंधरा राजे से सरकारी बंगला खाली करवाने का आदेश हाईकोर्ट ने दे दिया था। उसके बावजूद गहलोत ने राजे से बंगला खाली नहीं करवाया और न ही नोटिस दिया। जबकि किरोड़ीलाल मीणा और कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया से कोर्ट के आदेश का पालन करवाते हुए बंगला खाली करवा लिया था।
सांसद ने लगाया था बड़ा आरोपवहीं, नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर गहलोत_वसुंधरा_गठजोड़ का हैसटैग चलाया था। उन्होंने अपने एक ट्वीट में अपने फॉलोवर्स को बताया था कि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का गठजोड़ जनता के सामने खुलकर आ गया है। ये दोनों एक-दूसरे के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालते रहे हैं। रालोपा के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट में कहा था कि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का गठजोड़ जनता के सामने खुलकर आ गया है, दोनों ने मिलकर एक दूसरे के शासन में दोनों के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला!#RajasthanFirst pic.twitter.com/tkOKWCi2Sz
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 18, 2020