कानपुर एनकाउंटर मामला / विकास दुबे का घर उसी जेसीबी से गिराया, जिससे रास्ता रोका गया था; 2 दिन से फरार चल रहे गैंगस्टर की तलाश में 20 टीमें लगीं

Zoom News : Jul 04, 2020, 02:32 PM

उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे के किलेनुमा घर को ध्वस्त कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने उसी जेसीबी से विकास के घर को गिराया, जिससे उसने पुलिस का रास्ता राेका था। इसके साथ ही विकास के घर में खड़े ट्रैक्टर और दो एसयूवी कारों को भी तोड़ दिया। शनिवार सुबह से पुलिस और प्रशासन की टीमें बिकरु गांव पहुंच गई थीं। इधर, विकास की तलाश में पुलिस की 20 टीमें अलग-अलग इलाकों में दबिश दे रही हैं। इन सभी इलाकों में विकास के रिश्तेदार रहते हैं।


12 हिरासत में, संदिग्धों को भी ट्रेस कर रहे

पुलिस ने अब तक इस मामले में पूछताछ के लिए 12 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस को विकास के नेपाल भागने की भी आशंका है। लिहाजा, लखीमपुर खीरी जिले की पुलिस भी अलर्ट मोड पर है। विकास को लेकर नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट कर दिया गया है। यहां नेपाल से जुड़ी 120 किमी की सीमा हैं और चार थाने हैं। हर जगह फोटो चस्पा कर दी गई है। एसएसबी के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है।


पुलिस अधिकारियों के मुताबिकमोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्धों को ट्रेस किया जा रहा है। उन लोगों की लिस्ट भी तैयार की जा रही हैजिन्होंने पिछले 24 घंटे में विकास दुबे से फोन पर बात की थी। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि जब पुलिस की टीम विकास से पूछताछ के लिए निकली थी, तब किसी ने फोन कर जानकारी दे दी थी।


घटनास्थल पर बाहरी लोगों के जाने पर रोक
विकास के घर के पास किसी को भी फटकने नहीं दिया जा रहा है। घटनास्थल पर बाहरी लोगों के जाने पर पुलिस ने रोक लगा दी है। घर गिराने से पहले पुलिस ने विकास दुबे के पिता रामकुमार को और उनकी नौकरानी रेखा को बच्चों समेत घर से बाहर निकाल लिया था।


यह है मामला
चौबेपुर इलाके के राहुल तिवारी के ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन पर विकास ने जबरन कब्जा कर लिया था। राहुल ने कोर्ट में विकास के खिलाफ केस दर्ज कराया। बीती 1 जुलाई को विकास ने साथियों के साथ मिलकर राहुल को रास्ते से उठा लिया और बंधक बनाकर पीटा। जान से मारने की धमकी भी दी। राहुल ने इसकी थाने में शिकायत की। पूछताछ के लिए थानाध्यक्ष आरोपी विकास के घर पहुंचे। यहां विकास ने थाना प्रभारी के साथ हाथापाई कर दी। इसके बाद थानाध्यक्ष ने राहुल की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और खुद के साथ हुई बदसलूकी की चर्चा भी किसी से नहीं की। बाद में अधिकारियों के आदेश पर चौबेपुर थाने में विकास दुबे पर केस दर्ज हो गया। गुरुवार देर रात सीओ देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में शिवराजपुर, चौबेपुर, बिठूर थाने की पुलिस बिकरु गांव में विकास दुबे के घर पर दबिश देने के लिए पहुंची थी।


दबिश में चौबेपुर थाना प्रभारी सबसे पीछे थे
यहां पुलिस के पहुंचते ही विकास के गुर्गों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें सीओ, तीन एसआई, चार कांस्टेबल शहीद हो गए थे। इसके अलावा, दो ग्रामीण, एक होमगार्ड और 4 पुलिसवाले घायल हो गए थे। बताया जाता है कि दबिश देते वक्त चौबेपुर थाना प्रभारी रास्ते में खड़ी जेसीबी के पास ही रुक गए और बाकी के पुलिसकर्मी आगे बढ़ गए। जबकि उनको गांव की भौगोलिक स्थिति की जानकारी अच्छी तरह से थी, उन्हे आगे होना चाहिए था। बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू की तो वे मौके से नदारद हो गए। घटना की जांच जारी है।


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