देश / इंसान के अंदर मौजूद होते हैं अगिनत VIRUS, मदद भी करते हैं ये हमारी

कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस वायरस से अब तक जहां 21 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं वहीं इससे मरने वालों की संख्या डेढ़ लाख तक पहुंचने को है। इस वायरस के बारे में लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि इसके इलाज में इतना समय क्यों लग रहा है। इतना ही नहीं वायरस को लेकर भी इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तमाम तरह की जानकारियां मिल रही हैं।

News18 : Apr 17, 2020, 02:47 PM
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Corona virus) का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस वायरस से अब तक जहां 21 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं वहीं इससे मरने वालों की संख्या डेढ़ लाख तक पहुंचने को है। इस वायरस के बारे में लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि इसके इलाज में इतना समय क्यों लग रहा है। इतना ही नहीं वायरस को लेकर भी इंटरनेट और सोशल मीडिया पर तमाम तरह की जानकारियां मिल रही हैं। हमने वायरस के बारे में कुछ खास जानकारी जुटाई है।

क्या होते हैं वायरस

वायरस जिन्हें हम विषाणु भी कहते हैं। बैक्टीरिया से 100 गुना छोटे होते हैं। ये आम माइक्रोस्कोप से भी नहीं देखे जा सकते। ये जीव और निर्जीव के बीच की स्थिति में होते हैं। सही हालात मिले तो ये खुद के प्रतिरूप बनाने लग जाते हैं और कुछ अन्य स्थितियों में तो एक निर्जीव की तरह लंबे समय तक पड़े भी रह सकते हैं नहीं तो ये खत्म भी हो जाते हैं।

खुद ब खुद अपनी संख्या नहीं बढ़ा सकते वायरस

जब उन्हें अनुकूल परिस्थितियं मिलती हैं (जैसे मानवीय कोशिका) तो ये खुद के प्रतिरूप बनाना शुरू कर देते हैं। इनका अपना कोई कोशिका तंत्र (Cellular Structure) नहीं होता और ये अपने आप ही खुद की संख्या नहीं बढ़ा सकते। वे केवल प्रोटीन में लिपटे एक DAN या RAN जीन्स भर होते हैं।

केवल नुकसान करने वाले वायरस के बारे में जानते हैं लोग

आमतौर पर माना जाता है कि वायरस इंसान के लिए खतरा ही होते हैं। लोगों को उन्हीं वायरस के बारे में मालूम होता है जो किसी जानलेवा बीमारी का कारण बन गए हैं। या फिर सामान्य सा जुकाम का जिम्मेदार भी वायरस ही होते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं बहुत से वायरस ऐसे ही हैं जो इंसान में लंबे समय से मौजूद रहते हैं।

असंख्य वायरस होते हैं इंसानों में पहले से ही

इंसान में वायरस पहले से ही बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं। इन्हें सामूहिक रूप से ह्यूमन वायरोम (human Virome) कहा जाता है। इंसान में वायरस बनते रहते हैं और बदलते भी रहते हैं। मजेदार बात यह है अभी तक इंसान में रहने वाले सभी वायरस को नहीं परखा जा सका है। नए तरह के वायरस इंसान में बनते रहते हैं। वायरस मानव के शरीर के हर अंग में पाये जाते हैं। इनमें ज्यादातर वायरस आमतौर पर नुकसान दायक नहीं होते हैं।


तो क्या फायदे होते हैं ऐसे वायरस से

नए वायरस हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनने में मदद करते हैं। हमारा इन्यून सिस्टम इनसे लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है। पाया गया है कि कई नवजात शिशुओं को माताओं के दूध से ऐसे एंटीजन मिलते हैं जो उनकी इन्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और कई बीमारियों से बचाता है।

खतरनाक बीमारियों से बचाने में ऐसे मदद सकते हैं ये वायरस भी

 कई बार ऐसा भी होता है कि इन वायरस से लड़ते हुए हमारा इम्यून सिस्टम खतरनाक वायरस से भी लड़ने में सक्षम हो जाता है। शोध बताता है कि पेगीवायरस सी जिन एचआईवी संक्रमित लोगों में पहले से था वे उन लोगों से ज्यादा जी सकते हैं जिनमें एचआईवी संक्रमण था लेकिन पेगीवायरस सा वायरस नहीं था।


मजबूत किया है हमारा इम्यून सिस्टम वायरोम ने

इसके अलावा बैक्टीरियो फेगस जैसे वायरस कुछ खास बैक्टीरिया को खत्म करने में भी सहायक होते हैं। वैज्ञानिक इस बात को मानते हैं वायरसों ने कई बार नुकसान तो पहुंचाया है, लेकिन उन्होंने हमारे विकास में भी मदद की है। अब हमारा इम्यून सिस्टम वायरस से बेहतर जूझ सकता है तो कई वायरस हमारी प्रक्रियाओं में भी घुल मिल कर उसका हिस्सा बन गए हैं।

वैज्ञानिकों के लिए अथाह जानकारी

इंसानों के अंदर के वायरस वैज्ञानिकों के लिए असंख्य अवसर होते हैं। कई बार उनका अध्ययन बड़ी बीमारी के सामने आने से पहले ही वैज्ञानिकों को जरूरी आंकड़े दे देता है जिससे वे इलाज खोजने में तेजी ला सकते हैं।