Zoom News : Oct 21, 2020, 07:08 AM
ब्रिटेन सरकार ने फैसला किया है कि वैक्सीन को जल्दी से उत्पन्न करने के लिए स्वयंसेवक जानबूझकर कोरोना संक्रमित होंगे। इस तरह का निर्णय लेने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश है। अब तक, विशेषज्ञ इस बारे में एकमत नहीं हुए हैं कि क्या जानबूझकर स्वयंसेवकों को संक्रमित किया गया है। जानबूझकर एक टीके के लिए स्वयंसेवकों को संक्रमित करना भी एक मानव चुनौती परीक्षण कहा जाता है। चूंकि कोरोना के लिए कोई इलाज नहीं मिला है, इसलिए कोरोना वैक्सीन के मानव चुनौती परीक्षण पर नैतिक सवाल भी उठाए गए हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह खतरनाक हो सकता है।रिपोर्ट के अनुसार, यूके सरकार ने फैसला किया है कि 90 स्वयंसेवकों को 18 से 30 साल के लिए चुना जाएगा। ये लोग नाक के माध्यम से कोरोना वायरस से संक्रमित होंगे। एचवीवो नाम की कंपनी ह्यूमन चैलेंज ट्रायल की रूपरेखा तैयार कर रही है।वैक्सीन की खुराक प्राप्त करने वाले स्वयंसेवक कोरोना से संक्रमित होने के बाद बीमार नहीं पड़ते हैं, तो वैज्ञानिक टीका को प्रभावी मान सकते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों को यह भी पता लगाना होगा कि टीका कब तक कोरोनियर्स को कोरोना से बचाता है। वहीं, यूके सरकार के फैसले के बाद नियामकों को भी मानव चुनौती परीक्षण के लिए मंजूरी लेनी होगी।