देश / Lockdown के एक महीने बाद जिंदगी में क्या आए बदलाव? जनता ने दिया ये जवाब

कोरोना वायरस ने देशभर में कोहराम मचा रखा है। वहीं इस वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन को भी एक महीना पूरा हो चुका है। लॉकडाउन के एक महीना पूरा होने पर आपके जीवन में क्या बदलाव आया। फेसबुक यूजर स्नेह लता सिंह लिखती हैं, 'अब तो लगता है कि ना घर के रहे और ना घाट के। क्योंकि बाहर निकलना जरूरी है, फिर भी बाहर निकलने से डर लगता है

Zee News : Apr 27, 2020, 09:14 AM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने देशभर में कोहराम मचा रखा है। वहीं इस वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन को भी एक महीना पूरा हो चुका है।  लॉकडाउन के एक महीना पूरा होने पर आपके जीवन में क्या बदलाव आया। 

फेसबुक यूजर स्नेह लता सिंह लिखती हैं, 'अब तो लगता है कि ना घर के रहे और ना घाट के। क्योंकि बाहर निकलना जरूरी है, फिर भी बाहर निकलने से डर लगता है, कहीं बाहर निकलने से सारी मेहनत बेकार ना हो जाए। आखिर कब तक हम घर में रहेंगे? लॉकडाउन के बाद क्या होगा, हम कैसे सुरक्षित रहेंगे।'

श्रद्धा हिसोबकर तिराकी ने लिखा, 'हम प्राइवेट जॉब वाले लोग हैं। जो बचत थी, वो कम होती जा रही है, हम फिर भी घर में रहने के लिए तैयार हैं, बस ये कोरोना वायरस खत्म हो जाए।'

कृष्ण मोहन राय ने लिखा है, 'मैं खुद को ढूंढ रहा था कि मैं कहां था।' बृजेश राय का कहना है, 'अब ऐसा लगता है कि भारत दुनिया का बेताज बादशाह बनेगा और चीन के नापाक कोरोना वायरस का सर्वनाश करेगा।'

रामनिवास चौधरी का कहना है, 'हमने खूब मौज मस्ती की। अभी तक भाग-दौड़ भरी जिंदगी थी।।अब आगे देखते हैं।' गोपालराव ने लिखा कि ये लॉकडाउन अपने लिए भी ठीक है और देश के लिए भी।

श्याम चौहान ने लिखा कि कुदरत के आगे इंसान कुछ भी नहीं कर सकता। शशि भूषण ने कहा कि इस दौरान हमें किचेन में बहुत प्रयोग किए।  एसके कोंगरी ने लिखा कि इस दौरान हमने ऑनलाइन क्लास किए। आंटी की मदद की, खाना समय पर खाया और सोशल मीडिया का प्रयोग किया।  पवन शाह ने लिखा, 'लॉकडाउन से मेरे समाज और परिवार को जीवनदान मिला है।' अभिषेक राजदान ने लिखा कि प्रकृति से लेकर कृत्रिम तक की समझ बच्चे से लेकर बूढ़े को बारीकी से आ गई।