दुनिया / जर्मनी के फ़्रैंकफ़र्ट में जब खालिस्तानियों और पाकिस्तानियों से अकेले भिड़ गया एक हिंदुस्तानी

News18 : Aug 17, 2020, 09:44 AM
फ़्रैंकफ़र्ट। पाकिस्तान (Pakistan) विदेशों में भारत विरोधी प्रोपगेंडा (Anti-India Propaganda) को लेकर लगातार फंडिंग करता आ रहा है। कश्मीर (Kashmir) से लेकर खालिस्तान (Khalistan) के प्रोपगेंडा को विदेश की धरती पर पाकिस्तान लगातार हवा दे रहा है। लेकिन जर्मनी में एक हिंदुस्तानी ने पाकिस्तानियों और खालिस्तानियों का अकेले ही डटकर मुकाबला किया।

प्रशांत वेंगुरलेकर फ्रैंकफर्ट में भारतीय वाणिज्य दूतावास में 15 अगस्त के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे। इसी दौरान उन्होंने पाकिस्तानी/खालिस्तानी समर्थकों का जुलूस देखा। करीब 100 लोगों के प्रदर्शन में प्रदर्शनकारी भारत विरोधी और पीएम मोदी के खिलाफ नारे लगा रहा थे।प्रशांत ने जब उनका वीडियो बनाना चाहा, तो उनमें से एक पाकिस्तानी ने प्रशांत के साथ बदतमीज़ी की। लेकिन प्रशांत अकेले होने के बावजूद अपनी जगह से नहीं हिले।

भारत विरोधी जुलूस के सामने प्रशांत अकेले तिरंगा लेकर खड़े रहे। प्रशांत को इस तरह भारतीय तिरंगा लिए देख जुलूस निकाल रहे लोगों ने उन्हें घेर लिया। लेकिन प्रशांत हिले नहीं और 'सारे जहां से अच्छा' गाने लगे। हालात को बिगड़ता देख फ्रैंकफर्ट पुलिस ने दखल दी, जिसके बाद हालात सामान्य हुए। लेकिन फिर एक पाकिस्तानी ने प्रशांत के पास पहुंच कर उनका फ़ोन छीनने की कोशिश की, लेकिन फ़ोन न मिलने पर उसने एक तिरंगा छीन लिया और उसे नुकसान पहुंचाया। पुलिस उस पाकिस्तानी के पीछे भागी, जिसके बाद वो पाकिस्तानी वहां से भाग गया।

देश विरोधी ताकतों से अकेले ही लड़ता रहूंगा : प्रशांत

प्रशांत ने न्यूज़18 से कहा कि वह ऐसे ही देश विरोधी ताकतों से लड़ते रहेंगे और इस मामले को भारतीय दूतावास से भी उठाएंगे। प्रशांत ने कहा कि वो पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराएंगे। पेशे से सिविल इंजीनियर, प्रशांत का मानना है कि विदेश की सरकारों को भारत विरोधी ऐसे आयोजनों की अनुमति नहीं देनी चाहिए।


दूसरे देशों में इस तरह के मामले आते रहे हैं

यह पहली बार नहीं है कि जब कश्मीर और खालिस्तान समर्थकों ने खुलेआम भारत और पीएम मोदी विरोधी कार्यक्रमों का विदेश की ज़मीन पर आयोजन किया हो। इससे पहले सितंबर 2019 में भी ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर हमला किया गया था। कुछ दिन पहले पेरिस में रेफरेंडम 2020 से जुड़े कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें मात्र 2 लोग शामिल हुए। लेकिन जर्मनी में इस बार एक भारतीय ने अकेले ही इन पाकिस्तानियों और खालिस्तानियों के खिलाफ आवाज़ उठाई।

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