दुनिया / जब उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने भूखे कुत्तों के सामने डलवा दिया अपने ही फूफा को

सजा भी दूसरे देशों में दी जाने वाली मौत की सजा के प्रचलित तरीकों से कहीं ज्यादा क्रूर है। जैसे चीन की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किम जोंग उन ने अपने ही फूफा को गद्दारी के इलजाम में कुत्तों के सामने नंगा करके छोड़ दिया और कुत्ते उन्हें नोंच-नोंचकर खा गए। हांगकांग के चल रहे चीन के अखबार Wen Wei Po की एक रिपोर्ट ने आज से लगभग 6 साल पहले तहलका मचा दिया था, जिसमें इस तरह का दावा था।

News18 : Apr 23, 2020, 09:51 AM
उत्तर कोरिया (North Korea) में रहने के लिए सबसे अहम शर्त है कि आप सत्ता के लिए वफादार रहें और किसी भी बात का विरोध न करें। ऐसा करने पर मौत की सजा (death punishment) आम है। ये सजा भी दूसरे देशों में दी जाने वाली मौत की सजा के प्रचलित तरीकों से कहीं ज्यादा क्रूर है। जैसे चीन की मीडिया रिपोर्ट्स (reports by Chinese media) के मुताबिक किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने अपने ही फूफा को गद्दारी के इलजाम में कुत्तों के सामने नंगा करके छोड़ दिया और कुत्ते उन्हें नोंच-नोंचकर (execution by dogs) खा गए।

छोड़ा था भूखे कुत्तों के सामने

हांगकांग के चल रहे चीन के अखबार Wen Wei Po की एक रिपोर्ट ने आज से लगभग 6 साल पहले तहलका मचा दिया था, जिसमें इस तरह का दावा था। हालांकि इसके बाद भी उत्तर कोरिया की सरकार या उसकी मीडिया ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अखबार में बताया गया था कि किन जोंग ने फूफा Jang Song-thaek को नंगा करके जंगली कुत्तों के उस बाड़े में डलवा दिया, जो 3 दिनों से भूखे रखे गए थे। मीडिया संस्थान का कहना था कि 12 दिसंबर 2013 को ये घटना घटी, जिसमें सत्ता के खिलाफ गद्दारी के आरोप में Jang Song-thaek को ये सजा मिली। Jang Song-thaek पर देश के खिलाफ गद्दारी, वेस्ट के कानून पर आस्था रखने और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, हालांकि कोई भी ऐसा प्रमाण नहीं मिला, जो फूफा के खिलाफ इन आरोपों को साबित कर सके।

डर गए थे फूफा से

अखबार में सिलसिलेवार ब्यौरा है कि किस तरह किम ने फूफा को 120 कुत्तों के बाड़े में छोड़ा। कुत्तों के उन्हें नोंच-नोंचकर खाने की प्रक्रिया लगभग घंटेभर चली। इस पूरे वक्त किम बाड़े के सामने खड़े होकर फूफा को मरता देखते रहे। साथ में 300 वरिष्ठ अफसर भी थे। इसके बाद नए साल के अपने संबोधन में किम ने बिना नाम लिए कहा कि उन्होंने देश से गंदी गुटबाजी (factionalist filth) का सफाया कर दिया है। बता दें कि 2011 में पिता की मौत के बाद चूंकि किम को राजनीति का खास अनुभव नहीं था, इसलिए फूफा ने ही अनौपचारिक तौर पर किम की सत्ता संभालने में मदद की। हालांकि कुछ ही वक्त बाद किम को कथित तौर पर उनसे खतरा महसूस होने लगा, जिसके बाद ये सजा दी गई।

जंगली जानवरों के जरिए मौत की सजा

उत्तर कोरिया में इस तरह की सजा आम है, जिसे स्थानीय भाषा में "quan jue" कहते हैं यानी कुत्तों के जरिए मौत की सजा देना। कथित तौर पर सबसे खराब काम करने वालों को इस तरह की जघन्य सजा दी जाती है। वैसे जंगली जानवरों के जरिए सजा देने के ऐसे क्रूर तरीकों का इतिहास में काफी जिक्र मिलता है। भारत भी इसमें पीछे नहीं था। माना जाता है कि मध्यकाल से लेकर 19वीं सदी के मध्य तक राजे-महाराजे दोषी का सिर हाथी के पैरों के नीचे रखवा देते। सजा देने के इस तरीके को Gunga Rao का जाता था। सजा के इस तरीके को अपनी आंखों से देख चुके मोरक्कन ट्रैवलर Ibn Battuta के मुताबिक इसके लिए हाथियों को अलग से प्रशिक्षण दिया जाता था कि कैसे उन्हें आदमी के सिर को कुचलना है और इसके बाद पूरे शरीर पर भी अपना भार रखना है। अपराधी की मौत के बाद उसकी लाश कुत्तों को खिला दी जाती थी।

सजा देने के इस तरीके को Gunga Rao का जाता था

भारत के अलावा चीन, श्रीलंका और वियतनाम में भी हाथी के जरिए मौत की सजा का काफी प्रचलन था। धीरे-धीरे एक-दूसरे के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ने के साथ-साथ इस तरह की सजा खत्म होती गई और मौत के लिए फांसी या गर्दन काटने जैसे तरीके प्रचलन में आए।

जनता का मनोरंजन भी होता था

रोमन साम्राज्य में भी जंगली जानवरों के जरिए अपराधी को मौत की सजा देने का चलन था। इसे लैटिन भाषा में Damnatio ad bestias कहा जाता था। आमतौर पर सजा के इस तरीके में शेर या भूखे जंगली कुत्तों का इस्तेमाल होता था। अपराधी को ऊंचे बाड़े में रखा जाता था, जहां किसी संकरे रास्ते से शेर या कुत्तों को भेजा जाता। ये ध्यान रखा जाता था कि वे कई दिनों के भूखे हों ताकि अपराधी का शिकार करने में देर न हो। बाड़े के चारों ओर जनता बैठी होती। ये एक तरह से उनका मनोरंजन भी था और शासक द्वारा संदेश देने का तरीका भी, कि कोई गलती करे तो उसे ऐसी ही सजा मिलेगी।

जिराफ से करवाया गया रेप

रोम में आज से बहुत साल पहले सजा देने के तरीके इतने भयानक थे कि क्रूर से क्रूर इंसान दहल जाए। आज से लगभग 1900 साल पहले रोम में एक महिला वैज्ञानिक थी। Locusta नाम की ये वैज्ञानिक शासकों की मदद के लिए तरह-तरह की औषधियां बनाया करती। जहर बनाना भी उस महिला की एक खासियत थी। कहा जाता है कि राजद्रोह और हजारों लोगों को जहर देने के इलजाम में Locusta को मौत की सजा सुनाई गई। इस सजा के बतौर उन्हें नगर के बीचोंबीच बिना कपड़ों के खड़ा कर दिया गया और एक ट्रेंड जिराफ से उनका बलात्कार करवाया गया।