कोरोना अलर्ट / लॉकडाउन हटाने के मामले पर WHO ने जारी की चेतावनी, बताई यह भयावह स्थिति

कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए जहां भारत सरकार गंभीरता से लॉकडाउन को बढ़ाने पर विचार कर रही है, वहीं दुनिया के कुछ देशों ने इसमें ढील देने का फैसला लिया है। चीन ने तो 76 दिनों के बाद लॉकडाउन को पूरी तरह से हटा लिया है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसे सभी देशों को चेतावनी दी है। उसका कहना है कि यदि लॉकडाउन जैसे कड़े उपायों को हटाया गया, तो स्थिति सुधरने के बजाये बिगड़ सकती है।

Zee News : Apr 11, 2020, 03:41 PM
जिनेवा: कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप को देखते हुए जहां भारत सरकार गंभीरता से लॉकडाउन को बढ़ाने पर विचार कर रही है, वहीं दुनिया के कुछ देशों ने इसमें ढील देने का फैसला लिया है। चीन ने तो 76 दिनों के बाद लॉकडाउन को पूरी तरह से हटा लिया है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऐसे सभी देशों को चेतावनी दी है। उसका कहना है कि यदि लॉकडाउन जैसे कड़े उपायों को हटाया गया, तो स्थिति सुधरने के बजाये बिगड़ सकती है।

WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हम सबकुछ सामान्य होता देखना चाहेंगे, लेकिन प्रतिबंध हटाना खतरनाक हो सकता है।कुछ यूरोपीय देश जैसे कि इटली, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस में महामारी के फैलाव की रफ्तार में कमी आई है, लेकिन अफ्रीका के 16 देशों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ा है। इसलिए मौजूदा वक्त में प्रतिबंधों में ढील का फैसला जोखिम भरा हो सकता है’

गेब्रेयसस ने कहा, कोरोना वायरस के अब तक 1।5 मिलियन मामले सामने आ चुके हैं और 92,000 मौतें रिकॉर्ड की गई हैं। यमन में शुक्रवार को कोरोना का पहला केस दर्ज किया गया। परेशानी यह है कि यमन सालों से युद्ध का सामना कर रहा है, जिसके चलते वहां स्वास्थ्य सुविधाएँ कमजोर स्थिति में पहुँच गई हैं। ऐसे में यदि वहां संक्रमण फैलता है, तो उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा। 

संक्रमितों मरीजों के इलाज में कई डॉक्टरों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। इस पर दुःख जाहिर करते हुए WHO के महानिदेशक ने कहा, ‘स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का संक्रमण की चपेट में आना चिंता का विषय है। कुछ देशों में 10 प्रतिशत तक स्वास्थ्य कर्मचारियों के संक्रमित होने की रिपोर्ट सामने आई है, यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। संगठन द्वारा ज़रूरतमंद देशों को कोरोना से मुकाबले के आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति पर उन्होंने कहा, ‘हर महीने हमें कम से कम 100 मिलियन मेडिकल मास्क और दस्ताने, 25 मिलियन एन95 रेस्पिरेटर, गाउन और फेस शील्ड, 2।5 मिलियन नैदानिक परीक्षण किट और बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन संकेन्द्रक और अन्य उपकरणों ज़रूरतमंद देशों को भेजने होंगे’।

गेब्रेयसस टेड्रोस ने बताया कि लॉजिस्टिक संभालने वाली यूएन एजेंसी वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम (WFP)8 747 विमान, 8 मध्यम आकार के मालवाहक विमान और कई छोटे यात्री विमानों को तैनात करेगी, जो ऑपरेशन में आवश्यक सामान और सहायता श्रमिकों को लाने-ले-जाने का काम करेंगे। साथ ही उन्होंने दानदाताओं से WFP के संचालन में योगदान करने का आग्रह किया है।